देवघर: भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव यानी जन्माष्टमी पूरे देश में धूमधाम से मनाई जा रही है. देवघर में जन्माष्टमी की धूम देखी जा रही है. देवघर के जसीडीह स्थित पागल बाबा आश्रम में जन्माष्टमी की झांकी देखने लायक होती है. यहां 1967 से दिन-रात हरि कीर्तन किया जा रहा है और यह कीर्तन 108 सालों तक लगातार चलता रहेगा.
लीलानंद पागल बाबा आश्रम जो कि देवघर से 7 किलोमीटर दूर है. इस आश्रम की स्थापना 1967 में लीलानंद ठाकुर ने की थी. इस मंदिर में 108 वर्ष तक अनवरत अखंड हरिनाम कीर्तन का संकल्प किया गया था. जो 24 घंटे 4 पालियों में लगातार कृष्ण भजन होता रहता है. यहां अष्टधातु से निर्मित राधा कृष्ण की मूर्ति है.
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जन्माष्टमी में यहां की झांकी देखने लायक होती है. यहां जन्माष्टमी का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. यहां श्री कृष्ण के इस आलौकिक छवि के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ती है. राधा कृष्ण के झूले को हर कृष्ण भक्त झूला झूलने को लेकर उत्साहित रहता है. कृष्ण जन्माष्टमी के दिन यहां एक मेला भी लगता है. राधा कृष्ण की आलौकिक छवि को देखने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ती है. आसपास के साथ-साथ बंगाल बिहार से भी भक्त यहां पहुंचते हैं. यहां आने वाले भक्त कृष्ण भजन में इस तरह खो जाते है कि लोगों को समय का पता ही नहीं चलता है.