चाईबासा: सदर बाजार स्थित काली मंदिर में शनिवार को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मां विपदा तारिणी की पूजा-अर्चना भक्तिभाव से की गई. इस दौरान महिलाओं ने मां दुर्गा के विपदा तारिणी स्वरूप के आगे मत्था टेककर अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की. इसके साथ ही एक-दूसरे की मांग में सिंदूर लगाकर सदा सुहागिन बने रहने की भी कामना की.
हर साल की जाती है यह पूजा
पुजारी ने भी श्रद्धालु महिलाओं की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर हर विपदा से दूर रहने का आशीर्वाद दिया. पूजा का आयोजन संचालन सदर बाजार के काली मंदिर ट्रस्ट कमेटी ने किया था. मां की पूजा हर साल महाप्रभु जगन्नाथ जी की रथयात्रा और उनके रथ के पूर्ण यात्रा के बीच में पड़ने वाले शानिवार के दिन की जाती है. यह पूजा पिछले एक सौ पचास वर्षों से भी अधिक समय से की जा रही है. पूजा का आयोजन काली मंदिर में सेवारत राय परिवार ने किया. इससे पहले महिलाओं ने दिनभर उपवास रखकर विपदा तारिणी व्रत भी रखा. पूजा पूरे विधि- विधान के साथ सोशल डिस्टेंसिंग आदि नियमों का पालन करते हुए सम्पन्न करवाया गया.
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13 किस्म की सामग्री से लगाया जाता है भोग
इस पूजा में तेरह किस्म की सामग्री और उस सामग्री को तेरह की गिनती से गिनकर मां का भोग लगाया जाता है. भोग में पूड़ी, पुआ, पान, सुपारी, लॉन्ग, इलायची, मूंगदाल, फल, खीर, मिष्ठान, चेरी इत्यादि से भोग लगाया जाता है. इस पूजा में सुहागिन महिलाएं सारा दिन उपवास करती हैं. यह पूजा परिवार के मंगल के लिए और परिवार को आपदा से रक्षा के लिए की जाती है. मां विपदा तारिणी की पूजा- अर्चना करने के लिए काली मंदिर में सुबह से ही महिला श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही. महिलाएं व्रत रखकर मां के दरबार में पहुंची और पूजा- अर्चना की. पूजा के बाद व्रतियों ने अन्य भक्तों के बीच में मां के प्रसाद का वितरण भी किया.