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चाईबासाः अब कोई नहीं सोयेगा भूखे पेट, जल्द शुरू होगा "मुख्यमंत्री होमलेस भोजनालय"

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Published : Apr 19, 2020, 4:15 PM IST

चाईबासा में उपायुक्त अरवा राजकमल की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार में बैठक का आयोजन किया गया. इस महामारी के दौर में जल्द ही "मुख्यमंत्री होमलेस भोजनालय" की शुरूआत की जाएगी. साथ ही लोगों से घर में रहने की अपील की गई.

"Chief Minister's Homeless Restaurant" to start soon in Chaibasa
चाईबासा में जल्द शुरू होगा "मुख्यमंत्री होमलेस भोजनालय"

चाईबासा: जिले में कार्यरत खनन कंपनियां सेल, टाटा स्टील, एसीसी के सहयोग से वैश्विक महामारी कोविड-19 के संकट काल में जनता को राहत देने के लिए जिले में "मुख्यमंत्री होमलेस भोजनालय" की शुरुआत की जाएगी. सुदूरवर्ती गांवों में लॉकडाउन के कारण घरों में मुकम्मल व्यवस्था नहीं होने के चलते किसी को भूखे पेट नहीं सोना पड़े. इसके लिए कॉरपोरेट और औद्योगिक घराने भी जिला प्रशासन के साथ सहयोग कर रहे हैं.

चाईबासा में जल्द शुरू होगा "मुख्यमंत्री होमलेस भोजनालय"

उपायुक्त अरवा राजकमल की अध्यक्षता में समाहरणालय सभाकक्ष में जिले में संचालित खनन कंपनियों के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया. कोविड-19 के संबंध में 15 अप्रैल को गृह मंत्रालय भारत सरकार के जरिए जिले में राहत सामग्री वितरण के संदर्भ में समाहरणालय सभाकक्ष में बैठक आयोजित की गई थी. जिला के सभी औद्योगिक संस्थान विशेषकर खनन कंपनी के सभी जीएम के साथ बैठक की गई थी.उपायुक्त ने बताया कि जिले में कार्यरत एनजीओ और कॉरपोरेट और औद्योगिक घरानों के सौजन्य से कई राहतकारी कार्य किए जा रहे हैं, जिसके लिए नोडल पदाधिकारी के रूप में जिले के उप विकास आयुक्त कार्य कर रहे हैं. पूरे क्षेत्र में सीआरपीएफ और सरकारी संस्थाओं के जरिए चावल के पैकेट, आलू, सब्जियां और मूलभूत सामग्री वितरित की जा रही हैं.

ये भी पढ़ें- धनबाद: 10 इंडोनेशियाई नागरिकों को भेजा गया जेल

उपायुक्त ने कहा कि जिले की प्रत्येक पंचायत में एक दीदी किचन है, लेकिन दीदी किचन की पहुंच हर गांव तक नहीं है. वहीं, अब जल्द ही "मुख्यमंत्री होमलेस भोजनालय" की शुरूआत की जाएगी. इसके तहत जिला के सभी ग्रामीण क्षेत्र की आंगनबाड़ी सेविकाओं को 10 किलो चावल और सवा किलो दाल और पर्याप्त मात्रा में आलू, प्याज और सब्जियां इत्यादि उपलब्ध कराएंगे. लॉकडाउन के दौरान जिनके घर में रसोई की व्यवस्था नहीं है, समाज के ऐसे अत्यंत जरूरतमंद और अंतिम व्यक्ति को खाना खिलाने का कार्य आंगनबाड़ी सेविका करेंगी. इसके लिए आवश्यक सामान टाटा नोवामुंडी के माध्यम से आपूर्ति कराई जाएगी.

उपायुक्त ने कहा कि सभी संस्थाओं के साथ मिलकर सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं को ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए सूखी राशन सामग्री उपलब्ध कराएंगे, जिसके माध्यम से वह गांव के औसतन 5-10 ऐसे व्यक्तियों को पका हुआ भोजन खिलाने का कार्य करेंगी जिनका कोई आश्रय नहीं है, या जो बेघर हैं. इस विषम परिस्थिति में हर एक गांव तक हमारी पहुंच रहे, किसी भी गरीब को भूखे पेट सोना नहीं पड़े. जल्द ही मुख्यमंत्री होमलेस भोजनालय की शुरुआत करेंगे. बता दें कि हर खनन कंपनी देगी 10 हजार मास्क देगी.

उपायुक्त ने अपील करते हुए कहा कि जिलावासियों के साथ खड़े हैं. समाज के जितने भी गरीब व्यक्ति हैं संकट काल में सभी को राहत पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन तत्पर है. सभी अपने घर में रहें, सुरक्षित रहें. सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करें, मास्क पहनें, बार-बार साबुन से अपने हाथों को स्वच्छ करें.

चाईबासा: जिले में कार्यरत खनन कंपनियां सेल, टाटा स्टील, एसीसी के सहयोग से वैश्विक महामारी कोविड-19 के संकट काल में जनता को राहत देने के लिए जिले में "मुख्यमंत्री होमलेस भोजनालय" की शुरुआत की जाएगी. सुदूरवर्ती गांवों में लॉकडाउन के कारण घरों में मुकम्मल व्यवस्था नहीं होने के चलते किसी को भूखे पेट नहीं सोना पड़े. इसके लिए कॉरपोरेट और औद्योगिक घराने भी जिला प्रशासन के साथ सहयोग कर रहे हैं.

चाईबासा में जल्द शुरू होगा "मुख्यमंत्री होमलेस भोजनालय"

उपायुक्त अरवा राजकमल की अध्यक्षता में समाहरणालय सभाकक्ष में जिले में संचालित खनन कंपनियों के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया. कोविड-19 के संबंध में 15 अप्रैल को गृह मंत्रालय भारत सरकार के जरिए जिले में राहत सामग्री वितरण के संदर्भ में समाहरणालय सभाकक्ष में बैठक आयोजित की गई थी. जिला के सभी औद्योगिक संस्थान विशेषकर खनन कंपनी के सभी जीएम के साथ बैठक की गई थी.उपायुक्त ने बताया कि जिले में कार्यरत एनजीओ और कॉरपोरेट और औद्योगिक घरानों के सौजन्य से कई राहतकारी कार्य किए जा रहे हैं, जिसके लिए नोडल पदाधिकारी के रूप में जिले के उप विकास आयुक्त कार्य कर रहे हैं. पूरे क्षेत्र में सीआरपीएफ और सरकारी संस्थाओं के जरिए चावल के पैकेट, आलू, सब्जियां और मूलभूत सामग्री वितरित की जा रही हैं.

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उपायुक्त ने कहा कि जिले की प्रत्येक पंचायत में एक दीदी किचन है, लेकिन दीदी किचन की पहुंच हर गांव तक नहीं है. वहीं, अब जल्द ही "मुख्यमंत्री होमलेस भोजनालय" की शुरूआत की जाएगी. इसके तहत जिला के सभी ग्रामीण क्षेत्र की आंगनबाड़ी सेविकाओं को 10 किलो चावल और सवा किलो दाल और पर्याप्त मात्रा में आलू, प्याज और सब्जियां इत्यादि उपलब्ध कराएंगे. लॉकडाउन के दौरान जिनके घर में रसोई की व्यवस्था नहीं है, समाज के ऐसे अत्यंत जरूरतमंद और अंतिम व्यक्ति को खाना खिलाने का कार्य आंगनबाड़ी सेविका करेंगी. इसके लिए आवश्यक सामान टाटा नोवामुंडी के माध्यम से आपूर्ति कराई जाएगी.

उपायुक्त ने कहा कि सभी संस्थाओं के साथ मिलकर सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं को ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए सूखी राशन सामग्री उपलब्ध कराएंगे, जिसके माध्यम से वह गांव के औसतन 5-10 ऐसे व्यक्तियों को पका हुआ भोजन खिलाने का कार्य करेंगी जिनका कोई आश्रय नहीं है, या जो बेघर हैं. इस विषम परिस्थिति में हर एक गांव तक हमारी पहुंच रहे, किसी भी गरीब को भूखे पेट सोना नहीं पड़े. जल्द ही मुख्यमंत्री होमलेस भोजनालय की शुरुआत करेंगे. बता दें कि हर खनन कंपनी देगी 10 हजार मास्क देगी.

उपायुक्त ने अपील करते हुए कहा कि जिलावासियों के साथ खड़े हैं. समाज के जितने भी गरीब व्यक्ति हैं संकट काल में सभी को राहत पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन तत्पर है. सभी अपने घर में रहें, सुरक्षित रहें. सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करें, मास्क पहनें, बार-बार साबुन से अपने हाथों को स्वच्छ करें.

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