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मनोकामना हनुमान मंदिर में होती है हर मुराद पूरी, कोरोना को लेकर इस बार पूजा हुई फीकी

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Published : Apr 2, 2020, 5:35 PM IST

कहा जाता है देवघर के मनोकामना हनुमान मंदिर में हर मुराद पूरी होती है. इस मंदिर तक पहुंचने के लिए लोगों को कई मुश्किलों से गुजरना पड़ता है. लोग दूर-दूर से इस मंदिर में पूजा करने आते है लेकिन इस बार कोरोना लॉकडाउन को लेकर हनुमान मंदिर परिसर फीका नजर आया है.

corona faded ramnavami festival in deoghar
मनोकामना हनुमान मंदिर

देवघर: तपोवन जिसे तपोस्थली कहा जाता है, इस पहाड़ की चोटी पर स्थित है हनुमान जी की मूर्ति जो 20 फिट ऊंची चट्टानों के बीच से दो हिस्सों में बटी हुई है. उसके बीच में स्थित है मनोकामना हनुमान जिसे हनुमान मंदिर कहते है. इस चट्टान तक पहुंचने के लिए भक्तों को दुर्गम रास्तो से बड़ी बड़ी चट्टानों के बीच से गुफाओं से होकर गुजरना पड़ता है और तब जाकर इस मनोकामना मंदिर तक पहुंचते है लेकिन इस बार कोरोना को लेकर एक्का दुक्का लोग ही पहुंच पाएं है.

देखें पूरी खबर

क्या है मनोकामना हनुमान मंदिर की मान्यता

हनुमान मंदिर की एक पौराणिक मान्यता भी है जिसके मुताबिक रावण जब एक बार भोलेनाथ का शिवलिंग को लंका ले जाने में नाकाम रहा तो दूसरी बार इस पहाड़ पर तपस्या करने लगा और फिर देवताओं ने हनुमान जी को रावण की तपस्या भंग करने के लिए इस पहाड़ पर इन्हें भेजा और हनुमान जी ने रावण की तपस्या भंग की थी. इसके साथ ही यह भी कहा जाता था कि माता सीता ने हनुमान से कहा कि जब हर चीज में राम होने की बात करते है तो क्या इन चट्टानों में भी राम है. ऐसे में इन्होंने एक चट्टान को अपनी उंगली से चिर कर दिखा दिया था और उसके बाद से ही इस चट्टान के अंदर हनुमान की आकृति समाहित हो गयी थी. जिसे मनोकामना हनुमान मंदिर कहा जाता है. इस लिए यहां दूर दूर से लोग दर्शन पूजा के लिए आते है और इस दुर्गम रास्ते को तय कर दर्शन करते है.

अग्नि परीक्षा के सामान होता है मंदिर तक पहुंचना

इस जागृत मंदिर में पहुंचना सबकी बस की बात नहीं है. यहां तक पहुचने के लिए भक्तों को काफी पतली गुफा और कंदराओं से गुजरना पड़ता है. कहा जाता है कि यहां तक पहुंचना एक अग्नि परीक्षा के सामान होता है.

ये भी देखें- जामताड़ाः कोरोना ने रामनवमी का त्योहार फीका किया, मंदिरों में पसरा सन्नाटा

बहरहाल, कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन की स्थिति में लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे है. रामनवमी के दिन तपोवन के इस मनोकामना हनुमान मंदिर में हजारों की संख्या में लोग पहुंच पताका चढ़ाते है और नारियल फोड़ते है लेकिन एक्का दुक्का लोग ही पहुंच रहे है. जिससे रामनवमी की पूजा फीका पड़ा हुआ है. वहीं पुरोहितो ने कोरोना वायरस की खात्मा के लिए भी हनुमान से प्रार्थना कर विशेष पूजा अर्चना भी की है.

देवघर: तपोवन जिसे तपोस्थली कहा जाता है, इस पहाड़ की चोटी पर स्थित है हनुमान जी की मूर्ति जो 20 फिट ऊंची चट्टानों के बीच से दो हिस्सों में बटी हुई है. उसके बीच में स्थित है मनोकामना हनुमान जिसे हनुमान मंदिर कहते है. इस चट्टान तक पहुंचने के लिए भक्तों को दुर्गम रास्तो से बड़ी बड़ी चट्टानों के बीच से गुफाओं से होकर गुजरना पड़ता है और तब जाकर इस मनोकामना मंदिर तक पहुंचते है लेकिन इस बार कोरोना को लेकर एक्का दुक्का लोग ही पहुंच पाएं है.

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क्या है मनोकामना हनुमान मंदिर की मान्यता

हनुमान मंदिर की एक पौराणिक मान्यता भी है जिसके मुताबिक रावण जब एक बार भोलेनाथ का शिवलिंग को लंका ले जाने में नाकाम रहा तो दूसरी बार इस पहाड़ पर तपस्या करने लगा और फिर देवताओं ने हनुमान जी को रावण की तपस्या भंग करने के लिए इस पहाड़ पर इन्हें भेजा और हनुमान जी ने रावण की तपस्या भंग की थी. इसके साथ ही यह भी कहा जाता था कि माता सीता ने हनुमान से कहा कि जब हर चीज में राम होने की बात करते है तो क्या इन चट्टानों में भी राम है. ऐसे में इन्होंने एक चट्टान को अपनी उंगली से चिर कर दिखा दिया था और उसके बाद से ही इस चट्टान के अंदर हनुमान की आकृति समाहित हो गयी थी. जिसे मनोकामना हनुमान मंदिर कहा जाता है. इस लिए यहां दूर दूर से लोग दर्शन पूजा के लिए आते है और इस दुर्गम रास्ते को तय कर दर्शन करते है.

अग्नि परीक्षा के सामान होता है मंदिर तक पहुंचना

इस जागृत मंदिर में पहुंचना सबकी बस की बात नहीं है. यहां तक पहुचने के लिए भक्तों को काफी पतली गुफा और कंदराओं से गुजरना पड़ता है. कहा जाता है कि यहां तक पहुंचना एक अग्नि परीक्षा के सामान होता है.

ये भी देखें- जामताड़ाः कोरोना ने रामनवमी का त्योहार फीका किया, मंदिरों में पसरा सन्नाटा

बहरहाल, कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन की स्थिति में लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे है. रामनवमी के दिन तपोवन के इस मनोकामना हनुमान मंदिर में हजारों की संख्या में लोग पहुंच पताका चढ़ाते है और नारियल फोड़ते है लेकिन एक्का दुक्का लोग ही पहुंच रहे है. जिससे रामनवमी की पूजा फीका पड़ा हुआ है. वहीं पुरोहितो ने कोरोना वायरस की खात्मा के लिए भी हनुमान से प्रार्थना कर विशेष पूजा अर्चना भी की है.

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