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देवघरः सरकारी विभाग और नगर निगम का करोड़ों का बिजली बिल बकाया, बिजली विभाग मौन - देवघर नगर निगम का बिजली बिल बकाया

देवघर में बिजली विभाग के लिए राजस्व की उगाही बड़ी समस्या बनती जा रही है. लॉकडाउन में बिजली बिल नहीं दिए जाने से सरकारी विभागों और आम उपभोक्ताओं की बकाया राशि बढ़ती जा रही है. वहीं, चेंबर लॉकडाउन अवधि का बिजली बिल माफ करने की मांग कर रहा है.

Electricity bill of millions outstanding in deoghar
करोड़ों का बिजली बिल बकाया
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Published : Jun 21, 2020, 12:19 PM IST

देवघर: जिले में बिजली विभाग के लिए राजस्व की उगाही बड़ी समस्या बनती जा रही है. कई सरकारी विभाग और नगर निगम पर करोड़ों का बकाया हो गया है. लॉकडाउन के कारण बिजली बिल निर्गत नहीं होने से निजी उपभोक्ता का भी बकाया बढ़ता जा रहा है. उधर चेंबर की लॉकडाउन अवधि का बिल माफ करने की मांग विभाग के सामने नई समस्या पैदा कर रही है.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-कोयला खदानों की नीलामी प्रक्रिया के खिलाफ SC पहुंची झारखंड सरकार, हेमंत ने कहा- पीएम ने जल्दबाजी में लिया फैसला

15 करोड़ से अधिक का बिल बकाया

खास कर सरकारी विभागों पर बिजली बिल का बकाया लगातार बढ़ता जा रहा है. अकेले देवघर नगर निगम पर 15 करोड़ से अधिक का बिजली बिल बकाया हो गया है. इसके साथ अन्य सरकारी कार्यालयों की बकाया राशि जोड़ दी जाय तो यह 25 करोड़ का आंकड़ा पार कर जाता है. लॉकडाउन अवधि में घरेलू उपभोक्ताओं का भी बकाया बढ़ता जा रहा है.

घाटे में चल रही राजस्व उगाही

विभाग के अनुसार जिले में राजस्व उगाही 14 करोड़ के घाटे में चल रही है. घरेलू उपभोक्ता से ज्यादा सरकारी कार्यालय विभाग के लिए यह परेशानी का बड़ा सबब बन रहा है. बड़ी बकाया राशि के वावजूद बिजली विभाग की सरकारी कार्यालयों के प्रति नरमी पर अब निजी उपभोक्ता सवाल उठा रहे हैं. वहीं, निजी उपभोक्ताओं का आरोप है कि अगर नियम और कानून सबके लिए समान है, तो एक समान उपभोक्ता की तरह इन सरकारी विभागों पर कार्रवाई के लिए मापदंड क्यों नही अपनाया जा रहा है.

वहीं, चेंबर के लॉकडाउन अवधि का बिजली बिल माफ करने की मांग ने विभाग के सामने नई समस्या पैदा कर रही है. लॉकडाउन के दौरान मीटर रीडिंग नहीं होना और बिजली बिल निर्गत नहीं होना एक बड़ा कारण तो है ही. वहीं, इस दौरान कल कारखाने बंद रहने से बिजली की खपत भी प्रभावित हुई है.

देवघर: जिले में बिजली विभाग के लिए राजस्व की उगाही बड़ी समस्या बनती जा रही है. कई सरकारी विभाग और नगर निगम पर करोड़ों का बकाया हो गया है. लॉकडाउन के कारण बिजली बिल निर्गत नहीं होने से निजी उपभोक्ता का भी बकाया बढ़ता जा रहा है. उधर चेंबर की लॉकडाउन अवधि का बिल माफ करने की मांग विभाग के सामने नई समस्या पैदा कर रही है.

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15 करोड़ से अधिक का बिल बकाया

खास कर सरकारी विभागों पर बिजली बिल का बकाया लगातार बढ़ता जा रहा है. अकेले देवघर नगर निगम पर 15 करोड़ से अधिक का बिजली बिल बकाया हो गया है. इसके साथ अन्य सरकारी कार्यालयों की बकाया राशि जोड़ दी जाय तो यह 25 करोड़ का आंकड़ा पार कर जाता है. लॉकडाउन अवधि में घरेलू उपभोक्ताओं का भी बकाया बढ़ता जा रहा है.

घाटे में चल रही राजस्व उगाही

विभाग के अनुसार जिले में राजस्व उगाही 14 करोड़ के घाटे में चल रही है. घरेलू उपभोक्ता से ज्यादा सरकारी कार्यालय विभाग के लिए यह परेशानी का बड़ा सबब बन रहा है. बड़ी बकाया राशि के वावजूद बिजली विभाग की सरकारी कार्यालयों के प्रति नरमी पर अब निजी उपभोक्ता सवाल उठा रहे हैं. वहीं, निजी उपभोक्ताओं का आरोप है कि अगर नियम और कानून सबके लिए समान है, तो एक समान उपभोक्ता की तरह इन सरकारी विभागों पर कार्रवाई के लिए मापदंड क्यों नही अपनाया जा रहा है.

वहीं, चेंबर के लॉकडाउन अवधि का बिजली बिल माफ करने की मांग ने विभाग के सामने नई समस्या पैदा कर रही है. लॉकडाउन के दौरान मीटर रीडिंग नहीं होना और बिजली बिल निर्गत नहीं होना एक बड़ा कारण तो है ही. वहीं, इस दौरान कल कारखाने बंद रहने से बिजली की खपत भी प्रभावित हुई है.

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