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आजादी के 72 साल बाद भी इस गांव में नहीं पहुंची बिजली, लोगों ने कहा- जबतक विकास नहीं तबतक वोट नहीं - झारखंड विधानसभा चुनाव 2019

झारखंड विधानसभा चुनाव में एक तरफ जहां नेता जनता का वोट अपनी झोली में करना चाहते हैं तो वहीं, चाईबास के मझगांव प्रखंड अंतर्गत घोडाबंधा पंचायत क्षेत्र के लगभग 80 परिवार ने सामूहिक रूप से वोट बहिष्कार करने की बात कही है. ग्रामीणों का कहना है कि 200 साल से गांव में थोड़ा भी विकास कार्य नहीं किया गया. जब तक विकास नहीं होता तबतक वोट नहीं दिया जाएगा.

ग्रामीणों ने किया सामूहिक वोट बहिष्कार
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Published : Nov 20, 2019, 10:15 PM IST

चाईबासाः मझगांव विधानसभा मुख्यालय के मझगांव प्रखंड अंतर्गत घोडाबंधा पंचायत क्षेत्र के 200 साल पहले बसे ग्राम बाईपी में अब तक बिजली नहीं पहुंच पाई है. अब भी लोग ढिबरी युग में जीने को मजबूर हैं. मझगांव प्रखंड मुख्यालय से मात्र 8 किलोमीटर दूर बाईपी ग्राम क्षेत्र में लगभग 80 परिवार रहते हैं, लेकिन गांव में सुविधा नाम की कोई चीज नहीं है.

देखें पूरी खबर

गांव पूरी तरह से विकास से वंचित है. गांव वालों ने कहा कि सरकार दावा करती है कि क्षेत्र में विकास की गंगा बहाई जा रही है, लेकिन हमारे गांव के ग्रामीण आज भी अंधेरे में जी रहे हैं. गांव में सबसे ज्यादा परेशानी जंगल से है क्योंकि गांव के बगल में घना जंगल है, जिससे आए दिन जंगली हाथियों का झुंड गांव में घुसकर कोहराम मचाता रहता है. बच्चे बिजली नहीं होने के कारण पढ़ाई भी नहीं कर पाते हैं.

ये भी पढ़ें-JMM प्रत्याशी के लिए राहत की खबर, सुखराम उरांव का चक्रधरपुर से नामांकन पर्चा स्वीकृत

ग्रामीणों ने कहा कि गांव के विकास के मुद्दे को लेकर आगामी विधानसभा चुनाव में वोट बहिष्कार किया जाएगा. क्षेत्र के सभी जनप्रतिनिधि सिर्फ हमें वोट बैंक समझकर इस्तेमाल कर रहे हैं. वर्तमान विधायक निरल पुरती, पूर्व विधायक बडकुंवर गागराई, पूर्व सांसद लक्ष्मण गिलुवा, पूर्व सांसद मधु कोड़ा, वर्तमान सांसद गीता कोड़ा से लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी हमारे गांव को नजरअंदाज किया है. अब हम लोगों ने निश्चय किया है कि जब तक हमारे गांव में बिजली- पेयजल की व्यवस्था नहीं की जाती तब तक सामूहिक वोट बहिष्कार किया जाएगा.

चाईबासाः मझगांव विधानसभा मुख्यालय के मझगांव प्रखंड अंतर्गत घोडाबंधा पंचायत क्षेत्र के 200 साल पहले बसे ग्राम बाईपी में अब तक बिजली नहीं पहुंच पाई है. अब भी लोग ढिबरी युग में जीने को मजबूर हैं. मझगांव प्रखंड मुख्यालय से मात्र 8 किलोमीटर दूर बाईपी ग्राम क्षेत्र में लगभग 80 परिवार रहते हैं, लेकिन गांव में सुविधा नाम की कोई चीज नहीं है.

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गांव पूरी तरह से विकास से वंचित है. गांव वालों ने कहा कि सरकार दावा करती है कि क्षेत्र में विकास की गंगा बहाई जा रही है, लेकिन हमारे गांव के ग्रामीण आज भी अंधेरे में जी रहे हैं. गांव में सबसे ज्यादा परेशानी जंगल से है क्योंकि गांव के बगल में घना जंगल है, जिससे आए दिन जंगली हाथियों का झुंड गांव में घुसकर कोहराम मचाता रहता है. बच्चे बिजली नहीं होने के कारण पढ़ाई भी नहीं कर पाते हैं.

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ग्रामीणों ने कहा कि गांव के विकास के मुद्दे को लेकर आगामी विधानसभा चुनाव में वोट बहिष्कार किया जाएगा. क्षेत्र के सभी जनप्रतिनिधि सिर्फ हमें वोट बैंक समझकर इस्तेमाल कर रहे हैं. वर्तमान विधायक निरल पुरती, पूर्व विधायक बडकुंवर गागराई, पूर्व सांसद लक्ष्मण गिलुवा, पूर्व सांसद मधु कोड़ा, वर्तमान सांसद गीता कोड़ा से लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी हमारे गांव को नजरअंदाज किया है. अब हम लोगों ने निश्चय किया है कि जब तक हमारे गांव में बिजली- पेयजल की व्यवस्था नहीं की जाती तब तक सामूहिक वोट बहिष्कार किया जाएगा.

Intro:मझगाँव विधानसभा क्षेत्र के प्रखंड मुख्यालय से 8 किलोमीटर दूर गांव में अब तक नहीं आई बिजली ग्रामीणों में आक्रोश वोट बहिष्कार का लिया निर्णयBody:चाईबासा.. मझगाँव विधानसभा मुख्यालय के मझगांव प्रखंड अंतर्गत घोडाबंधा पंचायत क्षेत्र के दो सौ साल पुर्व बसे ग्राम बाइपी में अब तक नहीं आई बिजली, अब भी लोग ढिबरी युग में जीने को विवश, मझगांव प्रखंड मुख्यालय से मात्र 8 किलोमीटर दूर बाईपी ग्राम क्षेत्र में लगभग 80 परिवार रहते हैं लेकिन गांव में सुविधा नाम की कोई चीज नहीं है गांव पूरी तरह से विकास से वंचित है गांव वालों ने कहा कि सरकार दावा करती है की क्षेत्र में विकास की गंगा बहाई जा रही है लेकिन हमारा गांव के ग्रामीण आज भी अंधेरों पर जी रहे हैं गांव में सबसे ज्यादा परेशानी सटे जंगल होने के कारण होती है क्योंकि गांव के बगल में घना जंगल है जिससे आए दिन जंगली हाथियों का झुंड गांव में घुसकर कोहराम मचाते रहता है सप्ताह भर पूर्व ही हमारे ही गांव के बुजुर्ग दंपति पर हमला कर दिया था जिसका इलाज अभी हॉस्पिटल में चल रहा है इसका मुख्य कारण गांव में लाइट नहीं होना है, और हमारे बच्चे बिजली नहीं होने के कारण घर में पढ़ाई भी नहीं कर पाते हैं, ग्रामीणों ने कहा कि गांव के विकास मुद्दा को लेकर आगामी विधानसभा चुनाव में वोट बहिष्कार किया जाएगा, क्षेत्र के सभी जनप्रतिनिधि सिर्फ हमें वोट बैंक समझकर इस्तेमाल कर रहे हैं वर्तमान विधायक निरल पुरती, पूर्व विधायक बडकुंवर गागराई, पूर्व सांसद लक्ष्मण गिलुवा, पूर्व सांसद मधु कोड़ा, वर्तमान सांसद गीता कोडा़ से लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी हमारे गांव को नजरअंदाज करते आया है अब हम लोगों ने निश्चय किया है कि जब तक हमारे गांव में बिजली- पेयजल की व्यवस्था नहीं की जाती है तो सामूहिक वोट बहिष्कार किया जाएगा,

@ सेगा हेम्ब्रम स्थानीय ग्रामीण ने कहा कि हमारा गांव आजादी के बाद से अब तक विकास से वंचित है वोट मांगने तो सभी राजनीतिक दल के नेता आते हैं लेकिन हमारे गांव का समस्या का समाधान अब तक किसी सांसद विधायक ने नहीं किया है,

@ रूपा हेम्ब्रम स्थानीय ग्रामीण ने कहा कि हमारा गांव 200 वर्ष पूर्व से बसा है लेकिन अब भी गांव में बिजली नहीं आई है हमने क्षेत्र के सभी जनप्रतिनिधियों को बिजली के लिए आवेदन तक दिए हैं परंतु किसी ने पहल करने की आवश्यकता नहीं दिखाई,

@ रूप सिंह तिरिया ने कहा कि गांव जंगल से सटे होने के कारण हमेशा जंगली हाथी गांव में आक्रमण करते रहते हैं इसका मुख्य कारण है गांव में बिजली का नहीं होना और अब तक मुआवजा भी नहीं दिया गया है,

@ दशमा हेम्ब्रम ग्रामीण महिला ने कहीं 1 वर्ष पूर्व गाड़ी में कुछ बिजली पोल गिराया गया था लेकिन वर्षों बीत जाने के बाद भी कोई कार्य नहीं किया गया है

@ सुखमति हेम्ब्रम प्लस टू हाई स्कूल मझगाँव की छात्रा ने कहा कि बिजली नहीं होने के कारण घर में पढ़ाई करना काफी मुश्किल होता है क्योंकि डिबरी से पढ़ना पड़ता है
Conclusion:
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