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SPECIAL: लॉकडाउन में 50 फीसदी घटा दूध का कारोबार, संकट में कारोबारी

देवघर डेयरी से संताल-परगना के चार जिला देवघर, दुमका, जामताड़ा और गिरिडीह से दूध में 50% की खरीदारी और बिक्री में कमी आई है. पहले हर दिन 20 हजार दूध की खरीदारी कर बिक्री की जाती थी. अभी मजबूरन 11 हजार लीटर दूध पर लिमिट कर दिया गया है. ऐसे में प्रतिदिन 3 लाख रुपए का नुकसान किसानों को उठाना पड़ रहा है.

Milk business reduced
लॉकडाउन में दूध कारोबार
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Published : May 3, 2020, 3:38 PM IST

Updated : May 8, 2020, 5:03 PM IST

देवघर: कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश में लॉकडाउन लगा हुआ है. ऐसी स्थिति में बड़े-बड़े कल-कारखाने बंद हैं. इस स्थिति में दूध कारोबारी की हालत खराब हो चुकी है. दूध की खपत होने वाले सभी मिठाई दुकान सहित बड़े-बड़े कार्यक्रम बंद है, जिस कारण उत्पादन क्षमता का सिर्फ 50 प्रतिशत ही खपत हो रही है.

देखिए स्पेशल स्टोरी

दूध की बिक्री कम होने पर किसानों ने जानवरों को दिया जाने वाला पौष्टिक अनाज कम कर दिया है. इसका खामियाजा इन बेजुबानों को भुगतना पड़ रहा है. अब तो जानवरों की हड्डियां तक निकल आई है और बीमार भी पड़ने लगे हैं. जानवरों को दिया जाने वाला अनाज महंगा हो चुका है.

Milk business reduced lockdown in deoghar
20 हजार लीटर की खपत

सरकार से मदद की आस

दूध कारोबारी किसानों की मानें तो लॉकडाउन की स्थिति में आवाजाही के साथ-साथ सभी मिठाई की दुकानें बंद है. जिससे दूध की खपत आधी हो गयी है. इस कारण दूध भी ओने पोने दाम में बेचना पड़ रहा है. अब विशेष चिंता अगर है तो जानवरों को लेकर क्योंकि गाय को मिलने वाला चारा और दाना नहीं मिल रहा है, जिससे अब जानवर कमजोर और बीमार पड़ने लगे हैं. किसानों ने कहा कि इस महामारी के बीच सरकार जिला प्रशासन की मदद से कम रेट में चारा और दाना उपलब्ध कराए ताकि डेयरी पशुपालकों को राहत मिल सके.

Milk business reduced lockdown in deoghar
9 हजार लीटर की खपत

लॉकडाउन में दूध व्यवसाय

झारखंड मिल्क फेडरेशन इंचार्ज मिलन मिश्रा बताते हैं कि देश में लॉकडाउन की स्थिति है. इस से झारखंड में डेयरी सेक्टर प्रभावित हुआ है. देवघर डेयरी से संताल-परगना के चार जिला देवघर, दुमका, जामताड़ा और गिरिडीह से दूध में 50% की खरीदारी और बिक्री में कमी आई है. पहले हर दिन 20 हजार दूध की खरीदारी कर बिक्री की जाती थी. अभी मजबूरन 11 हजार लीटर दूध पर लिमिट कर दिया गया है. आज की तारीख में महज 9 हजार लीटर की खपत है. हर दिन 6 लाख रुपए की दूध की खरीदारी होती थी, लेकिन अभी लगभग 3 लाख 50 हजार की ही दूध की खरीदारी होती है. ऐसे में प्रतिदिन 3 लाख रुपए का नुकसान किसानों को उठाना पड़ रहा है.

Milk business reduced lockdown in deoghar
कारोबार में 50 फीसदी की कमी

देवघर डेयरी को नुकसान

शुरुआत में अधिक दूध की खरीदारी से देवघर डेयरी को भी नुकसान उठाना पड़ गया था. इस स्थिति में पूरे झारखंड का आंकड़ा देखे तो डेयरी क्षेत्र में लगभग 45% का ही बाजार रहा है. पूरे झारखंड में 1 लाख 30 हजार लीटर दूध की खरीदारी होती थी अब 85 हजार लीटर ही दूध की खरीदारी हो रही है. महज 50 हजार लीटर का ही खपत रह गया है. हालांकि डेयरी में जरूरत से ज्यादा दूध की खरीदारी की जा रही है. इससे पाउडर भी बनाया जा रहा है ताकि किसानों को राहत मिल सके, लेकिन आगे भी लॉकडाउन की स्थिति अगर बरकरार रहेगी तो दूध उत्पादन के क्षेत्र में एक बड़ी समस्या उत्पन्न हो जाएगी.

ये भी पढे़ं: कोरोना संक्रमित रिटायर्ड लोकपाल सदस्य अजय त्रिपाठी का निधन

डेयरी किसानों को हो रही परेशानियों को लेकर टीवीओ पदाधिकारी डॉ. सुनील तिवारी से जवाब तलब किया गया तो इन्होंने कहा कि शुरुआती दौर में डेयरी किसानों को कुछ समस्या आई थी, लेकिन अब मिठाई दुकानों को परमिशन मिल गया है. अब परेशानी नहीं होगी. जानवरों को नियमानुसार चारा देने की सलाह भी दी गई है. हालांकि, दूध प्रोडक्शन के लिए पौष्टिक आहार बंद किया गया था, जिससे जानवरों पर कोई नुकसान नहीं होगा.

देवघर: कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश में लॉकडाउन लगा हुआ है. ऐसी स्थिति में बड़े-बड़े कल-कारखाने बंद हैं. इस स्थिति में दूध कारोबारी की हालत खराब हो चुकी है. दूध की खपत होने वाले सभी मिठाई दुकान सहित बड़े-बड़े कार्यक्रम बंद है, जिस कारण उत्पादन क्षमता का सिर्फ 50 प्रतिशत ही खपत हो रही है.

देखिए स्पेशल स्टोरी

दूध की बिक्री कम होने पर किसानों ने जानवरों को दिया जाने वाला पौष्टिक अनाज कम कर दिया है. इसका खामियाजा इन बेजुबानों को भुगतना पड़ रहा है. अब तो जानवरों की हड्डियां तक निकल आई है और बीमार भी पड़ने लगे हैं. जानवरों को दिया जाने वाला अनाज महंगा हो चुका है.

Milk business reduced lockdown in deoghar
20 हजार लीटर की खपत

सरकार से मदद की आस

दूध कारोबारी किसानों की मानें तो लॉकडाउन की स्थिति में आवाजाही के साथ-साथ सभी मिठाई की दुकानें बंद है. जिससे दूध की खपत आधी हो गयी है. इस कारण दूध भी ओने पोने दाम में बेचना पड़ रहा है. अब विशेष चिंता अगर है तो जानवरों को लेकर क्योंकि गाय को मिलने वाला चारा और दाना नहीं मिल रहा है, जिससे अब जानवर कमजोर और बीमार पड़ने लगे हैं. किसानों ने कहा कि इस महामारी के बीच सरकार जिला प्रशासन की मदद से कम रेट में चारा और दाना उपलब्ध कराए ताकि डेयरी पशुपालकों को राहत मिल सके.

Milk business reduced lockdown in deoghar
9 हजार लीटर की खपत

लॉकडाउन में दूध व्यवसाय

झारखंड मिल्क फेडरेशन इंचार्ज मिलन मिश्रा बताते हैं कि देश में लॉकडाउन की स्थिति है. इस से झारखंड में डेयरी सेक्टर प्रभावित हुआ है. देवघर डेयरी से संताल-परगना के चार जिला देवघर, दुमका, जामताड़ा और गिरिडीह से दूध में 50% की खरीदारी और बिक्री में कमी आई है. पहले हर दिन 20 हजार दूध की खरीदारी कर बिक्री की जाती थी. अभी मजबूरन 11 हजार लीटर दूध पर लिमिट कर दिया गया है. आज की तारीख में महज 9 हजार लीटर की खपत है. हर दिन 6 लाख रुपए की दूध की खरीदारी होती थी, लेकिन अभी लगभग 3 लाख 50 हजार की ही दूध की खरीदारी होती है. ऐसे में प्रतिदिन 3 लाख रुपए का नुकसान किसानों को उठाना पड़ रहा है.

Milk business reduced lockdown in deoghar
कारोबार में 50 फीसदी की कमी

देवघर डेयरी को नुकसान

शुरुआत में अधिक दूध की खरीदारी से देवघर डेयरी को भी नुकसान उठाना पड़ गया था. इस स्थिति में पूरे झारखंड का आंकड़ा देखे तो डेयरी क्षेत्र में लगभग 45% का ही बाजार रहा है. पूरे झारखंड में 1 लाख 30 हजार लीटर दूध की खरीदारी होती थी अब 85 हजार लीटर ही दूध की खरीदारी हो रही है. महज 50 हजार लीटर का ही खपत रह गया है. हालांकि डेयरी में जरूरत से ज्यादा दूध की खरीदारी की जा रही है. इससे पाउडर भी बनाया जा रहा है ताकि किसानों को राहत मिल सके, लेकिन आगे भी लॉकडाउन की स्थिति अगर बरकरार रहेगी तो दूध उत्पादन के क्षेत्र में एक बड़ी समस्या उत्पन्न हो जाएगी.

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डेयरी किसानों को हो रही परेशानियों को लेकर टीवीओ पदाधिकारी डॉ. सुनील तिवारी से जवाब तलब किया गया तो इन्होंने कहा कि शुरुआती दौर में डेयरी किसानों को कुछ समस्या आई थी, लेकिन अब मिठाई दुकानों को परमिशन मिल गया है. अब परेशानी नहीं होगी. जानवरों को नियमानुसार चारा देने की सलाह भी दी गई है. हालांकि, दूध प्रोडक्शन के लिए पौष्टिक आहार बंद किया गया था, जिससे जानवरों पर कोई नुकसान नहीं होगा.

Last Updated : May 8, 2020, 5:03 PM IST
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