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देवघर: दो दिव्यांगों के प्रति सरकारी उदासीनता, नही मिल रहा पेंशन और सुविधा

देवघर में दो दिव्यांगों को आर्थिक मदद देने के लिए दिव्यांग पेंशन योजना स्वीकृत है, लेकिन उन्हें ये सुविधाएं नसीब नहीं हो रही. इस वजह से उन दोनों को योजना का लाभ नहीं मिल रहा है.

दिव्यांग सुलेखा और उत्तम
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Published : Jun 11, 2019, 4:17 PM IST

देवघर: दिव्यांगों को आर्थिक मदद पहुंचाने के लिए सरकार द्वारा उन्हें दिव्यांग पेंशन देने की योजना स्वीकृत है, लेकिन देवघर के चरकी पहाड़ी गांव के दो परिवार अपने दिव्यांग बच्चों को सरकार की इस योजना का लाभ दिलाने में असफल हो रहा है.

देवघर प्रखंड के चरकी पहाड़ी गांव की सुलेखा कुमारी अपने हाथों के बल चलने को मजबूर है. दिव्यांग होने के बावजूद उसके हौसले में कोई कमी नहीं आई है. पढ़-लिख कर सुलेखा जीवन में अच्छा मुकाम हासिल करने की तमन्ना रखती है, लेकिन सरकार द्वारा दिव्यांगों को मिलने वाली पेंशन योजना साथ ही ट्राई साइकिल का उसे लाभ नहीं मिल रहा है.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-ट्रैक्टर के नीचे दबकर मजदूर की मौत, अस्पताल ले जाने के बजाय वाहन लेकर भागा ड्राइवर

इसी तरह सुनने और बोलने में लाचार गांव का दिव्यांग युवक उत्तम की भी कहानी यही है. उत्तम को पहले पेंशन का लाभ मिलता था, लेकिन ऑनलाइन भुगतान व्यवस्था शुरू होने के बाद से उसे भी इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है.

सदर अंचलाधिकारी कि माने तो बाल विकास पदाधिकारी को इस मामले से अवगत करा दिया गया है. इसमें आवश्यक जांच के बाद दोनों दिव्यांगों को पेंशन योजना का लाभ दिलाने की बात अंचलाधिकारी ने की है. उन्होंने कहा कि जरूरतमंदों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के उद्देश्य से ही दिव्यांग पेंशन जैसी योजना शुरू की गई. अधिकारियों की लापरवाही से इन योजनाओं का वास्तविक लाभ से लोग वंचित रह जा रहे हैं.

देवघर: दिव्यांगों को आर्थिक मदद पहुंचाने के लिए सरकार द्वारा उन्हें दिव्यांग पेंशन देने की योजना स्वीकृत है, लेकिन देवघर के चरकी पहाड़ी गांव के दो परिवार अपने दिव्यांग बच्चों को सरकार की इस योजना का लाभ दिलाने में असफल हो रहा है.

देवघर प्रखंड के चरकी पहाड़ी गांव की सुलेखा कुमारी अपने हाथों के बल चलने को मजबूर है. दिव्यांग होने के बावजूद उसके हौसले में कोई कमी नहीं आई है. पढ़-लिख कर सुलेखा जीवन में अच्छा मुकाम हासिल करने की तमन्ना रखती है, लेकिन सरकार द्वारा दिव्यांगों को मिलने वाली पेंशन योजना साथ ही ट्राई साइकिल का उसे लाभ नहीं मिल रहा है.

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इसी तरह सुनने और बोलने में लाचार गांव का दिव्यांग युवक उत्तम की भी कहानी यही है. उत्तम को पहले पेंशन का लाभ मिलता था, लेकिन ऑनलाइन भुगतान व्यवस्था शुरू होने के बाद से उसे भी इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है.

सदर अंचलाधिकारी कि माने तो बाल विकास पदाधिकारी को इस मामले से अवगत करा दिया गया है. इसमें आवश्यक जांच के बाद दोनों दिव्यांगों को पेंशन योजना का लाभ दिलाने की बात अंचलाधिकारी ने की है. उन्होंने कहा कि जरूरतमंदों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के उद्देश्य से ही दिव्यांग पेंशन जैसी योजना शुरू की गई. अधिकारियों की लापरवाही से इन योजनाओं का वास्तविक लाभ से लोग वंचित रह जा रहे हैं.

Intro:देवघर दो दिव्यंगों के प्रति सरकारी उदासीनता,नही मिलरहा पेंशन ओर सुविधा।


Body:एंकर देवघर दिव्यांगों को आर्थिक मदद पहुंचाने के लिए सरकार द्वारा उन्हें पेंशन देने की योजना स्वीकृत है लेकिन देवघर के चरकी पहाड़ी गांव का दो परिवार अपने दिव्यांग बच्चों को सरकार की इस योजना का लाभ दिलाने में विफल रहा है।
अपने हाथों के बल चलने को मजबूर यह है देवघर प्रखंड के चरकी पहाड़ी गांव की दिव्यांग सुलेखा कुमारी दिव्यांग होने के बाबजूद उसके हौसले में कोई कमी नहीं आई है। पढ़-लिख कर सुलेखा जीवन में अच्छा मुकाम हासिल करने की तमन्ना रखती है लेकिन सरकार द्वारा दिव्यांगों को मिलने वाली पेंशन योजना साथ ही ट्रायसाइकिल का उसे लाभ नहीं मिल रहा है। ठीक इसी तरह सुनने और बोलने में लाचार गांव के एक दिव्यांग युवक उत्तम की भी कहानी है। युवक को पहले पेंशन का लाभ मिलता था लेकिन ऑनलाइन भुगतान व्यवस्था शुरू होने के बाद से उसको भी इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है।मामला सामने लाये जाने पर अधिकारी की नींद खुली है सदर अंचलाधिकारी की माने तो बाल विकास पदाधिकारी को इस मामले से अवगत करा दिया गया है। आवश्यक जांच के बाद दोनों दिव्यांगों को पेंशन योजना का लाभ दिलाने की बात अंचलाधिकारी ने की है। ओर जरूरतमंदों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के उद्देश्य से ही दिव्यांग पेंशन जैसी योजना शुरू की गई लेकिन अधिकारियों की लापरवाही से इन योजनाओं के वास्तविक लाभ से लोग वंचित रह जा रहे हैं।




Conclusion:बहरहाल,दिव्यांग सुलेखा ओर उत्तम की अब आस जगी जब etv भारत द्वारा इनको मिलने वाली सुविधाओ का भरोसा दिलाया गया तो सुलेखा की तम्मना ओर उत्तम की इशारों से आप इनकी खुशी का अंदाजा आप लगा सकते है। मगर अधिकारी की अब इन दिव्यंगों को मिलने वाली सुविधाओं के प्रति कितना सजग है यह देखना दिलचस्प होगा।
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