चाईबासा: जिले के सदर अस्पताल में अपने विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे झारखंड राज्य आऊटसोर्सिंग कर्मचारी संघ के सदस्यों से सदर विधायक दीपक बिरुआ मिलने पहुंचे. इस दौरान विधायक दीपक बिरूवा ने संघ के सदस्यों से मुलाकात कर उनकी मांगों को जाना.
धरना स्थल पर बैठे विधायक
विधायक दीपक बिरुआ और चाईबासा नगर परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष डोमा मिंज ने सदर अस्पताल परिसर में धरने पर बैठकर आउटसोर्सिंग कर्मियों का नैतिक समर्थन किया. वहीं विधायक ने आउटसोर्सिंग कर्मियों की मांगों पर सार्थक पहल करने का भी आश्वासन दिया.
अस्पताल प्रबंधन को लगाई फटकार
जिसके बाद चाईबासा विधायक दीपक बिरुआ सदर अस्पताल सीएस ओपी गुप्ता से मुलाकात की. उनके सवालों के जवाब पर अस्पताल प्रबंधन द्वारा संतोषजनक नहीं दिया गया. इस दौरान उन्होंने आउटसोर्सिंग कर्मियों के छंटनी मामले में अस्पताल प्रबंधन के अधिकारियों पर जमकर फटकार लगाई. वहीं उन्होंने कहा कि आउटसोर्सिंग कर्मियों का रोजगार बचाने की दिशा में अस्पताल प्रबंधन ने सक्रियता नहीं दिखाई.
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छंटनी के विरोध में सभी कर्मी
दीपक बिरुआ ने कहा कि इस मामले पर जिस तरह का रवैया अस्पताल प्रबंधन अपना रही है, यह जांच का मामला है. आउटसोर्सिंग कर्मियों के निर्धारित मानदेय में कटौती की गई है. इस पूरे मामले में आउटसोर्सिंग कर्मियों के रोजगार के साथ खिलवाड़ और पैसों का भी घालमेल है. इस मामले की जानकारी मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को दी जाएगी. आउटसोर्सिंग कर्मियों ने विधायक को बताया कि जिला में 576 आउटसोर्सिंग कर्मी स्वीपर, वार्ड बाॅय, ड्रेसर, प्लंबर, ड्राइवर, बिजली मिस्त्री आदि अल्प भत्ते पर काम कर रहे हैं. प्रधान सचिव के निर्देश पर आउटसोर्सिंग कर्मियों की छंटनी की किये जाने के विरोध में सभी कर्मी 14 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. सभी कर्मियों ने विधायक से आउटसोर्सिंग कर्मियों का रोजगार बचाने का आग्रह किया.
आउटसोर्सिंग कर्मियों की मुख्य मांगें
इसके बाद विधायक दीपक बिरुआ ने सिविल सर्जन से मिलकर अस्पताल प्रबंधन की कार्यवाही पर सवाल खड़े किए, जिसका अस्पताल प्रबंधन द्वारा संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया. जिस पर विधायक ने नाराजगी जताई. कर्मियों की छंटनी रद्द करने, आठ माह का बकाया मानदेय दिया जाए, विभाग द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप मानदेय दिए जाने समेत अन्य मांग शामिल है.