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चाईबासा: 9 लाख लोगों की स्क्रीनिंग, 272 लोगों में मिले फ्लू के लक्षण, भेजे गए सीएचसी - चाईबासा में कोरोना वायरस

चाईबासा में अभी तक 272 लोगों को चिन्हित किया गया है, जिनमें फ्लू के लक्षण देखे गए हैं. सभी को सीएचसी में रेफर किया गया है. इनमें से यदि कुछ संदिग्ध मामले ऐसे संज्ञान में आते हैं जिनकी ट्रैवल हिस्ट्री अधिक दूरी तक यात्रा की रही है तो आने वाले दिनों में उनके टेस्ट की व्यवस्था भी कराई जाएगी.

Screening of 9 lakh people in Chaibasa regarding Corona
कोरोना वायरस
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Published : Apr 10, 2020, 10:17 AM IST

चाईबासा: सदर अस्पताल में जिला उपायुक्त अरवा राजकमल की अध्यक्षता में कोविड-19 नियंत्रण के संबंध में बैठक की गई. बैठक के बाद जिला उपायुक्त ने जानकारी दी कि कोरोना नियंत्रण के संबंध में सभी संबंधित पदाधिकारी विशेषकर उप विकास आयुक्त, जिला की सिविल सर्जन, वरीय चिकित्सक, चक्रधरपुर के रेलवे अस्पताल के प्रभारी सभी के साथ विशेष विमर्श किया है.

जानकारी देते उपायुक्त अरवा राजकमल

9 लाख लोगों की गई स्क्रीनिंग

उपायुक्त ने बताया कि जिले में स्क्रीनिंग की प्रक्रिया चल रही है. आंगनबाड़ी सेविका, आशा वर्कर, सहिया के माध्यम से 9 लाख से अधिक नागरिकों की टेस्टिंग की गई है. उपायुक्त ने बताया कि स्क्रीनिंग टेस्ट में मूलतः यह जांच की जा रही है कि किन्हीं व्यक्ति में फ्लू की तरह के लक्षण प्रदर्शित हो रहे हैं. स्क्रीनिंग की प्रक्रिया में वस्तुतः प्राथमिक टेस्टिंग शामिल है, जिसमें पूछताछ के आधार फ्लू के लक्षणों का पता लगाया जा रहा है.

उपायुक्त ने बताया कि अभी तक 272 लोगों को चिन्हित किया गया है, जिनमें फ्लू के लक्षण देखे गए हैं. सभी को सीएचसी में रेफर किया गया है. इनमें से यदि कुछ संदिग्ध मामले ऐसे संज्ञान में आते हैं जिनकी ट्रैवल हिस्ट्री अधिक दूरी तक यात्रा की रही है तो आने वाले दिनों में उनके टेस्ट की व्यवस्था भी कराई जाएगी.

चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति

उपायुक्त ने बताया कि रेलवे अस्पताल चक्रधरपुर में विभिन्न उपकरणों को चक्रधरपुर अनुमंडल अस्पताल से उपलब्ध कराया जाएगा. उपायुक्त ने बताया कि साउथ ईस्टर्न अस्पताल चक्रधरपुर को विशेष रूप से कोरोना के लिए समर्पित अस्पताल के तौर पर किस तरह से तैयार करना है इसके बारे में भी चर्चा हुई है. कोरोना संक्रमण के इलाज के लिए समर्पित रेलवे अस्पताल में कार्य करने वाले चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति की गई है.

शनिवार से डॉक्टर और चिकित्साकर्मियों का कार्य शुरू हो जाएगा. तीन पाली में डॉक्टरों की नियुक्ति होगी, जिसमें दो पाली में जिला प्रशासन के डॉक्टर और स्टाफ और एक पाली में भारतीय रेलवे के चिकित्सक और स्टाफ की प्रतिनियुक्ति की जाएगी. उन्होंने कहा कि एक बेहतर साझेदारी के साथ दोनों जिला प्रशासन और रेलवे दोनों संस्थाएं मिलकर कोरोना के खिलाफ जंग में शत-प्रतिशत योगदान देते हुए कार्य करेंगे.

ये भी पढ़ें: पुलिस-नक्सली मुठभेड़, दोनों ओर से कई राउंड फायरिंग

उपायुक्त ने बताया कि कोरोना के इलाज के लिए समर्पित अस्पताल के रूप में चिन्हित साउथ ईस्टर्न रेलवे अस्पताल में उप विकास आयुक्त को नोडल ऑफिसर बनाया गया है. उप विकास आयुक्त के द्वारा रेलवे अस्पताल में उपयोग के लिए विभिन्न प्रकार के उपकरणों की तैयारी की जा रही है. कोरोना के रोकथाम की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा. उपायुक्त ने बताया कि लगातार इस तरह की बैठक सिविल सर्जन के द्वारा प्रत्येक दिन करने का निर्देश विभाग के द्वारा प्राप्त है. इसी के अनुरूप विशेष रूप से 2 दिन जिला के विभिन्न पदाधिकारी भी इस बैठक में भाग लेंगे. जिससे कि डॉक्टरों और चिकित्सा टीम की यदि कोई समस्याएं हैं तो उनका भी ससमय समाधान किया जा सके.

चाईबासा: सदर अस्पताल में जिला उपायुक्त अरवा राजकमल की अध्यक्षता में कोविड-19 नियंत्रण के संबंध में बैठक की गई. बैठक के बाद जिला उपायुक्त ने जानकारी दी कि कोरोना नियंत्रण के संबंध में सभी संबंधित पदाधिकारी विशेषकर उप विकास आयुक्त, जिला की सिविल सर्जन, वरीय चिकित्सक, चक्रधरपुर के रेलवे अस्पताल के प्रभारी सभी के साथ विशेष विमर्श किया है.

जानकारी देते उपायुक्त अरवा राजकमल

9 लाख लोगों की गई स्क्रीनिंग

उपायुक्त ने बताया कि जिले में स्क्रीनिंग की प्रक्रिया चल रही है. आंगनबाड़ी सेविका, आशा वर्कर, सहिया के माध्यम से 9 लाख से अधिक नागरिकों की टेस्टिंग की गई है. उपायुक्त ने बताया कि स्क्रीनिंग टेस्ट में मूलतः यह जांच की जा रही है कि किन्हीं व्यक्ति में फ्लू की तरह के लक्षण प्रदर्शित हो रहे हैं. स्क्रीनिंग की प्रक्रिया में वस्तुतः प्राथमिक टेस्टिंग शामिल है, जिसमें पूछताछ के आधार फ्लू के लक्षणों का पता लगाया जा रहा है.

उपायुक्त ने बताया कि अभी तक 272 लोगों को चिन्हित किया गया है, जिनमें फ्लू के लक्षण देखे गए हैं. सभी को सीएचसी में रेफर किया गया है. इनमें से यदि कुछ संदिग्ध मामले ऐसे संज्ञान में आते हैं जिनकी ट्रैवल हिस्ट्री अधिक दूरी तक यात्रा की रही है तो आने वाले दिनों में उनके टेस्ट की व्यवस्था भी कराई जाएगी.

चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति

उपायुक्त ने बताया कि रेलवे अस्पताल चक्रधरपुर में विभिन्न उपकरणों को चक्रधरपुर अनुमंडल अस्पताल से उपलब्ध कराया जाएगा. उपायुक्त ने बताया कि साउथ ईस्टर्न अस्पताल चक्रधरपुर को विशेष रूप से कोरोना के लिए समर्पित अस्पताल के तौर पर किस तरह से तैयार करना है इसके बारे में भी चर्चा हुई है. कोरोना संक्रमण के इलाज के लिए समर्पित रेलवे अस्पताल में कार्य करने वाले चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति की गई है.

शनिवार से डॉक्टर और चिकित्साकर्मियों का कार्य शुरू हो जाएगा. तीन पाली में डॉक्टरों की नियुक्ति होगी, जिसमें दो पाली में जिला प्रशासन के डॉक्टर और स्टाफ और एक पाली में भारतीय रेलवे के चिकित्सक और स्टाफ की प्रतिनियुक्ति की जाएगी. उन्होंने कहा कि एक बेहतर साझेदारी के साथ दोनों जिला प्रशासन और रेलवे दोनों संस्थाएं मिलकर कोरोना के खिलाफ जंग में शत-प्रतिशत योगदान देते हुए कार्य करेंगे.

ये भी पढ़ें: पुलिस-नक्सली मुठभेड़, दोनों ओर से कई राउंड फायरिंग

उपायुक्त ने बताया कि कोरोना के इलाज के लिए समर्पित अस्पताल के रूप में चिन्हित साउथ ईस्टर्न रेलवे अस्पताल में उप विकास आयुक्त को नोडल ऑफिसर बनाया गया है. उप विकास आयुक्त के द्वारा रेलवे अस्पताल में उपयोग के लिए विभिन्न प्रकार के उपकरणों की तैयारी की जा रही है. कोरोना के रोकथाम की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा. उपायुक्त ने बताया कि लगातार इस तरह की बैठक सिविल सर्जन के द्वारा प्रत्येक दिन करने का निर्देश विभाग के द्वारा प्राप्त है. इसी के अनुरूप विशेष रूप से 2 दिन जिला के विभिन्न पदाधिकारी भी इस बैठक में भाग लेंगे. जिससे कि डॉक्टरों और चिकित्सा टीम की यदि कोई समस्याएं हैं तो उनका भी ससमय समाधान किया जा सके.

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