चाईबासा: उपायुक्त अरवा राजकमल ने चाईबासा के एसपीजी मिशन गर्ल्स हाई स्कूल अवस्थित कैंप जेल पहुंचकर कोरोना से बचाव के लिए सरकार द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने वालों को काउंसलिंग प्रदान की. मौके पर पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत महथा, सदर अनुमंडल पदाधिकारी परितोष कुमार ठाकुर, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, सदर अमर कुमार पांडे मौजूद थे.
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उपायुक्त अरवा राजकमल ने कहा कि वैसे व्यक्ति जो सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन नहीं कर रहे हैं, विशेषकर जो मास्क नहीं पहन रहे हैं और बिना मास्क पहने शहर के घनी आबादी वाली जगहों पर भी जा रहे हैं उनको पुलिस-प्रशासन द्वारा कैंप जेल में लाया गया है. पश्चिमी सिंहभूम जिला उपायुक्त अरवा राजकमल ने यह निर्देश दिया था कि अगर कोई भी व्यक्ति मास्क का इस्तेमाल नहीं करते हैं या मास्क को गले में टांग कर रखते हैं तो वैसे व्यक्तियों के कारण दर्जनों व्यक्तियों का जीवन खतरे में आ सकता है. कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए लोगों के इस व्यवहार को गंभीरता से लेते हुए एक नया प्रयोग पश्चिमी सिंहभूम जिला प्रशासन द्वारा किया जा रहा है. जिसके तहत चाईबासा नगर परिषद क्षेत्र में एसपीजी गर्ल्स स्कूल और चक्रधरपुर नगर परिषद क्षेत्र में मधुसूदन हाई स्कूल को कैंप जेल के रूप में चिन्हित किया गया है. सार्वजनिक जगहों पर मास्क का प्रयोग ना करने और सामाजिक दूरी के अनुपालन का निषेध करने वाले व्यक्तियों को चिन्हित करते हुए कैंप जेल में रखा जाएगा. कैंप जेल में लाए गए 111 व्यक्तियों को उपायुक्त और जिला पुलिस अधीक्षक द्वारा काउंसलिंग उपलब्ध कराई गई. मौके पर सदर अनुमंडल पदाधिकारी और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, सदर, चाईबासा भी उपस्थित रहे.
जिला प्रशासन का प्रमुख उद्देश्य लोगों को जागरूक करना है
उपायुक्त ने कहा कि कैंप जेल में रखे गए सभी व्यक्तियों को कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव संबंधी जानकारी दी गई है. सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क की अनिवार्यता के बारे में बताया गया है. कुल 111 व्यक्तियों को प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते हुए पाया गया और उन्हें चाईबासा कैंप जेल में लाया गया. उन्होंने कहा कि आज पहला दिन है, लोगों तक संदेश पहुंचने में कुछ समय लग सकता है. उपायुक्त ने कहा कि मुख्य बात यह है कि किसी पर दंडात्मक कार्रवाई करना हमारी मंशा नहीं है. जिला प्रशासन का सर्वप्रमुख उद्देश्य लोगों को जागरूक करना है और उन्हें बातों को सिखाना है. उपायुक्त ने कहा कि कैंप जेल में लाए गए सभी व्यक्तियों को पहली वार्निंग देते हुए कैंप जेल से तीन-चार घंटे की काउंसलिंग के बाद उनको रिहा किया गया है. जो व्यक्ति मास्क के बिना हैं अथवा गमछा लगाए बिना पाए गए हैं उन सभी को मास्क दिया गया है.
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कोविड-19 प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने वालों पर कल से जिला प्रशासन का होगा कड़ा रुख- डीसी
उपायुक्त ने कहा कि कल से जिला प्रशासन और कड़ा रुख़ अपनाते हुए कार्रवाई करेगा. यदि कोई व्यक्ति दोबारा नियम के अनुसार मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का प्रयोग नहीं करेंगे तो ऐसा करने वाली महिलाओं को होम क्वॉरेंटाइन किया जाएगा और और पुरुषों पर 188 के तहत दंडात्मक कार्रवाई भी करेंगे. उपायुक्त ने कहा कि यह बात सभी तक बहुत स्पष्ट रूप से पहुंचायी गयी है चाईबासा शहरी क्षेत्र में गली-गली तक इस बात को पहुंचाने के लिए लगातार इसका अनुपालन हर दिन करते रहेंगे और इसकी जांच करते रहेंगे. रेंडम रूप से अलग-अलग समय पर सघन मूवमेंट करते रहेंगे. उपायुक्त ने कहा कि जिला प्रशासन के इस कदम का जिला वासियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और लोग निश्चित रूप से मास्क के प्रयोग और सोशल डिस्टेंसिंग को अपनाएंगे.
कल से जिला पुलिस-प्रशासन करेगा कठोर कार्रवाई- एसपी
पुलिस अधीक्षक इद्रजीत महथा ने कहा कि 111 व्यक्तियों को आज एसपीजी गर्ल्स मिशन स्कूल में जो कि कैंप जेल के रूप में चिह्नित है यहां पर लाया गया है. यह वैसे लोग थे जो कि या तो मास्क नहीं पहने हुए थे या फिर सोशल डिस्टेंस का लगातार उल्लंघन कर रहे थे. यह कार्रवाई आगे आने वाले दिनों में भी जारी रहेगी. कैंप जेल में लाए गए सभी व्यक्तियों को अच्छी प्रकार से ब्रीफिंग की गई है. सभी को इस शर्त पर छोड़ा गया है कि सभी अपने मोहल्ले में जाकर सोशल डिस्टेंसिंग, फेस मास्क लगाना और हैंड वॉश करने का अनुपालन करेंगे और कोरोना वायरस के संक्रमण के विरुद्ध लड़ाई में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. उन्होंने कहा कि मैं जिलेवासियों को यह संदेश देना चाहता हूं कि कल से हमारा रुख और भी कड़ा रहेगा. यदि कोई भी व्यक्ति सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन नहीं करते हुए और फेस मास्क के बगैर पाया जाता है तो उनके विरुद्ध आईपीसी एक्ट की धारा 188 और आपदा प्रबंधन एक्ट की सुसंगत धाराओं के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.