देवघर: नगर निगम में 36 वार्ड हैं, जहां कुल 25 सामुदायिक शौचालय बनाया गया है. जिसमें कई ऐसे सामुदायिक शौचालय हैं जिनमें या तो ताला लटका है या फिर जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है. जिसका न कोई देख रेख करने वाला है और न ही कोई समुचित व्यवस्था.
आपको बता दें कि देवघर धार्मिक नगरी के साथ-साथ पर्यटक स्थल भी है. ऐसे में यहां लाखों लोगों का आना-जाना लगा रहता है. जिसको ध्यान में रखकर हाईटेक सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया था. जिसमे शौच के साथ-साथ स्नानागार भी है. लेकिन लोगों के अनुसार इसे सही जगह पर नहीं बनाया गया और न ही अब तक इस पर पहल की गई है.
ईटीवी भारत की पहल पर होगा टेंडर
इस बाबत जब ईटीवी भारत ने नगर आयुक्त से जवाब मांगा तो इन्होंने जल्द ही टेंडर कर चालू कराने की बात कही है. बहरहाल, देवघर को झारखंड का सबसे स्वच्छ शहर बनाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया जा रहा है. वहीं सही मेंटनेंस नहीं होने के वजह से करोड़ो रूपये से बने सामुदायिक शौचालय हाथी के दांत साबित हो रहे है.
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एक तरफ जहां स्वच्छता सर्वेक्षण में अव्वल आने की होड़ में निगम की तरफ से तरह-तरह के नियमों को लगाया जा रहा है. वहीं निगम के ध्यान नहीं देने के कारण कहीं ताला लटका है तो कहीं जीर्ण-शीर्ण अवस्था में शौचालय है. कइयों का उद्घाटन तो सांसद और विधायक ने किया था और इसे चलाने के लिए कमिटी भी बनाई गई. ऐसे में अब बंद पड़े सामुदायिक शौचालय के दिन कब बहुरेंगे ये देखना दिलचस्प होगा.