चाईबासा: सरांडा के बीहड़ वनग्रामों में रह रहे आदिवासियों को मूलभूत सुविधा उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से जिला प्रशासन के अधिकारियों और कार्यपालक अभियंताओं ने क्षेत्र का दौरा कर कार्य में तेजी लायी है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश प्राप्त होने के बाद पूरा जिला प्रशासन महकमा बीहड़ जंगल का दौरा कर गांव के ग्रामीणों को सरकारी सुविधा उपलब्ध करवाने को लेकर एड़ी चोटी एक कर दी है.
जिले के अधिकारियों ने सरांडा के वनग्राम नुईयागढ़ा, मिर्चीगढ़ा के दौरे के बाद गांव के ग्रामीणों की समस्याओं को दूर करने को लेकर कोल्हान आयुक्त की अध्यक्षता में एक टीम का गठन किया है. वैसे वन ग्राम जहां वन पट्टा मिला है और उनकी जमीनों की नापी नहीं की गई है. वन गांवों में रहने वाले रैयतों की पहचान नहीं हो सकी है. उसे दूर करने के लिए एक कमेटी एडीसी की अध्यक्षता में भी बनाया गया है, जिसे लेकर कई अधिकारी भी कार्य में लग गए हैं. जिन्हें भी पूर्व के दिनों में वन पट्टा दिया गया है. उसका भी नापी करने का कार्य किया जा रहा है.
ग्रामीणों की जमीन नापी कर दिलाया जाएगा कब्जा
उपायुक्त अरवा राजकमल ने कहा कि किसी भी परिस्थिति में किसी भी ग्रामीणों को बेदखल करने को लेकर हम लोग यह कार्यवाही नहीं कर रहे हैं. यह नापी सारंडा के बीहड़ में रहने वाले ग्रामीणों की सुविधाओं के लिए की जा रही है. वहां के ग्रामीणों की जानकारी के अभाव में वन पट्टा मिलने के बाद भी कब्जा नहीं हो सका है. यह नापी उन ग्रामीणों को कब्जा दिलाने का एक प्रयास है. जिला के पदाधिकारियों के द्वारा जमीनों की नापी किए जाने के बाद गांव के ग्रामीणों में यह शंका बनी हुई थी कि उन्हें बेदखल कर दिया जाएगा परंतु ऐसा नहीं है.
सेल खदान प्रबंधन को दिया गया निर्देश
उपायुक्त ने कहा कि उन गांव के ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने के उद्देश्य से स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड सेल किरीबुरू मेघाहातुबुरु खदान प्रबंधन के अधिकारियों को कोल्हान आयुक्त ने दिशा निर्देश दिया है, जिसमें एक आवासीय विद्यालय शुरू करने की जिम्मेवारी उन्हें दी गई है. इसके साथ ही गांव के ग्रामीणों के बच्चों को स्कूल तक ले जाने और लाने के लिए स्कूल बस की व्यवस्था करने के लिए उन्होंने निर्देश दिया है.
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अभियंता तैयार कर रहे हैं सड़क
इसी तरह गांव के ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल आपूर्ति करवाने के उद्देश्य से कार्यपालक अभियंता के द्वारा उस क्षेत्र का दौरा भी किया गया है, जिसका प्राकलन भी बनाया जा रहा है. इसके साथ ही गांव तक पहुंचने के लिए पूर्व के दिनों में शिकारी सड़क नाम के सड़क को दुरुस्त कर सड़क का भी निर्माण करवाया जाएगा. जिसका दौरा एनआरईपी विभाग के कार्यपालक अभियंता के द्वारा किया गया है और प्राकलन बनाने का निर्देश दिया गया है, जैसे ही प्राकलन बन जाएंगे. वैसे ही सड़क निर्माण कार्य भी शुरू करवा दिया जाएगा.