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चाईबासा के डीडीसी ने किया एक और आविष्कार, नोट और चेक को करेगा कोरोना वायरस से मुक्त

चाईबासा उप विकास आयुक्त ने चेक और नोट को कीटाणुरहित करने के लिए डिसइन्फेक्टिंग उपकरण लॉन्च किया है. DDC आदित्य रंजन ने इस मशीन को बैंक ऑफ इंडिया की मुख्य शाखा को सौंपा है.

DDC created a device
उप विकास आयुक्त ने बनाया उपकरण
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Published : Apr 21, 2020, 8:31 PM IST

चाईबासा: कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर पूरे देश में लॉकडाउन लगाया गया है. सभी लोग अपने घरों में हैं. ऐसे में कई लोग लॉकडाउन में अपने घरों में बैठकर समय का सदुपयोग करते हुए जनहित में कई कार्य भी कर रहे हैं. पश्चिमी सिंहभूम जिले के उपविकास आयुक्त ने अपनी सूझबूझ से इस कोरोना संक्रमण से लोगों के बचाव को लेकर 6 उपकरण बनाए हैं.

वीडियो में देखिए खबर

उप विकास आयुक्त आदित्य रंजन ने नोट और चेक को कीटाणुरहित करने के लिए डिसइन्फेक्टिंग उपकरण तैयार किया है. जिसका लोकार्पण पश्चिम सिंहभूम जिला उपायुक्त अरवा राजकमल ने किया. पश्चिमी सिंहभूम जिला उपायुक्त अरवा राजकमल ने इस मशीन को चाईबासा शहर स्थित बैंक ऑफ इंडिया के मुख्य शाखा और दक्षिण पूर्व रेलवे मुख्यालय, चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन के टिकट काउंटर पर उपलब्ध करवाया गया है.

ये भी पढ़ें- धनबादः प्लेसमेंट पर कोरोना इफेक्ट, देश के सर्वोच्च शिक्षण संस्थान के छात्र भी परेशान

इस कीटाणुरहित मशीन की मदद से संपूर्ण तालाबंदी के दौरान नियमित रूप से बैंकों के संचालन में अपने कर्तव्यों का निर्वाहन कर रहे बैंक पदाधिकारी/कर्मियों और भविष्य में रेलवे स्टेशनों पर टिकट बुकिंग काउंटर पर कार्यरत कर्मियों को कोविड-19 वायरस के संक्रमण से मुक्त रखने का जिला प्रशासन का एक प्रयास है.

कम लागत में बेहतर उपकरण तैयार

उपकरण को सौंपने के उपरांत जिला उपायुक्त ने बताया कि कोरोना वायरस का संक्रमण ना सिर्फ स्पर्श से बल्कि नोट के लेन-देन से भी फैल सकता है. देश में ऐसे कुछ मामले सामने भी आए हैं. जहां संभवतः पैसे की लेनदेन में ही वायरस का संक्रमण हुआ है. ऐसे में इस मशीन के प्रयोग से वायरस के संक्रमण को रोका जा सकता है. उपायुक्त ने कहा कि जिले के उप विकास आयुक्त ने पूर्व में को-बोट हो, कोविड-19 सैंपल कलेक्शन सेंटर हो, सेनेटाइज कक्ष हो आदि कई नवाचार जिले को दिये हैं.

3 हजार से 3,500 की लागत में मशीन तैयार

उप विकास आयुक्त आदित्य रंजन ने बताया कि महाराष्ट्र और दूसरे स्थानों से प्रसारित वीडियो में देखा गया कि महिलाओं ने रुपए के नोट को आयरन के माध्यम से कीटाणु रहित कर रही हैं. इसी प्रयोग को देखते हुए 11 वाट के अल्ट्रा वायलेट बल्ब के साथ लेमिनेशन मशीन का प्रयोग इस मशीन के निर्माण में किया गया है, जिससे यू.वी एक्शन के साथ साथ 300 डिग्री फॉरेनहाइट तापमान पर 05 से 07 सेकंड में नोट गुजरता है.

ये भी पढ़ें- लॉकडाउन में लापरवाही: जरूरतमंदों तक पहुचने वाले पैकेट्स में लगे कीड़े, अधिकारी बेपरवाह

इस मशीन से सभी तरह के वायरस निष्क्रिय हो जाते हैं. उप विकास आयुक्त ने बताया कि वर्तमान समय में पैसों की लेनदेन में डिजिटल प्रचलन को बढ़ावा दिया गया है. लेकिन कुछ जगहों पर अभी नगद लेन-देन का प्रचलन जारी है. वैसे सभी जगहों पर बृहल रूप से इस मशीन का प्रयोग किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि जिले के सभी दुकानदारों से अपील करता हूं कि 3,000 से 3,500 रुपये तक की लागत से तैयार होने वाले इस मशीन का प्रयोग अपनी सुरक्षा के लिए करें और वायरस के संक्रमण से अपना बचाव करें.

चाईबासा: कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर पूरे देश में लॉकडाउन लगाया गया है. सभी लोग अपने घरों में हैं. ऐसे में कई लोग लॉकडाउन में अपने घरों में बैठकर समय का सदुपयोग करते हुए जनहित में कई कार्य भी कर रहे हैं. पश्चिमी सिंहभूम जिले के उपविकास आयुक्त ने अपनी सूझबूझ से इस कोरोना संक्रमण से लोगों के बचाव को लेकर 6 उपकरण बनाए हैं.

वीडियो में देखिए खबर

उप विकास आयुक्त आदित्य रंजन ने नोट और चेक को कीटाणुरहित करने के लिए डिसइन्फेक्टिंग उपकरण तैयार किया है. जिसका लोकार्पण पश्चिम सिंहभूम जिला उपायुक्त अरवा राजकमल ने किया. पश्चिमी सिंहभूम जिला उपायुक्त अरवा राजकमल ने इस मशीन को चाईबासा शहर स्थित बैंक ऑफ इंडिया के मुख्य शाखा और दक्षिण पूर्व रेलवे मुख्यालय, चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन के टिकट काउंटर पर उपलब्ध करवाया गया है.

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इस कीटाणुरहित मशीन की मदद से संपूर्ण तालाबंदी के दौरान नियमित रूप से बैंकों के संचालन में अपने कर्तव्यों का निर्वाहन कर रहे बैंक पदाधिकारी/कर्मियों और भविष्य में रेलवे स्टेशनों पर टिकट बुकिंग काउंटर पर कार्यरत कर्मियों को कोविड-19 वायरस के संक्रमण से मुक्त रखने का जिला प्रशासन का एक प्रयास है.

कम लागत में बेहतर उपकरण तैयार

उपकरण को सौंपने के उपरांत जिला उपायुक्त ने बताया कि कोरोना वायरस का संक्रमण ना सिर्फ स्पर्श से बल्कि नोट के लेन-देन से भी फैल सकता है. देश में ऐसे कुछ मामले सामने भी आए हैं. जहां संभवतः पैसे की लेनदेन में ही वायरस का संक्रमण हुआ है. ऐसे में इस मशीन के प्रयोग से वायरस के संक्रमण को रोका जा सकता है. उपायुक्त ने कहा कि जिले के उप विकास आयुक्त ने पूर्व में को-बोट हो, कोविड-19 सैंपल कलेक्शन सेंटर हो, सेनेटाइज कक्ष हो आदि कई नवाचार जिले को दिये हैं.

3 हजार से 3,500 की लागत में मशीन तैयार

उप विकास आयुक्त आदित्य रंजन ने बताया कि महाराष्ट्र और दूसरे स्थानों से प्रसारित वीडियो में देखा गया कि महिलाओं ने रुपए के नोट को आयरन के माध्यम से कीटाणु रहित कर रही हैं. इसी प्रयोग को देखते हुए 11 वाट के अल्ट्रा वायलेट बल्ब के साथ लेमिनेशन मशीन का प्रयोग इस मशीन के निर्माण में किया गया है, जिससे यू.वी एक्शन के साथ साथ 300 डिग्री फॉरेनहाइट तापमान पर 05 से 07 सेकंड में नोट गुजरता है.

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इस मशीन से सभी तरह के वायरस निष्क्रिय हो जाते हैं. उप विकास आयुक्त ने बताया कि वर्तमान समय में पैसों की लेनदेन में डिजिटल प्रचलन को बढ़ावा दिया गया है. लेकिन कुछ जगहों पर अभी नगद लेन-देन का प्रचलन जारी है. वैसे सभी जगहों पर बृहल रूप से इस मशीन का प्रयोग किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि जिले के सभी दुकानदारों से अपील करता हूं कि 3,000 से 3,500 रुपये तक की लागत से तैयार होने वाले इस मशीन का प्रयोग अपनी सुरक्षा के लिए करें और वायरस के संक्रमण से अपना बचाव करें.

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