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कृषि कानून के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किया धरना प्रदर्शन, BDO को सौंपा ज्ञापन

पश्चिम सिंहभूम जिला अंतर्गत मझगांव और कुमारडुगीं में कृषि कानून के खिलाफ कांग्रेस ने धरना प्रदर्शन किया. जिसके बाद राष्ट्रपति के नाम बीडीओ को ज्ञापन सौंपा.

congress protest against agricultural law in chaibasa
धरना प्रदर्शन
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Published : Dec 5, 2020, 3:08 PM IST

चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम जिला अंतर्गत मझगांव और कुमारडुगीं प्रखंड मुख्यालय में केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए कांग्रेस कमेटी ने धरना प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित किया. इस दौरान राष्ट्रपति के नाम प्रखंड विकास पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया.

मझगांव प्रखंड अध्यक्ष लक्ष्मण चातार ने कहा भाजपा सरकार ने तीन किसान विरोधी कृषि कानून बनाकर किसानों की आजीविका पर क्रूर हमला किया है. इन तीनों कानूनों से किसानों को नहीं बल्कि पूंजीपतियों को लाभ होगा. कुमारडुंगी पर्यवेक्षक इरशाद अहमद ने कहा संसद के दोनों सदनों में भारी विरोध के बावजूद भाजपा सरकार ने लोकतंत्र का गला घोंटकर जबरन कृषि कानूनों को लागू किया है. इन कृषि कानूनों को बनाने से पूर्व किसानों से भी विमर्श नहीं किया गया.

कांग्रेस का कहना है कि इन कृषि कानूनों से अब किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिल पाएगा. सरकारी कृषि मंडियां ध्वस्त हो जाएंगी. निजी कृषि मंडियां फसलों की कीमतें तय करेंगी. कृषि उपज खरीद प्रणाली नष्ट हो जाएगी. अनाजों का भंडारण और जमाखोरी बढ़ेगी. कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग ने किसानों पर शोषण बढ़ेगा. सभी मामलों को लेकर देश भर के लाखों किसान केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के सड़कों में आंदोलनरत हैं.

ये भी पढ़े- अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाले पर झारखंड हाई कोर्ट ने लिया संज्ञान, सरकार से मांगा जवाब

भाजपा की केंद्र सरकार अपनी हठधर्मिता छोड़कर देश के अन्नदाताओं की न्यायोचित मांगों को स्वीकार करते हुए अविलंब संसद का शीतकालीन सत्र बुलाकर केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस ले और देश भर के किसानों से माफी मांगें. मौके पर मझगांव पर्यवेक्षक पुरेंदर हेंब्रम, असरार अहमद, मासुम रजा, ललिता बालमुचू, लालि दास, ईरशाद अहमद आदि उपस्थित थे.

चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम जिला अंतर्गत मझगांव और कुमारडुगीं प्रखंड मुख्यालय में केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए कांग्रेस कमेटी ने धरना प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित किया. इस दौरान राष्ट्रपति के नाम प्रखंड विकास पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया.

मझगांव प्रखंड अध्यक्ष लक्ष्मण चातार ने कहा भाजपा सरकार ने तीन किसान विरोधी कृषि कानून बनाकर किसानों की आजीविका पर क्रूर हमला किया है. इन तीनों कानूनों से किसानों को नहीं बल्कि पूंजीपतियों को लाभ होगा. कुमारडुंगी पर्यवेक्षक इरशाद अहमद ने कहा संसद के दोनों सदनों में भारी विरोध के बावजूद भाजपा सरकार ने लोकतंत्र का गला घोंटकर जबरन कृषि कानूनों को लागू किया है. इन कृषि कानूनों को बनाने से पूर्व किसानों से भी विमर्श नहीं किया गया.

कांग्रेस का कहना है कि इन कृषि कानूनों से अब किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिल पाएगा. सरकारी कृषि मंडियां ध्वस्त हो जाएंगी. निजी कृषि मंडियां फसलों की कीमतें तय करेंगी. कृषि उपज खरीद प्रणाली नष्ट हो जाएगी. अनाजों का भंडारण और जमाखोरी बढ़ेगी. कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग ने किसानों पर शोषण बढ़ेगा. सभी मामलों को लेकर देश भर के लाखों किसान केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के सड़कों में आंदोलनरत हैं.

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भाजपा की केंद्र सरकार अपनी हठधर्मिता छोड़कर देश के अन्नदाताओं की न्यायोचित मांगों को स्वीकार करते हुए अविलंब संसद का शीतकालीन सत्र बुलाकर केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस ले और देश भर के किसानों से माफी मांगें. मौके पर मझगांव पर्यवेक्षक पुरेंदर हेंब्रम, असरार अहमद, मासुम रजा, ललिता बालमुचू, लालि दास, ईरशाद अहमद आदि उपस्थित थे.

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