ETV Bharat / city

रोहिणी के दुर्गा मंडप में उल्टी दिशा में विराजमान है गजोधर, जानिए पूरी कहानी - देवघर में दुर्गा पूजा

देशभर में नवरात्रि की धूम मची है. पूरा शहर भक्ति में डूबा हुआ है. बाबा नगरी के 200 साल पुराने दुर्गा मंदिर की भी कई रहस्यमय कहानियां हैं. जिनमें से कुछ को बताया गया है तो कई बातों का उजागर करने पर पाबंदियां लगाई गई है.

उल्टी दिशा में विराजमान है गजोधर
author img

By

Published : Oct 7, 2019, 11:14 PM IST

देवघर: देशभर में नवरात्रि की धूम मची है, हर ओर अलग-अलग मंदिरों में अलग-अलग रूप में माता विराजमान है. जहां देवी देवताओं की अलौकिक और दिव्य दर्शन प्राप्त हो रहे हैं. कुछ दुर्गा मंडप में देवी दुर्गा और अन्य देवी देवताओं के स्थापित होन के पीछे भी कई रोचक कहानियां भी सामने आ रही है.

देखें पूरी खबर

देवाधिदेव महादेव की नगरी देवघर के रोहिणी ग्राम में स्थापित मां दुर्गा मंडप में गणपति माता भवानी के वाम हस्त में स्थापित है. मंदिर के संस्थापक का कहना है कि रोहिणी ग्राम में माता दुर्गा मंदिर की स्थापना लगभग 200 वर्ष पहले हुई थी. इसलिए यहां तांत्रिक विधि से पूजा की जाती है और यहां भगवान गणेश उल्टी दिशा में विराजमान है. जिसका रहस्य बताने पर पाबंदी है.

ये भी पढ़ें- अगवा युवक 4 घंटे में सकुशल बरामद, पुलिस ने अपहरणकर्ता को किया गिरफ्तार

वहीं, स्टेट पुरोहित बताते हैं कि भगवान शिव पीपल पेड़ में अपनी त्रिशूल छोड़ गए थे, जिसके बाद से यहां माता दुर्गा की भी पूजा की जाती है. बहरहाल, रोहिणी ग्राम में दुर्गा मंडप काफी पुराना है. जहां शहर सहित आस पास के ग्रामीण क्षेत्रो के लोगों में काफी प्रचलित है जहां बलि प्रथा भी है और यहां चार दिन मेला भी रहता है और विजया दसमी को विसर्जन की जाती है.

देवघर: देशभर में नवरात्रि की धूम मची है, हर ओर अलग-अलग मंदिरों में अलग-अलग रूप में माता विराजमान है. जहां देवी देवताओं की अलौकिक और दिव्य दर्शन प्राप्त हो रहे हैं. कुछ दुर्गा मंडप में देवी दुर्गा और अन्य देवी देवताओं के स्थापित होन के पीछे भी कई रोचक कहानियां भी सामने आ रही है.

देखें पूरी खबर

देवाधिदेव महादेव की नगरी देवघर के रोहिणी ग्राम में स्थापित मां दुर्गा मंडप में गणपति माता भवानी के वाम हस्त में स्थापित है. मंदिर के संस्थापक का कहना है कि रोहिणी ग्राम में माता दुर्गा मंदिर की स्थापना लगभग 200 वर्ष पहले हुई थी. इसलिए यहां तांत्रिक विधि से पूजा की जाती है और यहां भगवान गणेश उल्टी दिशा में विराजमान है. जिसका रहस्य बताने पर पाबंदी है.

ये भी पढ़ें- अगवा युवक 4 घंटे में सकुशल बरामद, पुलिस ने अपहरणकर्ता को किया गिरफ्तार

वहीं, स्टेट पुरोहित बताते हैं कि भगवान शिव पीपल पेड़ में अपनी त्रिशूल छोड़ गए थे, जिसके बाद से यहां माता दुर्गा की भी पूजा की जाती है. बहरहाल, रोहिणी ग्राम में दुर्गा मंडप काफी पुराना है. जहां शहर सहित आस पास के ग्रामीण क्षेत्रो के लोगों में काफी प्रचलित है जहां बलि प्रथा भी है और यहां चार दिन मेला भी रहता है और विजया दसमी को विसर्जन की जाती है.

Intro:देवघर रोहिणी के दुर्गा मंडप में क्यों उल्टी दिशा में विराजमान है गजोधर,जानिए पूरी कहानी ईटीवी भारत की जुबानी।


Body:एंकर देवघर जहां देश भर में नवरात्रो की धूम मची है, जहां अलग अलग मंदिरों में अलग अलग स्वरूप में माता विराजमांन है वही, माता के साथ साथ अन्य देवी देवताओं के भी अलौकिक और दिव्य दर्शन प्राप्त हो रहे हैं, इतना ही नही कुछ दुर्गा मंडपो में देवी दुर्गा और अन्य देवी देवताओं के स्थापित होन के पीछे भी कई रोचक कहानियां भी सामने आ रही है। इन्ही में से एक है देवाधिदेव महादेव की नगरी देवघर के रोहिणी ग्राम में स्थापित, मां दुर्गा मंडप जहां गणपति यानी गणेश, माता भवानी के वाम हस्त में स्थापित है मंदिर के संस्थापक की माने तो रोहिणी ग्राम में माता दुर्गा मंदिर की स्थापना लगभग 200 वर्ष पहले हुई थी जो औऱ यहाँ तांत्रिक विधि से पुजा की जाती है। और यहाँ भगवान गणेश उल्टी दिशा में विराजमान है जिसका रहस्य बताने पर पाबंदी है। वही स्टेट पुरोहित बताते है कि भगवान शिव द्वारा पीपल पेड़ में अपनी त्रिशूल छोड़ गए थे जिसके साथ माता दुर्गा का यहाँ पूजा की जाती है यानी यहाँ शिव और शक्ति की पूजा की जाती है।


Conclusion:बहरहाल,रोहिणी ग्राम में दुर्गा मंडप काफी पुराना है जहां शहर सहित आस पास के ग्रामीण क्षेत्रो के लोगो मे काफी प्रचलित है जहाँ बलि प्रथा भी है। और यहाँ चार दिन मेला भी रहता है और विजया दसमी को विसर्जन की जाती है।

बाइट जागेश्वर पांडेय,स्टेट पुरोहित।
बाइट संजीव देव,रोहिणी स्टेट वंसज मंदिर संस्थापक।
बाइट स्थानीय।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.