देवघर: किसानों को उनकी उपज की सही कीमत मिल सके, इसके लिए झारखंड में सरकार ने एमएसपी निर्धारित की है. इसी के अनुरूप देवघर में पैक्स के माध्यम से धान खरीद का निर्णय लिया गया है, लेकिन उचित व्यवस्था के अभाव में किसान यहां खुले बाजार में औने-पौने कीमत पर धान बेचने को मजबूर हैं. एमएसपी को लेकर सरकार के दावे और जमीनी हकीकत में फर्क देवघर के हाट बाजारों में साफ देखा जा सकता है.
दरअसल यहां किसान सरकार की निर्धारित एमएसपी से काफी कम कीमत पर अपना धान बेचने को मजबूर हैं. सरकार द्वारा निर्धारित 2050 रुपये प्रति क्विंटल की जगह किसान 1,200 से 1,300 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर अपना धान बिचौलिया के हाथों बेचने को मजबूर हैं. किसानों के अनुसार सरकार धान खरीद की मुकम्मल व्यवस्था न रहने के कारण उन्हें बिचौलियों के हाथों अपनी उपज बेचनी पड़ रही है.
झारखंड सरकार ने इस खरीफ मौसम में 182 रुपये बोनस के साथ 2050 रुपये प्रति क्विंटल धान का खरीद मूल्य निर्धारित किया है. देवघर में इसके लिए 18 पैक्स में धान क्रय केंद्र खोला गया है, लेकिन इन पेक्सो की संख्या कम होने और समय पर किसानों को भुगतान नहीं मिलने के कारण किसान यहां अपना धान बेचने से कतराते हैं. देवघर के गोपालपुर पैक्स में अभी तक मात्र 56 किसान ही धान बेचने पहुंचे हैं. यहां 11 हजार क्विंटल धान खरीद के लक्ष्य की जगह अभी तक मात्र 2 हजार 34 क्विंटल ही धान पहुंच पाया है.
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अधिकारी के अनुसार इस खरीफ मौसम में देवघर में 10 हजार से अधिक किसानों से 1 लाख क्विंटल धान खरीद का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन अभी तक तकरीबन 28 हजार क्विंटल धान की खरीद हो पाई है. पैक्स में धान बेचने के प्रति किसानों की उदासीनता पर अधिकारी के पास भी कोई स्पष्ट जवाब नहीं है.