चाईबासा: 10 लाख रुपए के इनामी नक्सली माओवादी जोनल कमांडर जीवन कंडुलना के सरेंडर के बाद उसकी निशानदेही पर पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है. हथियार, कारतूस और विस्फोटक पदार्थों के मिलने से पुलिस के सामने कई सवाल खड़े हो गए हैं, कि आखिर ये कारतूस आए कहां से. बताते चलें कि पुलिस ने सर्च अभियान के दौरान भारी संख्या में कारतूस बरामद किए हैं. इसे लेकर पुलिस मजिस्ट्रेट की निगरानी में जिले के सभी लाइसेंसधारियों की बंदूक और कारतूसों की जांच करेगी.
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राजीव रंजन सिंह ने दी जानकारी
कोल्हान डीआईजी राजीव रंजन सिंह ने बताया कि भाकपा माओवादी संगठन के जोनल कमांडर जीवन कंडुलना के सरेंडर करने के बाद पुलिस की ओर से पूछताछ की गई थी, जिससे कई जानकारियां मिलीं. उसी की निशानदेही पर जिला पुलिस और सीआरपीएफ जवानों की संयुक्त टीम बनाकर सोनुआ थाना क्षेत्र के केड़ावीर गांव के टेंडरकोचा जंगल में छुपाए गए हथियार समेत भारी संख्या में कारतूस बरामद किए गए.
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लाइसेंसी राइफल भी होने की आशंका
पुलिस को ये भी शक है कि जिन लोगों के पास लाइसेंसी राइफल हैं, वहीं लोग शायद नक्सलियों को गोलियों की सप्लाई किया करते हैं या फिर हथियार दुकानदारों की ओर से ये सप्लाई की जा रही है. इसी कड़ी में पुख्ता जांच के लिए अब एक टीम गठित की जाएगी. इसके लिए मजिस्ट्रेट की निगरानी में सभी लाइसेंसधारियों की बंदूक और कारतूसों की जांच होगी. अभी भी 50-60 नक्सली गिरोह सक्रिय हैं. उन्होंने ये भी बताया कि सारंडा पोड़ाहाट और कोल्हान के जंगलों में कई नक्सलियों के दस्ते सक्रिय हैं. सभी हार्डकोर नक्सली अपने-अपने दस्ते लेकर भ्रमणशील हैं. अगर दस्ते के कमांडर सरेंडर करते हैं, तो दस्ते के बाकी सदस्य भी सरेंडर कर देंगे. पुलिस अपना काम कर रही है. लोगों के बीच कॉन्फिडेंस बिल्डिंग करने का काम भी चल रहा है.