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कोरोना के खौफ से भागे दो डॉक्टर, सिविल सर्जन को वाट्सएप पर इस्तीफा भेज कर हुए फरार - corona virus

कोरोना वायरस का खौफ के कारण आम लोग के साथ डॉक्टर भी सहमे हुए हैं. बता दें कि चाईबासा सदर अस्पताल के दो डॉक्टरों ने सिविल सर्जन को वाट्सएप पर इस्तीफा भेज कर फरार हो गए हैं.

Two doctors run away from the fear of Corona in chaibasa
चाईबासा सदर अस्पताल
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Published : Mar 23, 2020, 7:30 PM IST

चाईबासा: कोरोना वायरस के खौफ से दुनिया के सभी लोग कई तरह के एहतियात बरत रहे हैं. कोई अपने-अपने घरों में दुबके हुए हैं. वहीं पश्चिम सिंहभूम जिला स्थित सदर अस्पताल के दो डॉक्टर कोरोना वायरस से देश दुनिया मे लोगों की हो रही मौत और वायरस के खौफ से सदर अस्पताल सिविल सर्जन को वाट्सएप पर अपना इस्तीफा सौंप कर फरार हो गए हैं. कोरोना वायरस का खौफ इस तरह बढ़ गया है कि आम लोग के साथ डॉक्टर भी सहमे हुए हैं और अपनी जिम्मेदारियों से भागने लगे हैं.

देखें पूरी खबर

क्या है पूरा मामला

चाईबासा सदर अस्पताल में अनुबंध के आधार पर डॉक्टर आलोक तिर्की और डॉक्टर सौम्या तिर्की को बहाल किया गया था. सिविल सर्जन मंजू दुबे ने बताया कि डॉक्टर आलोक तिर्की और डॉक्टर सौम्या तिर्की को चाईबासा सदर अस्पताल में कोरोना के जांच केंद्र में ड्यूटी दी गई थी और दोनों डॉक्टरों ने बिना किसी को कारण बताए हुए व्हाट्सएप के जरिए अपना इस्तीफा भेज दिया है. इन दोनों डॉक्टरों गायब हो जाने के कारण बड़े शहर से चाईबासा पहुंचकर कोरोना वायरस की जांच करवाने वालों की भीड़ बढ़ने लगी है.

बिना जांच के लौटे मरीज

वहीं, जिले मे विभिन्न राज्यों से आए लोग भी कोरोना के भय से सदर अस्पताल चाईबासा पहुंच कर अपनी जांच करवाने को कतार में लगे हुए हैं लेकिन अस्पताल में कोरोना के जांच के लिए बनाए गए कक्ष के बाहर घंटो बैठने के बाद कोई डॉक्टर मरीजों को पूछने तक नहीं आया. जिस कारण बिना जांच करवाए मरीज अपने घर वापस लौट गए.

इस्तीफा को नहीं किया जाएगा मंजूर

इस संबंध में सदर अस्पताल के सिविल सर्जन मंजू दुबे ने बताया कि व्हाट्सएप के जरिए दोनों डॉक्टरों का इस्तीफा भेजा गया है जो कभी मंजूर नहीं किया जा सकता है. जब तक उनका लिखित इस्तीफा नहीं दिया जाता है और इस्तीफा देने से 1 माह पूर्व उन्हें लिखित रूप में देना चाहिए था इसलिए उनका इस्तीफा फिलहाल नामंजूर किया जाएगा. आपातकाल में इस्तीफा और अपने कर्तव्य से भागने पर उन पर कार्यवाही भी की जा सकती है.

ये भी देखें- सोशल डिस्टेंशिंग अभियान को लेकर कितना सतर्क है रेलवे, देखिए ईटीवी भारत की पड़ताल

डॉक्टर तापस अस्थाई तौर पर मरीजों की करेंगे जांच

उन्होंने बताया कि डॉ आलोक तिर्की के इस्तीफा दिए जाने के बाद लोगों ने एक और डॉक्टर को कोरोना वायरस जांच केंद्र में नियुक्त किया था लेकिन अभी जानकारी मिली कि दूसरे डॉक्टर भी उस जांच केंद्र से चले गए हैं. डॉक्टर तापस महत्व कोरोना वायरस जांच केंद्र में अस्थाई तौर पर बैठेंगे और मरीजों की जांच भी करेंगे.

चाईबासा: कोरोना वायरस के खौफ से दुनिया के सभी लोग कई तरह के एहतियात बरत रहे हैं. कोई अपने-अपने घरों में दुबके हुए हैं. वहीं पश्चिम सिंहभूम जिला स्थित सदर अस्पताल के दो डॉक्टर कोरोना वायरस से देश दुनिया मे लोगों की हो रही मौत और वायरस के खौफ से सदर अस्पताल सिविल सर्जन को वाट्सएप पर अपना इस्तीफा सौंप कर फरार हो गए हैं. कोरोना वायरस का खौफ इस तरह बढ़ गया है कि आम लोग के साथ डॉक्टर भी सहमे हुए हैं और अपनी जिम्मेदारियों से भागने लगे हैं.

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क्या है पूरा मामला

चाईबासा सदर अस्पताल में अनुबंध के आधार पर डॉक्टर आलोक तिर्की और डॉक्टर सौम्या तिर्की को बहाल किया गया था. सिविल सर्जन मंजू दुबे ने बताया कि डॉक्टर आलोक तिर्की और डॉक्टर सौम्या तिर्की को चाईबासा सदर अस्पताल में कोरोना के जांच केंद्र में ड्यूटी दी गई थी और दोनों डॉक्टरों ने बिना किसी को कारण बताए हुए व्हाट्सएप के जरिए अपना इस्तीफा भेज दिया है. इन दोनों डॉक्टरों गायब हो जाने के कारण बड़े शहर से चाईबासा पहुंचकर कोरोना वायरस की जांच करवाने वालों की भीड़ बढ़ने लगी है.

बिना जांच के लौटे मरीज

वहीं, जिले मे विभिन्न राज्यों से आए लोग भी कोरोना के भय से सदर अस्पताल चाईबासा पहुंच कर अपनी जांच करवाने को कतार में लगे हुए हैं लेकिन अस्पताल में कोरोना के जांच के लिए बनाए गए कक्ष के बाहर घंटो बैठने के बाद कोई डॉक्टर मरीजों को पूछने तक नहीं आया. जिस कारण बिना जांच करवाए मरीज अपने घर वापस लौट गए.

इस्तीफा को नहीं किया जाएगा मंजूर

इस संबंध में सदर अस्पताल के सिविल सर्जन मंजू दुबे ने बताया कि व्हाट्सएप के जरिए दोनों डॉक्टरों का इस्तीफा भेजा गया है जो कभी मंजूर नहीं किया जा सकता है. जब तक उनका लिखित इस्तीफा नहीं दिया जाता है और इस्तीफा देने से 1 माह पूर्व उन्हें लिखित रूप में देना चाहिए था इसलिए उनका इस्तीफा फिलहाल नामंजूर किया जाएगा. आपातकाल में इस्तीफा और अपने कर्तव्य से भागने पर उन पर कार्यवाही भी की जा सकती है.

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डॉक्टर तापस अस्थाई तौर पर मरीजों की करेंगे जांच

उन्होंने बताया कि डॉ आलोक तिर्की के इस्तीफा दिए जाने के बाद लोगों ने एक और डॉक्टर को कोरोना वायरस जांच केंद्र में नियुक्त किया था लेकिन अभी जानकारी मिली कि दूसरे डॉक्टर भी उस जांच केंद्र से चले गए हैं. डॉक्टर तापस महत्व कोरोना वायरस जांच केंद्र में अस्थाई तौर पर बैठेंगे और मरीजों की जांच भी करेंगे.

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