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कोरोना सैंपल कलेक्शन के लिए बनाया गया फोन बूथ सेंटर, अब नहीं पड़ेगी PPE किट की जरूरत

चाईबासा सदर अस्पताल में कोरोना वायरस के संक्रमण से पीड़ित व्यक्तियों के जांच के लिए बूथ कोविड-19 कलेक्शन सेंटर बनाया गया है. इस फोन बूथ कोविड-19 कलेक्शन सेंटर की मदद से एक साथ बड़ी आबादी में वायरस संक्रमण के जांच में सहायता मिलेगी.

Phone booth center built for Corona sample collection in chaibasa
चाईबासा सदर अस्पताल
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Published : Apr 5, 2020, 5:23 PM IST

चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम जिला प्रशासन की पहल पर सदर अस्पताल चाईबासा के परिसर में कोरोना वायरस के संक्रमण से पीड़ित व्यक्तियों के जांच के लिए स्थाई फोन बूथ कोविड-19 सैंपल कलेक्शन सेंटर का निर्माण किया गया. स्थाई फोन बूथ कोविड-19 सैंपल कलेक्शन सेंटर का उद्घाटन जिला उपायुक्त अरवा राजकमल ने फीता काटकर किया.

देखिए पूरी खबर

इस फोन बूथ कोविड-19 सैंपल कलेक्शन सेंटर की मदद से एक साथ बड़ी आबादी में वायरस संक्रमण के जांच में सहायता मिलेगी. इस फोन बूथ को गाड़ी में लोड करके अलग-अलग कॉलोनी में भी आसानी से ले जाया जा सकता है और वायरस के संक्रमण से डॉक्टर और चिकित्साकर्मियों के बचाव में काफी भरोसेमंद होगा और पीपीई किट की तुलना में इसकी लागत भी काफी कम है.

स्थाई कलेक्शन सेंटर है काफी मददगार

इस दौरान उपायुक्त अरवा राजकमल ने बताया कि वर्तमान परिदृश्य में पीपीई किट की ज्यादा डिमांड होने के कारण कमी देखने को मिल रही है और वायरस से पीड़ित लोगों के नमूने संग्रह में इस किट की काफी आवश्यकता होती है. उन्होंने बताया कि उप विकास आयुक्त के द्वारा काफी प्रयास के बाद चिकित्सकों और कर्मियों के लिए 200 से ज्यादा पीपीई किट जिले में मंगाया गया है. उनके द्वारा जानकारी दी गई कि साउथ कोरिया देश में उपलब्ध मॉडल के आधार पर काफी कम समय और काफी कम खर्च में इस स्थाई कोविड-19 सैंपल कलेक्शन सेंटर का निर्माण किया गया है. इस कलेक्शन सेंटर से नमूना संग्रह करने में डॉक्टर्स और चिकित्साकर्मी वायरस के संक्रमण से पूरी तरह सुरक्षित रहेंगे और पीपीई किट के कमी को दूर किया जा सकता है.

जिला प्रशासन की एक छोटी पहल

इस संबंध में उप विकास आयुक्त आदित्य रंजन ने कहा कि कोविड-19 सैंपल कलेक्शन सेंटर जिला प्रशासन की एक छोटी सी पहल है. उन्होंने कहा कि पीपीई किट की कीमत लगभग 600 से 3 हजार रुपए तक है और हर जिले में 1000/2000 वन टाइम किट की आवश्यकता पड़ रही है, जबकि इस कलेक्शन सेंटर के निर्माण में 15 से 20 हजार रुपए का लागत आएगा. उन्होंने कहा कि अभी देश के कुछ शहरों में घटित घटनाओं को देखते हुए जिला प्रशासन के द्वारा फोन बूथ कलेक्शन सेंटर बनाया गया है.

इस सेंटर को गाड़ी में लोड कर अलग-अलग मोहल्लों में जाकर एक बहुत बड़ी आबादी का जांच करने और अपने कर्तव्य का निर्वहन करने वाले सभी चिकित्सक और चिकित्साकर्मियों को वायरस के संक्रमण से सुरक्षित रखने में काफी मददगार साबित होगा. इस सैंपल कलेक्शन सेंटर के माध्यम से सरकारी राशि का कम व्यय होगा और इसकी मदद से काफी कम समय में ज्यादा से ज्यादा संक्रमित व्यक्तियों का नमूना संग्रह किया जा सकेगा.

कलेक्शन सेंटर के बारे में डॉक्टर की राय

इस कोविड-19 कलेक्शन सेंटर के बारे में जिले की सिविल सर्जन बताती है कि इसके निर्माण से जिला प्रशासन के द्वारा हम सभी चिकित्सकों के लिए बहुत बड़ा सहयोग होगा. इस कलेक्शन सेंटर के माध्यम से वायरस के संक्रमण से सुरक्षित रहते हुए पीड़ित व्यक्तियों का नमूना संग्रह आसानी से किया जा सकेगा. अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी ने कहा कि वायरस के संक्रमण से पीड़ित लोगों का स्वाब लेने के समय चिकित्सकों और पीड़ित लोगों के बीच संपर्क होने का हमेशा भय बना रहता है, लेकिन अब इस कलेक्शन सेंटर के माध्यम से डॉक्टर अपने आपको काफी सुरक्षित महसूस करेंगे और कम समय में हम चिकित्सक लोग ज्यादा से ज्यादा लोगों का उपचार कर पाएंगे.

चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम जिला प्रशासन की पहल पर सदर अस्पताल चाईबासा के परिसर में कोरोना वायरस के संक्रमण से पीड़ित व्यक्तियों के जांच के लिए स्थाई फोन बूथ कोविड-19 सैंपल कलेक्शन सेंटर का निर्माण किया गया. स्थाई फोन बूथ कोविड-19 सैंपल कलेक्शन सेंटर का उद्घाटन जिला उपायुक्त अरवा राजकमल ने फीता काटकर किया.

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इस फोन बूथ कोविड-19 सैंपल कलेक्शन सेंटर की मदद से एक साथ बड़ी आबादी में वायरस संक्रमण के जांच में सहायता मिलेगी. इस फोन बूथ को गाड़ी में लोड करके अलग-अलग कॉलोनी में भी आसानी से ले जाया जा सकता है और वायरस के संक्रमण से डॉक्टर और चिकित्साकर्मियों के बचाव में काफी भरोसेमंद होगा और पीपीई किट की तुलना में इसकी लागत भी काफी कम है.

स्थाई कलेक्शन सेंटर है काफी मददगार

इस दौरान उपायुक्त अरवा राजकमल ने बताया कि वर्तमान परिदृश्य में पीपीई किट की ज्यादा डिमांड होने के कारण कमी देखने को मिल रही है और वायरस से पीड़ित लोगों के नमूने संग्रह में इस किट की काफी आवश्यकता होती है. उन्होंने बताया कि उप विकास आयुक्त के द्वारा काफी प्रयास के बाद चिकित्सकों और कर्मियों के लिए 200 से ज्यादा पीपीई किट जिले में मंगाया गया है. उनके द्वारा जानकारी दी गई कि साउथ कोरिया देश में उपलब्ध मॉडल के आधार पर काफी कम समय और काफी कम खर्च में इस स्थाई कोविड-19 सैंपल कलेक्शन सेंटर का निर्माण किया गया है. इस कलेक्शन सेंटर से नमूना संग्रह करने में डॉक्टर्स और चिकित्साकर्मी वायरस के संक्रमण से पूरी तरह सुरक्षित रहेंगे और पीपीई किट के कमी को दूर किया जा सकता है.

जिला प्रशासन की एक छोटी पहल

इस संबंध में उप विकास आयुक्त आदित्य रंजन ने कहा कि कोविड-19 सैंपल कलेक्शन सेंटर जिला प्रशासन की एक छोटी सी पहल है. उन्होंने कहा कि पीपीई किट की कीमत लगभग 600 से 3 हजार रुपए तक है और हर जिले में 1000/2000 वन टाइम किट की आवश्यकता पड़ रही है, जबकि इस कलेक्शन सेंटर के निर्माण में 15 से 20 हजार रुपए का लागत आएगा. उन्होंने कहा कि अभी देश के कुछ शहरों में घटित घटनाओं को देखते हुए जिला प्रशासन के द्वारा फोन बूथ कलेक्शन सेंटर बनाया गया है.

इस सेंटर को गाड़ी में लोड कर अलग-अलग मोहल्लों में जाकर एक बहुत बड़ी आबादी का जांच करने और अपने कर्तव्य का निर्वहन करने वाले सभी चिकित्सक और चिकित्साकर्मियों को वायरस के संक्रमण से सुरक्षित रखने में काफी मददगार साबित होगा. इस सैंपल कलेक्शन सेंटर के माध्यम से सरकारी राशि का कम व्यय होगा और इसकी मदद से काफी कम समय में ज्यादा से ज्यादा संक्रमित व्यक्तियों का नमूना संग्रह किया जा सकेगा.

कलेक्शन सेंटर के बारे में डॉक्टर की राय

इस कोविड-19 कलेक्शन सेंटर के बारे में जिले की सिविल सर्जन बताती है कि इसके निर्माण से जिला प्रशासन के द्वारा हम सभी चिकित्सकों के लिए बहुत बड़ा सहयोग होगा. इस कलेक्शन सेंटर के माध्यम से वायरस के संक्रमण से सुरक्षित रहते हुए पीड़ित व्यक्तियों का नमूना संग्रह आसानी से किया जा सकेगा. अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी ने कहा कि वायरस के संक्रमण से पीड़ित लोगों का स्वाब लेने के समय चिकित्सकों और पीड़ित लोगों के बीच संपर्क होने का हमेशा भय बना रहता है, लेकिन अब इस कलेक्शन सेंटर के माध्यम से डॉक्टर अपने आपको काफी सुरक्षित महसूस करेंगे और कम समय में हम चिकित्सक लोग ज्यादा से ज्यादा लोगों का उपचार कर पाएंगे.

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