देवघर: झारखंड के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हाजी हुसैन अंसारी का पार्थिव शरीर उनके मधुपुर स्थित केलाबागान से पैतृक गांव मार्गोमुंडा पिपरा के लिए सुबह 10 बजे लाया गया. मधुपुर में उनके आवास पर अंतिम दर्शन के लिए काफी संख्या में सभी समुदाय के लोग उपस्थित हुए सड़क मार्ग से उनके पार्थिव शरीर को पिपरा गांव लाया गया. शव पहुंचते ही गांव समेत आसपास के हजारों चाहनेवाले और समर्थक अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़े.
वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, पूर्व मंत्री राज पलिवार, विधायक रणधीर सिंह, दीपिका सिंह पांडेय, लोबिन हेम्ब्रम, सरफराज अहमद, प्रदीप यादव, इरफान अंसारी, सुरेश पासवान समेत कई गणमान्य लोग पहुंचे और श्रद्धा सुमन अर्पित किया. वहीं पहले मंत्री हाजी हुसैन के पार्थिव शरीर को पिपरा मैदान में करीब दोपहर के 2:30 बजे राजकीय सम्मान के साथ नमाज अदा कर उनके पैतृक गांव स्थित कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक किया गया. उनकी अंतिम यात्रा में हजारों लोगों की भीड़ जुटी और अपने चहेते नेता को भावभीनी श्रद्धांजलि दी. सभी समुदाय के लोगों के चहेते मंत्री हाजी हुसैन अंसारी का दर्शन किया. हालांकि नियमानुसार भीड़ काफी थी जिस कारण सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होता नहीं दिखा. जबकि सीमित संख्या में लोगों को सम्मिलित होने की इजाजत दी गई थी.
ये भी पढ़ें- स्वास्थ्य मंत्री बन्ना ने बोला केंद्र पर हमला, कहा- चौपट हुई अर्थव्यवस्था, बेटियां भी सुरक्षित नहीं
बता दें कि हाजी हुसैन अंसारी का जन्म दो मार्च 1948 में मधुपुर के पिपरा गांव में हुआ था. इनके पिता का नाम हाजी पैगाम अंसारी और माता का नाम सलमा बीबी है. इनकी चार संतान हैं. जिसमें तीन पुत्री और एक पुत्र है. पहली बार अखंड बिहार में मधुपुर से 1995 में चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे. इसके बाद इन्होंने राज्य गठन के बाद 2000, 2009 और 2019 में चुनाव जीता और विधानसभा पहुंचे. अलग झारखंड राज्य आंदोलन के दौरान इन्हें जेल की यात्रा भी करनी पड़ी थी. विज्ञान से स्नातक हाजी हुसैन अंसारी को साहित्य के क्षेत्र में अभिरूचि रही. मुंशी प्रेमचंद के साहित्य के अलावा अल्लामा इकबाल उनका पसंदीदा लेखक रहे. राजनीति में इनके आदर्श झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन हैं. हाजी हुसैन अंसारी हज की यात्रा भी कर चुके थे.