चाईबासा: नक्सलियों ने गोइलकेरा थाना क्षेत्र के बेड़ादुईया गांव में एक व्यक्ति की गोली मारकर की हत्या कर दी. जिले के एसपी अजय लिंडा ने इस घटना की पुष्टि की है. जिला पुलिस को सूचना मिली थी कि गोईलकेरा थाना क्षेत्र के बेड़ादुईया गांव में किसी व्यक्ति की हत्या कर दी गई है. सूचना के सत्यापन और आवश्यक कार्यवाही के लिए चाईबासा पुलिस आरसीआरपीएफ 60 बटालियन की संयुक्त टीम गठित कर घटनास्थल के लिए रवाना हुई. इस दौरान पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों की ओर से एसओपी के अनुरूप सतर्कता मूलक कार्रवाई करते हुए घटनास्थल बेड़ादुईया गांव में जाने वाली सड़क पर रतन कोड़ा का शव बरामद किया गया.
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घटनास्थल पर मृतक की पत्नी से पूछताछ करने पर बताया कि रविवार की शाम को काला ड्रेस पहने हुए दो व्यक्ति घर पर आए थे और दरवाजा खटखटाया. दरवाजा खोलने के बाद इनके पति रतन कोड़ा को घसीटते हुए घर से बाहर ले गए जब मृतक की पत्नी बाहर निकली तो उसने देखा कि काला ड्रेस पहने आठ 10 लोग और खड़े हैं जिसके बाद उन लोगों ने मृतक की पत्नी को भी घर के अंदर बंद कर बाहर से दरवाजे पर कुंडी लगा दी.
सुबह जब वह घर से बाहर निकलकर पति की खोजबीन करने लगे तो उन्हें जानकारी मिली की उनके पति की हत्या माओवादियों की ओर से गोली मारकर कर दी गई है और शव सड़क पर पड़ा मिला है. मृतक की पत्नी ने बताया कि रतन कोड़ा वन विभाग में दैनिक मजदूरी पर काम किया करते थे.
पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण करते हुए फोटोग्राफी कर आवश्यक साक्ष्य पुलिस ने संकलन किया है. शव को पोस्टमार्टम के लिए चक्रधरपुर भेज दिया गया है इसके साथ ही उक्त घटना के संबंध में मृतक के पत्नी के बयान पर गोइलकेरा थाना में भाकपा माओवादी के खिलाफ सुसंगत धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज कर अग्रसर अनुसंधान किया जा रहा है. मृतक रतन कोड़ा की हत्या क्यों हुई है यह अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है.
नक्सली हताश होकर मार रहे ग्रामीणों को
पश्चिम सिंहभूम जिला पुलिस अधीक्षक अजय लिंडा ने कहा कि निर्दोष ग्रामीण को मारना नक्सलियों के हताशा और उनका असली चेहरा दिखाता है. सभी ग्रामीण विशेषकर आदिवासी समाज इनके असली चेहरे को समझ गए हैं. मृतक ग्रामीण रतन कोड़ा बिल्कुल निर्दोष आदिवासी युवा था, जो वन विभाग में दैनिक मजदूरी करता था. नक्सलियों के खिलाफ जो अभियान चलाए जा रहे हैं जिससे नक्सली परेशान होकर ग्रामीण और महिलाओं के साथ भी मारपीट कर रहे हैं.