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धर्म परिवर्तन करने पर 3 परिवारों को जान से मारने की धमकी, 4 दिनों से गांव छोड़कर फरार हैं परिवार के लोग

चाईबासा में धर्म परिवर्तन को लेकर 3 परिवारों को गांव के ही मुंडा जाति के कुछ लोग ने जान से मारने की धामकी दी है. धमकी से सहमा परिवार पिछले 4 दिनों से गांव छोड़ कर फरार है, मामले की शिकायत के बाद एसपी ने मामले में पूछताछ शुरु कर दी है.

3 परिवारों को जान से मारने की धमकी
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Published : Nov 13, 2019, 11:27 PM IST

Updated : Nov 13, 2019, 11:43 PM IST

चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम जिले में धर्म परिवर्तन को लेकर 3 परिवारों को गांव के ही मुंडा जाति के लोगों ने जान से मारने और हुक्का-पानी बंद करने की धमकी का मामला सामने आया है. गोइलकेरा थाना क्षेत्र के रघुनाथपुर गांव में रहने वाले तीन परिवारों ने कुछ दिनों पहले धर्म परिवर्तन किया था. जिसके बाद ग्रामीण मुंडा ने तीनों परिवार को जान से मारने की धमकी, जमीन से बेदखल और सामाजिक बहिष्कार के साथ-साथ सभी मौलिक सुविधाओं से वंचित करने का एलान कर दिया है.

देखें पूरी खबर

धमकी से सहमा तीनों परिवार के महिला पुरुष समेत बच्चे अपनी जान बचाकर पिछले 4 दिनों से गांव से भागे हुए हैं. तीनों परिवारों ने अपनी जान और माल की रक्षा के लिए पश्चिम सिंहभूम पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर गुहार लगाई है. मामले में पुलिस अधीक्षक सूरजु बोयपाई ने बताया कि रघुनाथपुर गांव के ग्रामीण मुंडा मनदत्ता नायक के नेतृत्व में ग्राम सभा रखी गई थी. जिसमें तीनों परिवारों को बुलाकर पूछताछ की गई है.

बैठक में धर्म परिवर्तन करने वाले तीनों परिवारों को सामाजिक बहिष्कार करते हुए सभी मौलिक सुविधाओं से वंचित कर उनकी संपत्ति पर अपना कब्जा करने और उसका उपभोग करने का ऐलान कर दिया गया. सूरजु ने बताया कि धर्म परिवर्तन किए लोगों के घर आकर अकारण जबरन मारपीट करते हुए गाली गलौज किया और सपरिवार गांव छोड़ देने की हिदायत दी. इसके साथ ही गांव नहीं छोड़ने पर जान से मारने की धमकी दी.

ये भी पढ़ें- लोहरदगा सीट की कयासों पर लगा विराम, BJP के टिकट से सुखदेव भगत ने किया नामांकन

10 नवंबर को गांव में ही ग्रामीण मुंडा की अध्यक्षता में बैठक बुलाई गई. जिसमें ग्रामीण मुंडा ने तीनों परिवारों को पैसा का प्रलोभन भी दिया और सरना धर्म में लौटने पर सभी प्रतिबंधों से मुक्त करने की बात कही. वहीं कहा कि अभी हमलोगों को जान से मारने की धमकी, जमीन से बेदखल करने, घर जलाने की धमकी, राशन कार्ड से चावल न देने, जल स्रोतों से पानी न लेने सहित हमारे बच्चों और अन्य जरूरी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर और अभिप्रमाणित न करने और मालगुजारी रसीद आदि नहीं दिया जा रहा है.

इसके अलावा ग्रामीण मुंडा के नेतृत्व में गांव के सभी जलस्रोतों से पानी लेने पर भी पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया है. जिस कारण हम तीनों परिवार गांव के बाहर 1 किलोमीटर दूर स्थित चुंआ से पानी विवश है. इसके अलावा अतिरिक्त गांव के रास्ते में चलन से पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है. जिसके कारण हमलोगों को आने जाने के लिए बीहड़ जंगल का उपयोग करना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें- लोहरदगा में होगा दिलचस्प मुकाबला, कांग्रेस के वर्तमान और पूर्व अध्यक्ष होंगे आमने-सामने

ग्रामीण मुंडा मनदत्ता नायक ने फरमान जारी किया है कि धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों को सरकारी राशन दुकान से राशन लेने नहीं दिया जा रहा है. जिसके कारण हम लोग अनाज और अन्य सामग्री लाने के लिए गांव से दूर अन्य गैर सरकारी और व्यक्तिगत दुकानों से राशन खरीद कर अपना और अपने परिवार के लोगों को दो वक्त की भोजन दे पा रहे हैं.

चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम जिले में धर्म परिवर्तन को लेकर 3 परिवारों को गांव के ही मुंडा जाति के लोगों ने जान से मारने और हुक्का-पानी बंद करने की धमकी का मामला सामने आया है. गोइलकेरा थाना क्षेत्र के रघुनाथपुर गांव में रहने वाले तीन परिवारों ने कुछ दिनों पहले धर्म परिवर्तन किया था. जिसके बाद ग्रामीण मुंडा ने तीनों परिवार को जान से मारने की धमकी, जमीन से बेदखल और सामाजिक बहिष्कार के साथ-साथ सभी मौलिक सुविधाओं से वंचित करने का एलान कर दिया है.

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धमकी से सहमा तीनों परिवार के महिला पुरुष समेत बच्चे अपनी जान बचाकर पिछले 4 दिनों से गांव से भागे हुए हैं. तीनों परिवारों ने अपनी जान और माल की रक्षा के लिए पश्चिम सिंहभूम पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर गुहार लगाई है. मामले में पुलिस अधीक्षक सूरजु बोयपाई ने बताया कि रघुनाथपुर गांव के ग्रामीण मुंडा मनदत्ता नायक के नेतृत्व में ग्राम सभा रखी गई थी. जिसमें तीनों परिवारों को बुलाकर पूछताछ की गई है.

बैठक में धर्म परिवर्तन करने वाले तीनों परिवारों को सामाजिक बहिष्कार करते हुए सभी मौलिक सुविधाओं से वंचित कर उनकी संपत्ति पर अपना कब्जा करने और उसका उपभोग करने का ऐलान कर दिया गया. सूरजु ने बताया कि धर्म परिवर्तन किए लोगों के घर आकर अकारण जबरन मारपीट करते हुए गाली गलौज किया और सपरिवार गांव छोड़ देने की हिदायत दी. इसके साथ ही गांव नहीं छोड़ने पर जान से मारने की धमकी दी.

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10 नवंबर को गांव में ही ग्रामीण मुंडा की अध्यक्षता में बैठक बुलाई गई. जिसमें ग्रामीण मुंडा ने तीनों परिवारों को पैसा का प्रलोभन भी दिया और सरना धर्म में लौटने पर सभी प्रतिबंधों से मुक्त करने की बात कही. वहीं कहा कि अभी हमलोगों को जान से मारने की धमकी, जमीन से बेदखल करने, घर जलाने की धमकी, राशन कार्ड से चावल न देने, जल स्रोतों से पानी न लेने सहित हमारे बच्चों और अन्य जरूरी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर और अभिप्रमाणित न करने और मालगुजारी रसीद आदि नहीं दिया जा रहा है.

इसके अलावा ग्रामीण मुंडा के नेतृत्व में गांव के सभी जलस्रोतों से पानी लेने पर भी पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया है. जिस कारण हम तीनों परिवार गांव के बाहर 1 किलोमीटर दूर स्थित चुंआ से पानी विवश है. इसके अलावा अतिरिक्त गांव के रास्ते में चलन से पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है. जिसके कारण हमलोगों को आने जाने के लिए बीहड़ जंगल का उपयोग करना पड़ रहा है.

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ग्रामीण मुंडा मनदत्ता नायक ने फरमान जारी किया है कि धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों को सरकारी राशन दुकान से राशन लेने नहीं दिया जा रहा है. जिसके कारण हम लोग अनाज और अन्य सामग्री लाने के लिए गांव से दूर अन्य गैर सरकारी और व्यक्तिगत दुकानों से राशन खरीद कर अपना और अपने परिवार के लोगों को दो वक्त की भोजन दे पा रहे हैं.

Intro:चाईबासा। पश्चिम सिंहभूम जिले में धर्म परिवर्तन को लेकर 3 परिवारों को गांव के ही मुंडा के द्वारा जान से मारने और हुक्का-पानी बंद करने का मामला सामने आया है। गोइलकेरा थाना अंतर्गत रघुनाथपुर गांव में रहने वाले तीन परिवारों ने कुछ दिनों पहले धर्म परिवर्तन किया था जिसके बाद ग्रामीण मुंडा ने तीनों परिवार को जान से मारने की धमकी जमीन से बेदखल एवं सामाजिक बहिष्कार के साथ-साथ सभी मौलिक सुविधाओं से वंचित करने का एलान कर दिया है। Body:जिस कारण गांव के तीनों परिवार महिला पुरुष एवं बच्चे अपनी जान बचाकर पिछले 4 दिनों से गांव से भागे हुए हैं।

तीनों परिवारों ने अपनी जान माल की रक्षा के लिए पश्चिम सिंहभूम पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर गुहार लगाई है।

पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे सूरजु बोयपाई ने बताया कि रघुनाथपुर गांव के ग्रामीण मुंडा मनदत्ता नायक के नेतृत्व में ग्राम सभा रखी गई थी जिसमें गांव के ही सूरजु बोयपाई सहित 3 तीनो परिवारों को बुलाई गई थी। बैठक में धर्म परिवर्तन करने वाले तीनों परिवारों को सामाजिक बहिष्कार करते हुए सभी मौलिक सुविधाओं से वंचित कर उनके संपत्ति पर अपना कब्जा करने और उसका उपभोग करने का ऐलान कर दिया गया।

सूरजु ने बताया कि धर्म परिवर्तन किए लोगों के घर आकर अकारण जबरन मारपीट करते हुए गाली गलौज किया और सपरिवार गांव छोड़ देने की हिदायत दी। साथ ही गांव नही छोड़ने पर जान से मारने की धमकी दिया।

10 नवंबर को गांव में ही ग्रामीण मुंडा की अध्यक्षता में बैठक बुलाई गई । जिसमें ग्रामीण मुंडा ने तीनो परिवारों को पैसा का प्रलोभन भी दिया और सरना धर्म मे लौटने पर सभी प्रतिबंधो से मुक्त करने की बात कही। अभी हमलोगों को जान से मारने की धमकी , जमीन से बेदखल करने, घर जलाने की धमकी, राशन कार्ड से चावल न देने, जल स्रोतों से पानी न लेने सहित हमारे बच्चों एवं अन्य जरूरी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर एवं अभिप्रमाणित न करने और मालगुजारी रसीद आदि नही दिया जा रहा है।

इसके अलावा ग्रामीण मुंडा की नेतृत्व में गांव के सभी जलस्रोतों से पानी लेने पर भी पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया है। जिस कारण हम तीनों परिवार गांव के बाहर 1 किलोमीटर दूर स्थित चुंआ से पानी विवश है। इसके अलावा अतिरिक्त गांव के रास्ते मे चलन से पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। जिसके कारण हमलोगों को आने जाने के लिए बीहड़ जंगल का उपयोग करना पड़ रहा है।

ग्रामीण मुंडा मनदत्ता नायक ने फरमान जारी किया है कि धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों को सरकारी राशन दुकान से राशन लेने नही दिया जा रहा है। जिसके कारण हम लोग अनाज एवं अन्य सामग्री लाने के लिए गांव से दूर अन्य गैर सरकारी और व्यक्तिगत दुकानों से राशन खरीद कर अपना एवं अपने परिवार के लोगों को दो वक्त की भोजन दे पा रहे हैं।
सूरजु ने बताया कि साथ ही ग्रामीण मुंडा द्वारा हमारे समुदाय के किसी भी व्यक्ति के निधन होने और उसे दफनाने भी नही देने की बात कही है।Conclusion:
Last Updated : Nov 13, 2019, 11:43 PM IST
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