चाईबासा: शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षकों ने जेल भरो कार्यक्रम के तहत रैली निकाली गई. जहां पारा शिक्षक और सरकार के बीच स्थायीकरण और वेतनमान दिए जाने के समझौता हुई थी. लेकिन समझौते के अनुरूप 90 दिन बीत जाने के बाद भी पारा शिक्षकों की समस्या जस की तस बनी हुई है. जिसके विरोध में पश्चिम सिंहभूम के विभिन्न प्रखंडों से पारा शिक्षकों ने जिला मुख्यालय पहुंचकर शहर के मुख्य सड़क मार्ग पर काला बिल्ला लगाकर विरोध प्रकट किया. वहीं शिक्षकों ने जेल भरो कार्यक्रम रैली समाप्त कर सदर थाने पहुंचे और सामूहिक रूप से गिरफ्तारियां दी.
पारा शिक्षकों ने चलाया जेल भरो आंदोलन
पारा शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष दीपक बेहरा ने बताया कि पारा शिक्षक और सरकार के बीच हुए समझौते के अनुसार शिक्षकों को स्थायीकरण और वेतनमान दिया जाना था. जहां समझौते में यह भी उल्लेख था कि 90 दिन के भीतर पारा शिक्षकों को स्थाई समस्या का समाधान हो जाएगा. लेकिन सरकार ने अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है. मात्र कमेटी का गठन कर छोड़ दिया गया. सरकार की इस शिथिलता को देखते हुए पारा शिक्षकों ने राज्य स्तर पर बैठक की और सामूहिक निर्णय लिया गया कि आंदोलन की शुरुआत करते हुए पूरे राज्य में शिक्षक दिवस के दिन (5 सितंबर को )जेल भरो कार्यक्रम चलाया जाएगा. जिसके तहत पश्चिम सिंहभूम जिले से सभी पारा शिक्षकों ने रैली निकाल कर सामूहिक गिरफ्तारी दिए हैं.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लगाएंगे गुहार
उन्होंने बताया कि अगर सरकार समझौते के अनुरूप काम नहीं करती है तो 12 सितंबर को पूरे राज्य भर के पारा शिक्षक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन पर रांची पहुंचकर उनसे अपनी समस्या का समाधान के लिए गुहार लगाएंगे. उसके बाद भी झारखंड सरकार अगर कोई निर्णय नहीं लेती है तो 16 सितंबर को पूरे राज्य के पारा शिक्षक जमशेदपुर स्थित मुख्यमंत्री आवास के समक्ष सामूहिक धरना देंगे.
सत्तापक्ष सरकार को सिखाएंगे सबक
वहीं16 सितंबर के बाद भी अगर कोई निर्णायक निर्णय सरकार नहीं लेती है तो पारा शिक्षक अनिश्चितकालीन कार्य समाप्त करने का संकल्प लेंगे और आगामी विधानसभा चुनाव में वर्तमान सत्तापक्ष की सरकार को भी सबक सिखाएंगे. इसके साथ ही विधानसभा चुनाव में कोई भी पारा शिक्षक अपना योगदान नहीं देगा.