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देवघर में सामुदायिक शौचालय बना हांथी का दांत, ETV की पहल पर लिया गया संज्ञान

देवघर में लाखों की लागत से बनी सामुदायिक शौचालय मात्र शोभा की वस्तु बन कर रह गई है. ईटीवी भारत की पहल पर अब टेंडर की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

community toilet in devghar
देवघर में सामुदायिक शौचालय
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Published : Jan 28, 2020, 1:13 PM IST

देवघर: नगर निगम में 36 वार्ड हैं, जहां कुल 25 सामुदायिक शौचालय बनाया गया है. जिसमें कई ऐसे सामुदायिक शौचालय हैं जिनमें या तो ताला लटका है या फिर जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है. जिसका न कोई देख रेख करने वाला है और न ही कोई समुचित व्यवस्था.

वीडियो में देखिए पूरी खबर

आपको बता दें कि देवघर धार्मिक नगरी के साथ-साथ पर्यटक स्थल भी है. ऐसे में यहां लाखों लोगों का आना-जाना लगा रहता है. जिसको ध्यान में रखकर हाईटेक सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया था. जिसमे शौच के साथ-साथ स्नानागार भी है. लेकिन लोगों के अनुसार इसे सही जगह पर नहीं बनाया गया और न ही अब तक इस पर पहल की गई है.

ईटीवी भारत की पहल पर होगा टेंडर

इस बाबत जब ईटीवी भारत ने नगर आयुक्त से जवाब मांगा तो इन्होंने जल्द ही टेंडर कर चालू कराने की बात कही है. बहरहाल, देवघर को झारखंड का सबसे स्वच्छ शहर बनाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया जा रहा है. वहीं सही मेंटनेंस नहीं होने के वजह से करोड़ो रूपये से बने सामुदायिक शौचालय हाथी के दांत साबित हो रहे है.

ये भी पढ़ें- नरसंहार की जांच करने पहुंची कांग्रेस की 6 सदस्यीय टीम, मृतक के आश्रितों को मुआवजा दिलाने का दिया भरोसा

एक तरफ जहां स्वच्छता सर्वेक्षण में अव्वल आने की होड़ में निगम की तरफ से तरह-तरह के नियमों को लगाया जा रहा है. वहीं निगम के ध्यान नहीं देने के कारण कहीं ताला लटका है तो कहीं जीर्ण-शीर्ण अवस्था में शौचालय है. कइयों का उद्घाटन तो सांसद और विधायक ने किया था और इसे चलाने के लिए कमिटी भी बनाई गई. ऐसे में अब बंद पड़े सामुदायिक शौचालय के दिन कब बहुरेंगे ये देखना दिलचस्प होगा.

देवघर: नगर निगम में 36 वार्ड हैं, जहां कुल 25 सामुदायिक शौचालय बनाया गया है. जिसमें कई ऐसे सामुदायिक शौचालय हैं जिनमें या तो ताला लटका है या फिर जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है. जिसका न कोई देख रेख करने वाला है और न ही कोई समुचित व्यवस्था.

वीडियो में देखिए पूरी खबर

आपको बता दें कि देवघर धार्मिक नगरी के साथ-साथ पर्यटक स्थल भी है. ऐसे में यहां लाखों लोगों का आना-जाना लगा रहता है. जिसको ध्यान में रखकर हाईटेक सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया था. जिसमे शौच के साथ-साथ स्नानागार भी है. लेकिन लोगों के अनुसार इसे सही जगह पर नहीं बनाया गया और न ही अब तक इस पर पहल की गई है.

ईटीवी भारत की पहल पर होगा टेंडर

इस बाबत जब ईटीवी भारत ने नगर आयुक्त से जवाब मांगा तो इन्होंने जल्द ही टेंडर कर चालू कराने की बात कही है. बहरहाल, देवघर को झारखंड का सबसे स्वच्छ शहर बनाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया जा रहा है. वहीं सही मेंटनेंस नहीं होने के वजह से करोड़ो रूपये से बने सामुदायिक शौचालय हाथी के दांत साबित हो रहे है.

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एक तरफ जहां स्वच्छता सर्वेक्षण में अव्वल आने की होड़ में निगम की तरफ से तरह-तरह के नियमों को लगाया जा रहा है. वहीं निगम के ध्यान नहीं देने के कारण कहीं ताला लटका है तो कहीं जीर्ण-शीर्ण अवस्था में शौचालय है. कइयों का उद्घाटन तो सांसद और विधायक ने किया था और इसे चलाने के लिए कमिटी भी बनाई गई. ऐसे में अब बंद पड़े सामुदायिक शौचालय के दिन कब बहुरेंगे ये देखना दिलचस्प होगा.

Intro:देवघर लाखो की लागत से बनी सामुदायिक शौचालय बनी सोभा की वस्तु,ईटीवी भारत ने की पहल अब होगा टेंडर की प्रक्रिया।


Body:एंकर देवघर नगर निगम में कुल 36 वार्ड है जहाँ कुल जगह चिन्हित कर 25 सामुदायिक शौचालय बनाया गया है। जिसमे कई ऐसे सामुदायिक शौचालय है जिसमे या तो ताला लटका है या फिर जीर्णशीर्ण अवस्था में जिसका न कोई देख रेख करने वाला है और ना ही कोई समुचित व्यवस्था। आपको बतादें की देवघर धार्मिक नगरी के साथ साथ पर्यटक स्थल भी है। ऐसे में यहाँ लाखो लोगो का आना जाना लगा रहता है। जिसको ध्यान में रखकर सामुदायिक शौचालय का निर्माण निगम द्वारा लाखो खर्च कर हाईटेक शौचालय बनाया गया था जिसमे शौच के साथ साथ स्नानागार भी है। जिसे सही जगह का चयन कर नही बनाया गया। और न ही अबतक इस पर पहल की गई है। इस बाबत जब ईटीवी भारत द्वारा नगर आयुक्त से जवाब तलब किया गया तो इन्होंने जल्द ही टेंडर कर चालू कराने की बात कही है।


Conclusion:बहरहाल,देवघर को झारखंड के सबसे स्वच्छ शहर बनाने के लिए नगर निगम जहाँ एड़ी चोटी एक कर रही है और करोड़ो रूपये पानी की तरह बहा रही है वही सही मेंटेनेंस नही होने के वजह से करोड़ो रूपये से बने सामुदायिक शौचालय हाथी के दांत साबित हो रहे है। एक तरफ जहां स्वच्छता सर्वेक्षण में अव्वल आने की होड़ में निगम तरह तरह के नियमो को लगा रहे है वही निगम द्वारा ध्यान नही देने के कारण कही ताला लटका है तो कही जीर्णशीर्ण अवस्था मे है। कइयों का उद्घाटन तो संसद और विधायक ने किया था इसे चलाने के लिए कमिटी भी बनाई गई कुछ सम्पूर्ण रूप से चल भी रही है मगर कुछ अब भी बंद पड़े है। ऐसे में अब बन्द पड़े सामुदायिक शौचालय का दिन कब बहुरेंगे ये देखना दिलचस्प होगा।


बाइट अशोक कुमार सिंह,नगर आयुक्त।
बाइट स्थानीय।
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