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जन्माष्टमी: कृष्ण के इस मंदिर में 108 सालों तक जारी रहेगा अखंड हरि कीर्तन का जाप

देवघर के जसीडीह स्थित लीलानंद पागल बाबा आश्रम की स्थापना 1967 में लीलानंद ठाकुर ने की थी. इस मंदिर में 108 वर्ष तक अनवरत अखंड हरिनाम कीर्तन का संकल्प किया गया था. जो 24 घंटे 4 पालियों में लगातार कृष्ण भजन होता रहता है.

जन्माष्टमी
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Published : Aug 23, 2019, 12:23 PM IST

देवघर: भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव यानी जन्माष्टमी पूरे देश में धूमधाम से मनाई जा रही है. देवघर में जन्माष्टमी की धूम देखी जा रही है. देवघर के जसीडीह स्थित पागल बाबा आश्रम में जन्माष्टमी की झांकी देखने लायक होती है. यहां 1967 से दिन-रात हरि कीर्तन किया जा रहा है और यह कीर्तन 108 सालों तक लगातार चलता रहेगा.

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लीलानंद पागल बाबा आश्रम जो कि देवघर से 7 किलोमीटर दूर है. इस आश्रम की स्थापना 1967 में लीलानंद ठाकुर ने की थी. इस मंदिर में 108 वर्ष तक अनवरत अखंड हरिनाम कीर्तन का संकल्प किया गया था. जो 24 घंटे 4 पालियों में लगातार कृष्ण भजन होता रहता है. यहां अष्टधातु से निर्मित राधा कृष्ण की मूर्ति है.

ये भी पढे़ं: CBI करेगी अंतरिक्ष की मौत की जांच! मां ने पिता पर लगाया बेटे की हत्या का आरोप
जन्माष्टमी में यहां की झांकी देखने लायक होती है. यहां जन्माष्टमी का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. यहां श्री कृष्ण के इस आलौकिक छवि के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ती है. राधा कृष्ण के झूले को हर कृष्ण भक्त झूला झूलने को लेकर उत्साहित रहता है. कृष्ण जन्माष्टमी के दिन यहां एक मेला भी लगता है. राधा कृष्ण की आलौकिक छवि को देखने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ती है. आसपास के साथ-साथ बंगाल बिहार से भी भक्त यहां पहुंचते हैं. यहां आने वाले भक्त कृष्ण भजन में इस तरह खो जाते है कि लोगों को समय का पता ही नहीं चलता है.

देवघर: भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव यानी जन्माष्टमी पूरे देश में धूमधाम से मनाई जा रही है. देवघर में जन्माष्टमी की धूम देखी जा रही है. देवघर के जसीडीह स्थित पागल बाबा आश्रम में जन्माष्टमी की झांकी देखने लायक होती है. यहां 1967 से दिन-रात हरि कीर्तन किया जा रहा है और यह कीर्तन 108 सालों तक लगातार चलता रहेगा.

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लीलानंद पागल बाबा आश्रम जो कि देवघर से 7 किलोमीटर दूर है. इस आश्रम की स्थापना 1967 में लीलानंद ठाकुर ने की थी. इस मंदिर में 108 वर्ष तक अनवरत अखंड हरिनाम कीर्तन का संकल्प किया गया था. जो 24 घंटे 4 पालियों में लगातार कृष्ण भजन होता रहता है. यहां अष्टधातु से निर्मित राधा कृष्ण की मूर्ति है.

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जन्माष्टमी में यहां की झांकी देखने लायक होती है. यहां जन्माष्टमी का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. यहां श्री कृष्ण के इस आलौकिक छवि के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ती है. राधा कृष्ण के झूले को हर कृष्ण भक्त झूला झूलने को लेकर उत्साहित रहता है. कृष्ण जन्माष्टमी के दिन यहां एक मेला भी लगता है. राधा कृष्ण की आलौकिक छवि को देखने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ती है. आसपास के साथ-साथ बंगाल बिहार से भी भक्त यहां पहुंचते हैं. यहां आने वाले भक्त कृष्ण भजन में इस तरह खो जाते है कि लोगों को समय का पता ही नहीं चलता है.

Intro:देवघर कृष्ण की लीला से सब परिचित है सभी अलग अलग तरीके से भगवान श्री कृष्ण की पूजा भी करते है लेकिन,देवघर के जसीडीह स्थित पागल बाबा आश्रम की बात और मंदिरों से थोड़ा भिन्न है 1967 से दिन रात हरि कीर्तन किया जा रहा है और यहां कीर्तन 108 वर्षो तक लगातार चलता रहेगा।


Body:एंकर देवघर ये है लीलानंद पागल बाबा आश्रम जो कि देवघर से 7 किलोमीटर दूर है इस आश्रम की स्थापना 1967 में लीलानंद ठाकुर ने की थी इस मंदिर में 108 वर्ष तक अनवरत अखंड हरिनाम कीर्तन का संकल्प किया गया था जो 24 घंटे 4 पालियों में लगातार कृष्ण भजन होता रहता है यहां अष्टधातु से निर्मित राधा कृष्ण की मूर्ति है। जन्माष्टमी में यहाँ की झांकी देखने लायक होती है यहाँ जन्माष्टमी का त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। यहाँ श्री कृष्ण के इस आलौकिक छवि के दर्शन के लिए भक्तो की भीड़ उमड़ती है राधा कृष्ण के झूले को हर कृष्ण भक्त झूला झूलने को लेकर ल्लाहित रहता है कृष्ण जन्माष्टमी के दिन यहाँ एक मेला भी लगता है। ओर भजन कलाकारों द्वारा रात भर भक्ति भजन से सराबोर कर दिया जाता है जहाँ भक्त इस भक्ति रस का खूब आनंद उठाते है और श्रीकृष्ण की जन्मोत्सव मानते है


Conclusion:बहरहाल,राधा कृष्ण की यहां आलौकिक छवि को देखने के लिए भक्तो की भीड़ उमड़ती है जो आसपास के साथ साथ बंगाल बिहार से भी भक्त यहाँ पहुचते है आप जब भी कभी यहां आते है तो कृष्ण भजन की धूनी आपतक पहुचती रहती है यहां आने वाले भक्त कृष्ण भजन में इस तरह खो जाते है कि लोगो को समय का पता ही नही चलता है।

बाइट बालेश्वर पांडेय,पुजारी पागल बाबा आश्रम।
बाइट श्रद्धालु,स्थानीय।
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