ETV Bharat / city

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने किया खदानों का दौरा, कहा- झारखंड के खदानों को बनाना है अत्याधुनिक

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने टाटा स्टील और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड के गुआ लौह अयस्क खदानों का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने कई क्षेत्रों का दौरा किया. इस दौरान केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने खनन कार्यप्रणाली को गहनता से जानने का प्रयास किया.

तीरंदाजी करते केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान
author img

By

Published : Aug 12, 2019, 11:19 PM IST

चाईबासा: केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड के रॉ डिविजन के अधीनस्थ झारखंड और ओडिशा के प्रमुख खदानों का दौरा किया. धर्मेंद्र प्रधान ने नोवामुंडी स्थित टाटा स्टील और सेल के गुआ लौह अयस्क खदान से दौरे की शुरुआत की. धर्मेंद्र प्रधान ने खनन कार्यप्रणाली को गहनता से जानने का प्रयास किया.

देखें पूरी खबर

खदानों का किया दौरा
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान गुआ लौह अयस्क खदान में उत्पादन और निष्पादन के क्षेत्र के साथ-साथ आने वाले समय मे पिलेट प्लांट लगाए जाने वाले स्थल का भी निरीक्षण किया. मंत्री खदानों के आस-पास के क्षेत्रों में सेल द्वारा संचालित विभिन्न सीएसआर प्रोजेक्ट को भी देखा और सराहना की. किरीबुरू द्वारा सीएसआर के तहत चलाये जा रहे खेल के क्षेत्र में एकलव्य तीरंदाजी अकादमी, शिक्षा के क्षेत्र में सारंडा सुवन छात्रावास और महिला सशक्तिकरण और कौशल विकास के लिए चलाए जा रहे हैं किरण स्वरोजगार केंद्र का भी दौरा किया.

ये भी पढ़ें- जमशेदपुर पहुंचे बॉलीवुड गायक कैलाश खेर, 370 समाप्त होने पर जताई खुशी

पदाधिकारियों के साथ की बैठक
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पदाधिकारियों के साथ बैठक की, खदान के आत्मनिर्भरता पर विशेष चर्चा है की गई. उसमें आने वाली परेशानियों एवं कठिनाइयों को भी जाना, उन्होंने कहा कि स्टील प्लांट को आने वाले समय मे लौह अयस्क बाहर से ना खरीदना पड़े इसकी ओर उचित कदम उठाए जाएं. स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड को स्वर्णिम ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए सामूहिक प्रयास करने पर जोर दिया. इस्पात देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और आने वाले समय में 2030 मे 300 मिलियन टन क्रूड इस्पात उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है.

सेल ने बनाई 10 हजार करोड़ खर्च की योजना
झारखंड के खदानों को अत्याधुनिक और विस्तारीकरण के लिए स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड ने 10 हजार करोड़ खर्च की योजना बनाई है. जिसमें खदानों में नई तकनीक लायी जा सके. ऐसे ही खर्च की योजना ओड़िसा, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में अवस्थित खदानों के लिए भी की जाएगी. बोलनी और गुआ खान की वार्षिक उत्पादन क्षमता 10 मिलियन टन बढ़ानी है.

ये अधिकारी रहे मौजूद
इस दौरान मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ इस्पात मंत्रालय सचिव रसिका चौबे, सह सचिव पुनीत कौशल, निदेशक रॉ मटेरियल एवं लॉजिस्टिक विवेक गुप्ता, कार्यपालक निदेशक आरपी एंड पी सह आर एमडी प्रभारी पीसी नायक, कार्यपालक निदेशक प्रोजेक्ट विजय कुमार झा, मेघाहातुबुरु महाप्रबंधक चंचल मुखोपाध्याय, किरीबुरू महाप्रबंधक डीके बर्मन एवं सेल के वरीय पदाधिकारी उपस्थित रहे.

चाईबासा: केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड के रॉ डिविजन के अधीनस्थ झारखंड और ओडिशा के प्रमुख खदानों का दौरा किया. धर्मेंद्र प्रधान ने नोवामुंडी स्थित टाटा स्टील और सेल के गुआ लौह अयस्क खदान से दौरे की शुरुआत की. धर्मेंद्र प्रधान ने खनन कार्यप्रणाली को गहनता से जानने का प्रयास किया.

देखें पूरी खबर

खदानों का किया दौरा
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान गुआ लौह अयस्क खदान में उत्पादन और निष्पादन के क्षेत्र के साथ-साथ आने वाले समय मे पिलेट प्लांट लगाए जाने वाले स्थल का भी निरीक्षण किया. मंत्री खदानों के आस-पास के क्षेत्रों में सेल द्वारा संचालित विभिन्न सीएसआर प्रोजेक्ट को भी देखा और सराहना की. किरीबुरू द्वारा सीएसआर के तहत चलाये जा रहे खेल के क्षेत्र में एकलव्य तीरंदाजी अकादमी, शिक्षा के क्षेत्र में सारंडा सुवन छात्रावास और महिला सशक्तिकरण और कौशल विकास के लिए चलाए जा रहे हैं किरण स्वरोजगार केंद्र का भी दौरा किया.

ये भी पढ़ें- जमशेदपुर पहुंचे बॉलीवुड गायक कैलाश खेर, 370 समाप्त होने पर जताई खुशी

पदाधिकारियों के साथ की बैठक
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पदाधिकारियों के साथ बैठक की, खदान के आत्मनिर्भरता पर विशेष चर्चा है की गई. उसमें आने वाली परेशानियों एवं कठिनाइयों को भी जाना, उन्होंने कहा कि स्टील प्लांट को आने वाले समय मे लौह अयस्क बाहर से ना खरीदना पड़े इसकी ओर उचित कदम उठाए जाएं. स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड को स्वर्णिम ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए सामूहिक प्रयास करने पर जोर दिया. इस्पात देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और आने वाले समय में 2030 मे 300 मिलियन टन क्रूड इस्पात उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है.

सेल ने बनाई 10 हजार करोड़ खर्च की योजना
झारखंड के खदानों को अत्याधुनिक और विस्तारीकरण के लिए स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड ने 10 हजार करोड़ खर्च की योजना बनाई है. जिसमें खदानों में नई तकनीक लायी जा सके. ऐसे ही खर्च की योजना ओड़िसा, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में अवस्थित खदानों के लिए भी की जाएगी. बोलनी और गुआ खान की वार्षिक उत्पादन क्षमता 10 मिलियन टन बढ़ानी है.

ये अधिकारी रहे मौजूद
इस दौरान मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ इस्पात मंत्रालय सचिव रसिका चौबे, सह सचिव पुनीत कौशल, निदेशक रॉ मटेरियल एवं लॉजिस्टिक विवेक गुप्ता, कार्यपालक निदेशक आरपी एंड पी सह आर एमडी प्रभारी पीसी नायक, कार्यपालक निदेशक प्रोजेक्ट विजय कुमार झा, मेघाहातुबुरु महाप्रबंधक चंचल मुखोपाध्याय, किरीबुरू महाप्रबंधक डीके बर्मन एवं सेल के वरीय पदाधिकारी उपस्थित रहे.

Intro:चाईबासा। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय तथा इस्पात मंत्रालय, भारत सरकार के मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड के रॉ डिविजन के अधीनस्थ झारखंड और उड़ीसा का प्रमुख खदानों का दौरा किया। मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नोवामुंडी स्थित टाटा स्टील व सेल के गुआ लौह अयस्क खदान से दौरे की शुरुआत किया।

Body:मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने खनन कार्य प्रणाली की गहनता से जानने का प्रयास किया। गुआ लौह अयस्क खदान में उत्पादन व निष्पादन के क्षेत्र के साथ साथ आने वाले समय मे पिलेट प्लांट लगाए जाने वाले स्थल का भी निरीक्षण किया।

मंत्री खदानों के आस पास के क्षेत्रों में सेल द्वारा संचालित विभिन्न सीएसआर प्रोजेक्ट को भी देखा और सराहना की। किरीबुरू द्वारा सीएसआर के तहत चलाये जा रहे खेल के क्षेत्र में एकलव्य तीरंदाजी अकादमी , शिक्षा के क्षेत्र में सारंडा सुवन छात्रावास और महिला सशक्तिकरण और कौशल विकास के लिए चलाए जा रहे हैं किरण स्वरोजगार केंद्र का भी दौरा किया। साथ ही सेल के इन कार्यों को और भी बढ़ाने का निर्देश व समायोजित विकास पर जोर दिया।

मंत्र धर्मेंद्र प्रधान ने पदाधिकारियों के साथ बैठक की, खदान के आत्मनिर्भरता पर विशेष चर्चा है की गई। साथ ही उसमें आने वाली परेशानियों एवं कठिनाइयों को भी जाना। मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि स्टील प्लांट को आने वाले समय मे लौह अयस्क बाहर से ना खरीदना पड़े इसकी ओर उचित कदम उठाए जाएं। सेल को स्वर्णिम ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए सामुहिक प्रयास करने पर जोर दिया। इस्पात देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और आने वाले समय में 2030 मे 300 मिलियन टन क्रूड इस्पात उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। जिसमें सेल को भी अपनी उत्पादन क्षमता बढाकर देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देना है। आने वाले समय में पूर्वी भारत के विकास में इस्पात का महत्वपूर्ण होने वाले हैं।

झारखंड स्थित खदानों को अत्याधुनिक और विस्तारीकरण के लिए स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड ने 10 हजार करोड़ खर्च की योजना बनाई है। जिसमे खदानों में नई तकनीक लायी जा सके। ऐसे ही खर्च की योजना ओड़िसा, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में अवस्थित खदानों के लिए भी की जाएगी। बोलनी और गुआ खान की वार्षिक उत्पादन क्षमता 10 मिलियन टन बढ़ानी है। लौह अयस्क खदान के अलावा सेल कोयला खदान को उत्पादन के लिए और विकसित कर रही है ।Conclusion:इस दौरान मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ इस्पात मंत्रालय सचिव श्रीमती रसिका चौबे , सह सचिव पुनीत कौशल क्या हुआ इस्पात मंत्रालय के पदाधिकारियों के साथ सेल्फी निदेशक रॉ मटेरियल एवं लॉजिस्टिक विवेक गुप्ता, कार्यपालक निदेशक आर.पी एंड पी सह आर एमडी प्रभारी पीसी नायक, कार्यपालक निदेशक प्रोजेक्ट विजय कुमार झा, मेघाहातुबुरु महाप्रबंधक चंचल मुखोपाध्याय, किरीबुरू महाप्रबंधक डीके बर्मन एवं सेल के वरीय पदाधिकारी उपस्थित रहे।

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.