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चाईबासा में आया ट्रूनेट कोरोना जांच मशीन, अब 24 घंटे में होगी 96 सैंपल की टेस्टिंग - चाईबासा में कोरोना वायरस जांच

राज्य सरकार भी अपने तरफ से संक्रमित मरीजों को ठीक करने और संदिग्ध लोगों के जांच जल्द से जल्द करवाने के कई प्रयास कर रही है. राज्य सरकार द्वारा पश्चिम सिंहभूम जिले को ट्रूनेट मशीन उपलब्ध करवाया गया है.

Trunet corona testing machine
ट्रूनेट कोरोना जांच मशीन
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Published : May 23, 2020, 11:40 PM IST

चाईबासा: झारखंड में कोरोना वायरस संक्रमण ग्रस्त मरीजों की संख्या में दिन ब दिन बढ़ोतरी होती जा रही है. राज्य सरकार भी अपने तरफ से संक्रमित मरीजों को ठीक करने और संदिग्ध लोगों के जांच जल्द से जल्द करवाने के कई प्रयास कर रही. राज्य सरकार द्वारा पश्चिम सिंहभूम जिले को ट्रूनेट मशीन उपलब्ध करवाया गया है. अब जिले के चाईबासा सदर अस्पताल में कोरोना संक्रमण की जांच के लिए ट्रूनेट मशीन से जांच की जाएगी. ट्रूनेट मशीन 24 घंटे में 96 सैंपल की टेस्टिंग करने में सक्षम है.

पूरी खबर देखिए

कोरोना वायरस संक्रमण की जांच अब पश्चिम सिंहभूम जिले के चाईबासा स्थित सदर अस्पताल में की जा सकेगी. जिले के सदर अस्पताल में ट्रूनेट मशीन लाया गया है, ट्रूनेट मशीन में 24 घंटे में 96 सैंपल जांच करने की क्षमता है. शनिवार को इसका शुभारंभ उपायुक्त आरवा राजकमल ने किया. उपायुक्त ने बताया कि ट्रूनेट मशीन के माध्यम से कोरोना संक्रमण की जांच के लिए राज्य सरकार ने एक अत्यंत उपयोगी यंत्र जिला प्रशासन को दिया है. सिविल सर्जन और अस्पताल के वरीय चिकित्सकों के देखरेख में इसका उपयोग किया जाएगा.

फ्रंटलाइन वर्कर्स को मिलेगी प्राथमिकता

उपायुक्त ने बताया कि इसके माध्यम से विशेषकर ऐसे ही मामलों की जांच होगी जिसका टेस्ट रिपोर्ट का जल्दी आना अनिवार्य है. कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के सबसे नजदीक रहने वाले फ्रंटलाइन वर्कर्स जैसे डॉक्टर पुलिस पदाधिकारी हाई रिस्क कंटेंट श्रेणी में आने वाले जो भी कर्मी होंगे उनके सैंपल की जांच प्राथमिकता के साथ किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- अंग्रेजों के जमाने के अफसर, मंगेतर ने छोड़ा तो खुद को मारी गोली!

सदर अस्पताल में पहले से ही भर्ती और इलाजरत मरीजों के गर्भवती महिलाओं के अलावा डायलिसिस और अन्य कोविड-19 व्यक्ति की जांच समिति ने इमरजेंसी मामलों की जांच पर प्राथमिकता दी जाएगी. सदर अस्पताल में भर्ती ऐसे व्यक्ति जो ट्रेसिंग के बाद उनको भी हाय रेस की श्रेणी में पाया जाता है तो प्राथमिकता के तौर पर इनका टेस्ट किया जाएगा, बताया गया है कि पॉजिटिव पाए जाने पर इसे प्रोविजनल रिजल्ट मानते हुए इसका कंफर्मेशन आरटी पीसीआर लैब से कराना आवश्यक होगा. इसके बाद ही इसका मान्य होगा.

ट्रूनेट मशीन में 24 घंटे में 96 सैंपल जांच करने की क्षमता

उपायुक्त ने बताया कि ट्रूनेट मशीन में 1 घंटे में अधिकतम 4 सेंपल जांच करने की क्षमता है कोरोना जांच का प्रोसेसिंग करने में मात्र 17 मिनट एवं इसका रिजल्ट आने में 35 मिनट का समय लगता है. यानी 24 घंटे में तीन शिफ्ट में कार्य करने पर अधिकतम 96 सैंपल की जांच सदर अस्पताल चाईबासा में की जा सकती है. शनिवार को इसका शुभारंभ करते हुए 8 सैंपल की जांच की गई है. सदर अस्पताल में लाये गए ट्रूनेट मशीन को संचालित करने के लिए दो लैब टेक्नीशियन को रिम्स रांची में प्रशिक्षण भी दिया गया है.

चाईबासा: झारखंड में कोरोना वायरस संक्रमण ग्रस्त मरीजों की संख्या में दिन ब दिन बढ़ोतरी होती जा रही है. राज्य सरकार भी अपने तरफ से संक्रमित मरीजों को ठीक करने और संदिग्ध लोगों के जांच जल्द से जल्द करवाने के कई प्रयास कर रही. राज्य सरकार द्वारा पश्चिम सिंहभूम जिले को ट्रूनेट मशीन उपलब्ध करवाया गया है. अब जिले के चाईबासा सदर अस्पताल में कोरोना संक्रमण की जांच के लिए ट्रूनेट मशीन से जांच की जाएगी. ट्रूनेट मशीन 24 घंटे में 96 सैंपल की टेस्टिंग करने में सक्षम है.

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कोरोना वायरस संक्रमण की जांच अब पश्चिम सिंहभूम जिले के चाईबासा स्थित सदर अस्पताल में की जा सकेगी. जिले के सदर अस्पताल में ट्रूनेट मशीन लाया गया है, ट्रूनेट मशीन में 24 घंटे में 96 सैंपल जांच करने की क्षमता है. शनिवार को इसका शुभारंभ उपायुक्त आरवा राजकमल ने किया. उपायुक्त ने बताया कि ट्रूनेट मशीन के माध्यम से कोरोना संक्रमण की जांच के लिए राज्य सरकार ने एक अत्यंत उपयोगी यंत्र जिला प्रशासन को दिया है. सिविल सर्जन और अस्पताल के वरीय चिकित्सकों के देखरेख में इसका उपयोग किया जाएगा.

फ्रंटलाइन वर्कर्स को मिलेगी प्राथमिकता

उपायुक्त ने बताया कि इसके माध्यम से विशेषकर ऐसे ही मामलों की जांच होगी जिसका टेस्ट रिपोर्ट का जल्दी आना अनिवार्य है. कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के सबसे नजदीक रहने वाले फ्रंटलाइन वर्कर्स जैसे डॉक्टर पुलिस पदाधिकारी हाई रिस्क कंटेंट श्रेणी में आने वाले जो भी कर्मी होंगे उनके सैंपल की जांच प्राथमिकता के साथ किया जाएगा.

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सदर अस्पताल में पहले से ही भर्ती और इलाजरत मरीजों के गर्भवती महिलाओं के अलावा डायलिसिस और अन्य कोविड-19 व्यक्ति की जांच समिति ने इमरजेंसी मामलों की जांच पर प्राथमिकता दी जाएगी. सदर अस्पताल में भर्ती ऐसे व्यक्ति जो ट्रेसिंग के बाद उनको भी हाय रेस की श्रेणी में पाया जाता है तो प्राथमिकता के तौर पर इनका टेस्ट किया जाएगा, बताया गया है कि पॉजिटिव पाए जाने पर इसे प्रोविजनल रिजल्ट मानते हुए इसका कंफर्मेशन आरटी पीसीआर लैब से कराना आवश्यक होगा. इसके बाद ही इसका मान्य होगा.

ट्रूनेट मशीन में 24 घंटे में 96 सैंपल जांच करने की क्षमता

उपायुक्त ने बताया कि ट्रूनेट मशीन में 1 घंटे में अधिकतम 4 सेंपल जांच करने की क्षमता है कोरोना जांच का प्रोसेसिंग करने में मात्र 17 मिनट एवं इसका रिजल्ट आने में 35 मिनट का समय लगता है. यानी 24 घंटे में तीन शिफ्ट में कार्य करने पर अधिकतम 96 सैंपल की जांच सदर अस्पताल चाईबासा में की जा सकती है. शनिवार को इसका शुभारंभ करते हुए 8 सैंपल की जांच की गई है. सदर अस्पताल में लाये गए ट्रूनेट मशीन को संचालित करने के लिए दो लैब टेक्नीशियन को रिम्स रांची में प्रशिक्षण भी दिया गया है.

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