देवघर: भारत में चाय एक ऐसा पेय है जो हर घर में पिया जाता है. आम तौर पर दिन की शुरुआत चाय के साथ ही होती है. इसके बाद कॉलेज के बाहर या ऑफिस में भी चाय की चुस्कियां ली जाती हैं. कई लोग इसको अपना रोजगार का साधन भी बनाते हैं. आम तौर पर लड़कियां चाय नहीं बेचती हैं, लेकिन देवघर की राधा यादव ने इस मिथक को दूर किया है. वे पोस्ट ग्रेजुएट चाय वाली के नाम से अपनी पहचान बना चुकी हैं (Deoghar post graduate Chai Wali).
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शहर से कराब 10 किलोमीटर दूर कोठिया गांव में रहने वाली राधा हिस्ट्री ऑनर्स पोस्ट ग्रेजुएट हैं. राधा यादव 5 बहन और 1 भाई में सबसे बड़ी हैं. सभी भाई बहन अभी पढ़ाई कर रहे हैं ऐसे में इन सब की जिम्मेदारी भी उन्हें उठानी पड़ती है. उनके भाई बहनों का भविष्य बेहतर हो इसके लिए वे लगातार काम कर रही हैं. घर की आर्थिक स्थिति को देखते हुए राधा ने पहले किसी निजी संस्थान में काम शुरू किया. हालांकि कोरोना संक्रमण के कारण इनकी नौकरी जाती रही.
एक तरफ नौकरी नहीं रही तो दूसरी तरफ भाई बहनों की पढ़ाई और घर का खर्च चलाना. इन दोनों को देखना राधा के लिए मुश्किल हो रहा था. ऐसे में उन्होंने खुद का छोटा बिजनेस करने का सोचा. उनके दिमाग में चाय दुकान खोलने की बात आई. हालांकि मन में एक डर ये भी था कि चाय की दुकान पर ना जाने कैसे लोग आए, सिगरेट और पुड़िया खाने वाले लोग किस तरह की बातें करें. लेकिन फिर उन्हें पटना की ग्रेजुएट चाय वाली प्रियंका को देख कर प्रेरणा मिली. उन्होंने अपने डर पर काबू पाते हुए बाजला महिला कॉलेज के सामने अपनी चाय की दुकान खोली. नाम रखा पोस्ट ग्रेजुएट चायवाली.
20 हजार की पूंजी लगाकर उन्होंने चाय की दुकान खोली. अब वे अपने बिजनेस से खुश हैं. राधा कहती हैं कि हर दिन करीब दो हजार रुपये की बिक्री हो जाती है. इसमें 1200 से 1500 तक की कमाई हर दिन होती है. राधा ये भी कहती हैं कि उनके चाय की दुकान को कॉलेज की प्रोफेसर्स ने भी काफी सराहना की और उनका हौसला बढ़ाया. देवघर शहर से करीब 10 किलोमीटर दूर कोठिया की रहने वाली राधा युवाओं को खुद के पैरों पर खड़ा होने का सुझाव देती हैं.