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देवघर: पूरे संताल परगना में फल का आयात करने वाली बाजार समिति है वीरान, श्रावणी मेले में होता था करोड़ों का कारोबार - लॉकडाउन से फल कारोबारियों को हुआ नुकसान

देवघर बाजार समिति में लगभग छोटे-बड़े मिलाकर 20 से 25 थोक फल विक्रेता हैं, जो पूरे संताल परगना में फल की सप्लाई करते हैं. वहीं इन फल विक्रेताओं का फल सावन महीने में देवघर से लेकर सुल्तानगंज तक कांवरिया पथ में लगने वाली दुकानों को सप्लाई होता था. हालांकि मौजूदा वक्त में कोरोना संक्रमण ने ब्रेक लगा दी है. पिछले 3 महीने से लॉकडाउन की वजह से 10 फीसदी ही फलों का कारोबार हो रहा है.

Economic loss to fruit traders due to lockdown in deoghar
देवघर बाजार समिति
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Published : Jul 25, 2020, 10:59 PM IST

देवघर: बाबा भोले की नगरी में लगने वाला मास व्यापी श्रावणी मेला इस बार कोरोना संक्रमण के मद्देनजर नहीं लगा. देवघर से लेकर सुल्तानगंज तक लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता था. बाबा भोले की आराधना में लीन भक्त फलहारी पर ही कांवर यात्रा करते हैं. देवघर की बाजार समिति के थोक विक्रेता इस एक महीने में लगभग एक करोड़ के फल का कारोबार करते थे, मगर आज आम दिनों जैसा भी हाल भी नहीं है. सभी फल थोक विक्रेताओं की उम्मीद पर कोरोना संक्रमण की वजह से मायूसी छाई है.

देखिये स्पेशल स्टोरी

बाजार समिति में लगभग छोटे-बड़े मिलाकर 20 से 25 थोक फल विक्रेता हैं, जो पूरे संताल परगना में फल की सप्लाई करते हैं. वहीं इन फल विक्रेताओं का फल सावन महीने में देवघर से लेकर सुल्तानगंज तक कांवरिया पथ में लगने वाली दुकानों को सप्लाई होता था. हालांकि मौजूदा वक्त में कोरोना संक्रमण ने ब्रेक लगा दी है. पिछले 3 महीने से लॉकडाउन की वजह से 10 फीसदी ही फलों का कारोबार हो रहा है. व्यापारियों को एक उम्मीद थी कि श्रावणी मेले में इसकी भरपाई हो जाएगी, मगर मेला भी नहीं लगा.

ये भी पढ़ें- देवघर: कभी 'भगवान' भरोसे था भंडारी समाज, आज सरकार से है आस

कुछ फल अगर मंगाए भी जा रहे हैं, तो बारिश के कारण जल्द खराब हो जा रहे हैं. इसकी भरपाई करना भी अब मुश्किल हो रहा है. वहीं, कारोबारी बताते हैं कि बाजार समिति में सिर्फ सावन के एक महीने में लगभग 1 करोड़ का कारोबार होता था, मगर आज बाजार बिल्कुल ही वीरान है. इस बार बाजार समिति के थोक फल विक्रेताओं की उम्मीद पर कोरोना ने पानी फेर दिया है. साल भर चलने वाली बाजार की खुदरा फल विक्रेताओं के भरोसे ही अब बाजार समिति चल रही है.

देवघर: बाबा भोले की नगरी में लगने वाला मास व्यापी श्रावणी मेला इस बार कोरोना संक्रमण के मद्देनजर नहीं लगा. देवघर से लेकर सुल्तानगंज तक लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता था. बाबा भोले की आराधना में लीन भक्त फलहारी पर ही कांवर यात्रा करते हैं. देवघर की बाजार समिति के थोक विक्रेता इस एक महीने में लगभग एक करोड़ के फल का कारोबार करते थे, मगर आज आम दिनों जैसा भी हाल भी नहीं है. सभी फल थोक विक्रेताओं की उम्मीद पर कोरोना संक्रमण की वजह से मायूसी छाई है.

देखिये स्पेशल स्टोरी

बाजार समिति में लगभग छोटे-बड़े मिलाकर 20 से 25 थोक फल विक्रेता हैं, जो पूरे संताल परगना में फल की सप्लाई करते हैं. वहीं इन फल विक्रेताओं का फल सावन महीने में देवघर से लेकर सुल्तानगंज तक कांवरिया पथ में लगने वाली दुकानों को सप्लाई होता था. हालांकि मौजूदा वक्त में कोरोना संक्रमण ने ब्रेक लगा दी है. पिछले 3 महीने से लॉकडाउन की वजह से 10 फीसदी ही फलों का कारोबार हो रहा है. व्यापारियों को एक उम्मीद थी कि श्रावणी मेले में इसकी भरपाई हो जाएगी, मगर मेला भी नहीं लगा.

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कुछ फल अगर मंगाए भी जा रहे हैं, तो बारिश के कारण जल्द खराब हो जा रहे हैं. इसकी भरपाई करना भी अब मुश्किल हो रहा है. वहीं, कारोबारी बताते हैं कि बाजार समिति में सिर्फ सावन के एक महीने में लगभग 1 करोड़ का कारोबार होता था, मगर आज बाजार बिल्कुल ही वीरान है. इस बार बाजार समिति के थोक फल विक्रेताओं की उम्मीद पर कोरोना ने पानी फेर दिया है. साल भर चलने वाली बाजार की खुदरा फल विक्रेताओं के भरोसे ही अब बाजार समिति चल रही है.

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