चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम में बनाए गए दो क्वॉरेंटाइन सेंटर में सेवा दे रहे डॉक्टर, नर्स और पुलिस जवानों को भी पीपीई किट जल्द उपलब्ध कराया जाएगा. आइसोलेशन वार्ड में भर्ती होने वाले संक्रमित मरीज को सेवा देने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को ही पीपीई किट उपयोग में लाना अनिवार्य है. जिला प्रशासन की पहल पर 218 पीपीई किट लाया गया.
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इस संदर्भ में जिला उपायुक्त अरवा राजकमल ने बताया कि क्वॉरेंटाइन सेंटर में लोगों को मात्र क्वॉरेंटाइन किया गया है. सेंटर में अभी तक एक भी व्यक्ति संक्रमित नहीं पाया गया है जिस कारण क्वॉरेंटाइन सेंटर में अपनी सेवा दे रहे स्वास्थ्य कर्मियों को पीपीई किट की आवश्यकता नहीं है. पीपीई किट की आवश्यकता आइसोलेशन वार्ड में भर्ती संक्रमित मरीजों के इलाज और सैंपल लेने आदि के लिए उपयोग में लाया जाता है.
डीसी ने बताया कि पूरे देश में पीपीई किट की कमी है. कई जगह पीपीई किट की कालाबाजारी भी शुरू हो गई थी जिससे पीपीई किट सरकारी दर से तीन से चार गुना ऊंचे दामों में बेचे जा रहे थे. लेकिन काफी प्रयास के बाद 218 पीपीई किट जिले में लाया गया है. बहुत जल्द स्वास्थ्य कर्मियों को यह उपलब्ध करवाया जाएगा.
पुलिस जवानों को भी मिलेगा पीपीई किट
डीसी अरवा राजकमल ने बताया कि पीपीई किट ना केवल स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को बल्कि क्वॉरेंटाइन सेंटर की सुरक्षा में लगे पुलिस विभाग के जवानों को भी दिया जाएगा. जिससे सुरक्षा में तैनात पुलिस जवान भी संक्रमित मरीजों की चपेट में आने से बच सकेंगे.
क्या है पीपीई कीट
सदर अस्पताल सिविल सर्जन मंजू दुबे ने बताया कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए पीपीई किट (पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट) का इस्तेमाल किया जाता है, जो केवल एक ही बार इस्तेमाल में लाया जा सकता है उसके बाद पीपीई किट को नष्ट कर देना होता है क्योंकि एक बार उपयोग में लाया गया पीपीई किट दोबारा उपयोग नहीं किया जा सकता है. दोबारा उपयोग से जो संक्रमित मरीज नहीं है उन्हें भी संक्रमण फैल सकता है. इसका इस्तेमाल संक्रमण से बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर नर्स और अन्य कर्मचारी का आइसोलेशन वार्ड में भर्ती मरीज के समीप जाने से पहले उपयोग करना अनिवार्य है.