चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम जिला समाहरणालय सभागार में दिशा की बैठक केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा की अध्यक्षता में की गई. इस दौरान बैठक में उपस्थित विपक्ष के नेताओं में उनकी अध्यक्षता को लेकर घमासान देखने को मिला. इस पर विपक्ष ने सवाल उठाया, जेएमएम विधायक दीपक बिरूआ ने कहा किस आधार पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने दिशा की बैठक की अध्यक्षता की.
विपक्ष ने उठाए सवाल
दीपक बिरूआ ने बैठक में विपक्ष की ओर से कहा कि बैठक शुरू करने से पहले यह स्पष्ट किया जाए कि केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा दिशा की बैठक की अध्यक्षता कैसे कर रहे हैं. जबकि पश्चिम सिंहभूम के सांसद गीता कोड़ा उपस्थित हैं. लोकसभा चुनाव के बाद पश्चिम सिंहभूम जिले में आयोजित दिशा की बैठक में अध्यक्ष पद को लेकर विपक्ष की ओर से केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा पर पद हथियाने का आरोप लगाया और बैठक की अध्यक्षता को लेकर कई सवाल किए.
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काफी पहले से चली आ रही है परंपरा
बता दें कि पश्चिम सिंहभूम जिला काफी पुराना जिला है इसके विधानसभा का क्षेत्र खूंटी संसदीय क्षेत्र में समाहित है. लिहाजा खूंटी के सांसद को भी इस बैठक में बुलाने की परंपरा रही है. परंतु पश्चिम सिंहभूम वृहद और पुराना जिला होने के नाते स्थानीय सांसद को ही दिशा के बैठक की अध्यक्ष पद दिए जाने की परंपरा रही है. लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की उम्मीदवार गीता कोड़ा ने जीत हासिल की है. लिहाजा विपक्ष ने जोरदार तरीके से आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा अपने एजेंडे के तहत वरीय और केंद्रीय मंत्री होने का हवाला देते हुए अर्जुन मुंडा को अध्यक्ष पद की जिम्मेवारी दी है.
रास नहीं आ रही बीजेपी को करारी हार
यहां के विकास को रोकना और भाजपा के एजेंडा को थोपने के लिए एक सोची-समझी रणनीति के तहत इस तरह से पद सृजन करने की साजिश रची गई है. वहीं पश्चिम सिंहभूम के सांसद गीता कोड़ा ने भी केंद्र सरकार की साजिश पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि बीजेपी और केंद्र सरकार को अपनी करारी हार रास नहीं आ रही है और यहां के विकास को रोकने के लिए ही दिशा अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी स्थानीय सांसद को न देकर अपने केंद्रीय मंत्री और खूंटी के सांसद अर्जुन मुंडा को दी गई है. इससे साफ जाहिर होता है कि सरकार को पश्चिम सिंहभूम के विकास से कोई लेना देना नहीं है बाकी उसे तो सिर्फ अपने एजेंडे को थोपने के मकसद से ही अर्जुन मुंडा को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी गई है.
विपक्ष को नहीं है जानकारी
वहीं केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने अपनी ओर से नियमों का हवाला देते हुए कहा कि वरीयता के हिसाब से ही अध्यक्ष पद की जिम्मेवारी मिलती है. विपक्ष को जानकारी की कमी है इसलिए उनके द्वारा इस तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं.