देवघरः भाई-बहन का त्योहर रक्षाबंधन 12 अगस्त को है. इस त्योहर से पहले देवघर में राखियों की दुकानें (Rakhi market decorated in Deoghar) सज गई है. स्थायी दुकानों से लेकर फुटपाथी दुकानों में रंग-बिरंगे राखियां हैं. लेकिन बाजार में खरीदार नहीं हैं. दुकानदार बताते हैं कि सिर्फ स्थानीय लोग राखी खरीद रहे है. जिन्हें बाहर राखी भेजना है, वह ऑनलाइन राखी खरीद कर भेज रहे हैं. ऑनलाइन शॉपिंग का असर राखी के बाजार (Effect of online sale) पर पड़ा है.
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देवघर के बाजार में मुंबई, कोलकाता, दिल्ली, गुजरात के राजकोट से राखियां मंगवाई गयी हैं. दुकानदार कहते हैं कि कोरोना संक्रमण की वजह से दो साल बाद राखी का बाजार सजा है. इससे उम्मीद थी कि इस साल राखी की बिक्री अधिक होगी. इससे एडी स्टोन, एडी मेटल, तिरंगा, मिक्स डिजाइन जैसी कई तरह की राखी मंगवा कर स्टॉक किया. लेकिन शुक्रवार को रक्षाबंधन है और दुकान में राखी अब भी भरी पड़ी है. दुकानदार बताते हैं कि राखी की ऑनलाइन बिक्री (online sale of Rakhi) की वजह लोग दुकानों का रूख ना के बराबर करते हैं.
हर साल की तरह इस साल भी बाबा नगरी देवघर का मुख्य बाजार का फुटपाथ राखी दुकान से सज गया है. इन दुकानों में सिर्फ स्थानीय महिलायें और लड़कियां राखी की खरीदारी करती दिखी. दुकानदार अमित केशरी कहते हैं कि ऑनलाइन शॉपिंग का असर राखी के बाजार पर पड़ा है. उन्होंने कहा कि त्योहार से एक दिन पहले दुकान से राखी खत्म हो जाता था. लेकिन इस साल दुकान में राखी भरा पड़ा है. उन्होंने कहा कि डाक से राखी भेजने पर समय पर नहीं पहुंचता है. इससे जिन बहनों को राखी बाहर भेजना था, वे लॉनलाइन खरीदारी कर भेज दिया. इससे स्थानीय बाजार में राखी की बिक्री नहीं के बराबर है.