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उपायुक्त ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की बैठक, पदाधिकारियों को दिया विशेष दिशा-निर्देश

पश्चिमी सिंहभूम उपायुक्त अरवा राजकमल और पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत माहथा के संयुक्त अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया. इस बैठक को ई-मुलाकात एप्लीकेशन के माध्यम से संपन्न किया गया.

online Meeting held
बैठक का आयोजन
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Published : Jun 12, 2020, 1:15 AM IST

Updated : Jun 12, 2020, 5:49 AM IST

पश्चिमी सिंहभूम: जिला समाहरणालय स्थित एनआईसी सभागार में जिला उपायुक्त अरवा राजकमल और पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत माहथा के संयुक्त अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक किया गया. इस बैठक में उपायुक्त ने वापस लौटे प्रवासी श्रमिकों की पूर्ण जानकारी के साथ निबंधन के बिंदुओं पर सभी पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.

देखें पूरी खबर

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक

बैठक के बाद उपायुक्त ने जानकारी दी कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक बुलायी गई. इस बैठक के दौरान सरकारी क्वॉरेंटाइन सेंटर में अच्छी व्यवस्था बनाए रखने और विशेषकर इन केंद्रों में रह रहे श्रमिक जिन भाई-बहन की 14 दिन की क्वॉरेंटाइन अवधि पूरी हो चुकी है, वैसे श्रमिकों को छोड़ने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने बताया कि जिस व्यक्ति का संक्रमण जांच के लिए नमूना संग्रह किया गया है और जांच रिपोर्ट अभी तक नहीं आयी है, उन्हें कुछ दिन और इंतजार करने की व्यवस्था और भोजन, मनोरंजन के साधन का इंतजाम कराया जाएगा.

'मुख्यमंत्री आहार योजना' के तहत वितरित होगा राशन

उपायुक्त ने बताया कि जिले में होम क्वॉरेंटाइन में जितने भी व्यक्ति हैं, उन सभी को 'मुख्यमंत्री आहार योजना' के तहत राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से प्राप्त निर्देश के आलोक में राशन उपलब्ध करवाने का निर्देश प्रखंड विकास पदाधिकारी को दिया गया है. उन्होंने बताया कि पश्चिमी सिंहभूम जिले में अब तक 13,500 से अधिक संख्या में लोग होम क्वारेंटाइन में रह रहे हैं. सभी प्रवासियों को भी राशन उपलब्ध करवाया गया है.

सोशल डिस्टेंसिंग का करना होगा पालन

उपायुक्त ने जानकारी दी कि बैठक के दौरान क्वॉरेंटाइन सेंटर में सुरक्षा व्यवस्था बहाल रखने और जो प्रवासी मजदूर दूर से आए हैं. उनको होम क्वॉरेंटाइन पीरियड खत्म होने के बाद सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए उनको कोई न कोई रोजगार देने की तरफ भी कदम उठाने संबंधी निर्देश प्रखंड विकास पदाधिकारी को दिया गया है. उम्मीद है कि जो भी क्वॉरेंटाइन किए हुए व्यक्ति हैं वह नियम का पालन करेंगे और जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद ही वह बाहर निकलेंगे.

पूरा डाटा नहीं हो सका उपलब्ध

उपायुक्त ने बताया कि बाहर से लौटे सभी श्रमिक भाई-बहन से अनुरोध रहेगा कि अभी वर्तमान में पंजीकरण का कार्य संचालित है. आप जब इस जिले में आए थे तो परिवहन केंद्र के माध्यम से आपका नाम, आधार नंबर के साथ कुछ बेसिक जानकारी ली गई थी, लेकिन इतने ज्यादा संख्या में लोगों के आने और आवश्यक कागजात उपलब्ध नहीं होने के कारण पूरा डाटा बैंक खाता संख्या, आईएफएससी नंबर, आधार नंबर, मोबाइल नंबर आदि नहीं लिया जा सका और कुछ जानकारी भी छूट गयी है. उन्होंने बताया कि अभी प्रखंड विकास पदाधिकारी और पंचायत सेवक या अन्य किसी पदाधिकारी/कर्मी के माध्यम से आपके गांव तक पहुंच कर पूरी जानकारी ली जाएगी.

ये भी पढ़ें: असम : बागजान में अब पानी से उठता है धुआं और आसमान में आग की लपटें

श्रमिक दें पूरी जानकारी

पंजीयन के दौरान वापस लौटे सभी श्रमिक अपना बैंक खाता नंबर सहित पूरी जानकारी जैसे आप किस जिले से वापस लौटे हैं और आपको किस कार्य का कौशल प्राप्त है. इस संबंध में आप जानकारी देंगे, तो भविष्य में राज्य सरकार के वित्तीय सहयोग के साथ अन्य सहयोग सीधा आपके खाते पर पहुंच सकता है. उन्होंने कहा कि अगर आपको किसी अन्य इंडस्ट्रीज में या कहीं और रोजगार की व्यवस्था सरकार करना चाहती है, तो आपके डेटाबेस रहने से आपको टैग करना काफी सुलभदायी होगा.

ये भी पढ़ें- लॉकडाउन ने कबाड़ी वालों की जिंदगी को भी बना दिया 'कबाड़', जिला प्रशासन से लगा रहे गुहार

ये लोग रहे मौजूद

बैठक के दौरान होस्ट स्टूडियो में डीआरडीए निदेशक प्रभात कुमार बर्दियार, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी एजाज अनवर, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी साहिर पॉल, चाईबासा नगर परिषद् के कार्यपालक पदाधिकारी अभय कुमार झा और जिला नजारत प्रभारी रवि कुमार उपस्थित रहे.

पश्चिमी सिंहभूम: जिला समाहरणालय स्थित एनआईसी सभागार में जिला उपायुक्त अरवा राजकमल और पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत माहथा के संयुक्त अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक किया गया. इस बैठक में उपायुक्त ने वापस लौटे प्रवासी श्रमिकों की पूर्ण जानकारी के साथ निबंधन के बिंदुओं पर सभी पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.

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वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक

बैठक के बाद उपायुक्त ने जानकारी दी कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक बुलायी गई. इस बैठक के दौरान सरकारी क्वॉरेंटाइन सेंटर में अच्छी व्यवस्था बनाए रखने और विशेषकर इन केंद्रों में रह रहे श्रमिक जिन भाई-बहन की 14 दिन की क्वॉरेंटाइन अवधि पूरी हो चुकी है, वैसे श्रमिकों को छोड़ने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने बताया कि जिस व्यक्ति का संक्रमण जांच के लिए नमूना संग्रह किया गया है और जांच रिपोर्ट अभी तक नहीं आयी है, उन्हें कुछ दिन और इंतजार करने की व्यवस्था और भोजन, मनोरंजन के साधन का इंतजाम कराया जाएगा.

'मुख्यमंत्री आहार योजना' के तहत वितरित होगा राशन

उपायुक्त ने बताया कि जिले में होम क्वॉरेंटाइन में जितने भी व्यक्ति हैं, उन सभी को 'मुख्यमंत्री आहार योजना' के तहत राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से प्राप्त निर्देश के आलोक में राशन उपलब्ध करवाने का निर्देश प्रखंड विकास पदाधिकारी को दिया गया है. उन्होंने बताया कि पश्चिमी सिंहभूम जिले में अब तक 13,500 से अधिक संख्या में लोग होम क्वारेंटाइन में रह रहे हैं. सभी प्रवासियों को भी राशन उपलब्ध करवाया गया है.

सोशल डिस्टेंसिंग का करना होगा पालन

उपायुक्त ने जानकारी दी कि बैठक के दौरान क्वॉरेंटाइन सेंटर में सुरक्षा व्यवस्था बहाल रखने और जो प्रवासी मजदूर दूर से आए हैं. उनको होम क्वॉरेंटाइन पीरियड खत्म होने के बाद सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए उनको कोई न कोई रोजगार देने की तरफ भी कदम उठाने संबंधी निर्देश प्रखंड विकास पदाधिकारी को दिया गया है. उम्मीद है कि जो भी क्वॉरेंटाइन किए हुए व्यक्ति हैं वह नियम का पालन करेंगे और जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद ही वह बाहर निकलेंगे.

पूरा डाटा नहीं हो सका उपलब्ध

उपायुक्त ने बताया कि बाहर से लौटे सभी श्रमिक भाई-बहन से अनुरोध रहेगा कि अभी वर्तमान में पंजीकरण का कार्य संचालित है. आप जब इस जिले में आए थे तो परिवहन केंद्र के माध्यम से आपका नाम, आधार नंबर के साथ कुछ बेसिक जानकारी ली गई थी, लेकिन इतने ज्यादा संख्या में लोगों के आने और आवश्यक कागजात उपलब्ध नहीं होने के कारण पूरा डाटा बैंक खाता संख्या, आईएफएससी नंबर, आधार नंबर, मोबाइल नंबर आदि नहीं लिया जा सका और कुछ जानकारी भी छूट गयी है. उन्होंने बताया कि अभी प्रखंड विकास पदाधिकारी और पंचायत सेवक या अन्य किसी पदाधिकारी/कर्मी के माध्यम से आपके गांव तक पहुंच कर पूरी जानकारी ली जाएगी.

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श्रमिक दें पूरी जानकारी

पंजीयन के दौरान वापस लौटे सभी श्रमिक अपना बैंक खाता नंबर सहित पूरी जानकारी जैसे आप किस जिले से वापस लौटे हैं और आपको किस कार्य का कौशल प्राप्त है. इस संबंध में आप जानकारी देंगे, तो भविष्य में राज्य सरकार के वित्तीय सहयोग के साथ अन्य सहयोग सीधा आपके खाते पर पहुंच सकता है. उन्होंने कहा कि अगर आपको किसी अन्य इंडस्ट्रीज में या कहीं और रोजगार की व्यवस्था सरकार करना चाहती है, तो आपके डेटाबेस रहने से आपको टैग करना काफी सुलभदायी होगा.

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ये लोग रहे मौजूद

बैठक के दौरान होस्ट स्टूडियो में डीआरडीए निदेशक प्रभात कुमार बर्दियार, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी एजाज अनवर, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी साहिर पॉल, चाईबासा नगर परिषद् के कार्यपालक पदाधिकारी अभय कुमार झा और जिला नजारत प्रभारी रवि कुमार उपस्थित रहे.

Last Updated : Jun 12, 2020, 5:49 AM IST

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