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तमाम विरोध के बीच पीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट शुरू,  25 एकड़ की जमीन पर बाउंड्री वॉल

300 करोड़ की लागत से बनने वाली चाईबासा मेडिकल कॉलेज 23 सितंबर 2018 को पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों ऑनलाइन शिलान्यास संपन्न हुआ था. शिलान्यास के बाद उलीझारी गांव के ग्रामीणों ने इसका जमकर विरोध किया था. सारे विवाद और विरोध के बीच काम शुरू हो गई है.

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Published : Jul 27, 2019, 7:34 PM IST

जानकारी देते अभियंता

चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम जिले के उलीझारी गांव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट चाईबासा मेडिकल कॉलेज निर्माण की शुरुआत हो चुकी है. जमीन को लेकर क्षेत्र के आदिवासी ग्रामीणों ने विरोध करना शुरू कर दिया था. बावजूद इसके जिला प्रशासन और सरकार की दृढ़ इच्छा शक्ति के आगे सारे विवाद और विरोध को दरकिनार करते हुए काम की शुरुआत हो गई.

जानकारी देते अभियंता


पीएम मोदी ने किया था शिलान्यास
इस महत्वाकांक्षी परियोजना की शुरुआत हो गई है. जिससे मेडिकल एवं डॉक्टर बनने की चाहत रखने वाले छात्र-छात्राओं को एक नई उम्मीद की किरण दिखने लगी है. बता दें कि 300 करोड़ की लागत से बनने वाली चाईबासा मेडिकल कॉलेज का 23 सितंबर 2018 को पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों ऑनलाइन शिलान्यास संपन्न हुआ था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट और उनके हाथों हुए चाईबासा मेडिकल कॉलेज की योजना का ऑनलाइन शिलान्यास के बाद उलीझारी गांव के ग्रामीणों ने इसका जमकर विरोध किया था.


मेडिकल कॉलेज का निर्माण
इसके बाद मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्य पर संशय गहरा गया था और साथ ही साथ सत्ताधारी दल और विपक्ष राजनीतिक दलों के बीच शीत युद्ध भी शुरू हो गई थी. उसके बाद जिला प्रशासन के पदाधिकारियों के प्रयास से गांव के ग्रामीणों के साथ ग्रामसभा कर प्रकाश इंडस्ट्रीज को दी गई जमीन पर मेडिकल कॉलेज का निर्माण की शुरुआत की गई.

ये भी पढ़ें: मरम्मत के बाद भी गड्डों से भरी है सड़क, बासुकीनाथ पहुंचने वाले कांवरियों को हो रही परेशानी
25 एकड़ की जमीन पर बाउंड्री वॉल
झारखंड भवन निर्माण निगम लिमिटेड कार्यपालक अभियंता विश्वनाथ उरांव ने कहा कि ग्रामीणों से मिलकर के उलीझारी गांव के मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्य की शुरुआत फिलहाल 25 एकड़ जमीन पर बाउंड्री वॉल कार्य की शुरुआत की गई है. आगामी 10 दिनों में बिल्डिंग वर्क की भी शुरुआत कर दी जाएगी. इसके साथ ही चाईबासा मेडिकल कॉलेज को पूर्ण करने की अवधि 30 महीने की है जिसे 30 महीने से पहले ही मेडिकल कॉलेज भवन निर्माण कार्य पूर्ण हो जाएगा.

चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम जिले के उलीझारी गांव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट चाईबासा मेडिकल कॉलेज निर्माण की शुरुआत हो चुकी है. जमीन को लेकर क्षेत्र के आदिवासी ग्रामीणों ने विरोध करना शुरू कर दिया था. बावजूद इसके जिला प्रशासन और सरकार की दृढ़ इच्छा शक्ति के आगे सारे विवाद और विरोध को दरकिनार करते हुए काम की शुरुआत हो गई.

जानकारी देते अभियंता


पीएम मोदी ने किया था शिलान्यास
इस महत्वाकांक्षी परियोजना की शुरुआत हो गई है. जिससे मेडिकल एवं डॉक्टर बनने की चाहत रखने वाले छात्र-छात्राओं को एक नई उम्मीद की किरण दिखने लगी है. बता दें कि 300 करोड़ की लागत से बनने वाली चाईबासा मेडिकल कॉलेज का 23 सितंबर 2018 को पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों ऑनलाइन शिलान्यास संपन्न हुआ था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट और उनके हाथों हुए चाईबासा मेडिकल कॉलेज की योजना का ऑनलाइन शिलान्यास के बाद उलीझारी गांव के ग्रामीणों ने इसका जमकर विरोध किया था.


मेडिकल कॉलेज का निर्माण
इसके बाद मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्य पर संशय गहरा गया था और साथ ही साथ सत्ताधारी दल और विपक्ष राजनीतिक दलों के बीच शीत युद्ध भी शुरू हो गई थी. उसके बाद जिला प्रशासन के पदाधिकारियों के प्रयास से गांव के ग्रामीणों के साथ ग्रामसभा कर प्रकाश इंडस्ट्रीज को दी गई जमीन पर मेडिकल कॉलेज का निर्माण की शुरुआत की गई.

ये भी पढ़ें: मरम्मत के बाद भी गड्डों से भरी है सड़क, बासुकीनाथ पहुंचने वाले कांवरियों को हो रही परेशानी
25 एकड़ की जमीन पर बाउंड्री वॉल
झारखंड भवन निर्माण निगम लिमिटेड कार्यपालक अभियंता विश्वनाथ उरांव ने कहा कि ग्रामीणों से मिलकर के उलीझारी गांव के मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्य की शुरुआत फिलहाल 25 एकड़ जमीन पर बाउंड्री वॉल कार्य की शुरुआत की गई है. आगामी 10 दिनों में बिल्डिंग वर्क की भी शुरुआत कर दी जाएगी. इसके साथ ही चाईबासा मेडिकल कॉलेज को पूर्ण करने की अवधि 30 महीने की है जिसे 30 महीने से पहले ही मेडिकल कॉलेज भवन निर्माण कार्य पूर्ण हो जाएगा.

Intro:चाईबासा। पश्चिम सिंहभूम जिले के उलीझारी गांव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट चाईबासा मेडिकल कॉलेज की घोषणा से ही जमीन को लेकर क्षेत्र के आदिवासी ग्रामीणों ने विरोध करना शुरू कर दिया था। हालांकि इसके पीछे कुछ राजनीतिक दल के द्वारा विरोध की राजनीति चमकाने और आदिवासियों पर अपना वर्चस्व काम करने के लिए तमाम तरह की कवायद होती रही। बावजूद इसके जिला प्रशासन और सरकार की दृढ़ इच्छा शक्ति के आगे सारे विवाद और विरोध को दरकिनार करते हुए। इस महत्वाकांक्षी परियोजना की शुरुआत हो गई है। जिससे मेडिकल एवं डॉक्टर बनने की चाहत रखने वाले छात्र छात्राओं को एक नई उम्मीद की किरण दिखने लगी है।


Body:पीएम के शिलान्यास के बाद ग्रामीणों ने किया था विरोध -
बता दें कि 300 करोड़ की लागत से बनने वाली चाईबासा मेडिकल कॉलेज 23 सितंबर 2018 को पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों ऑनलाइन शिलान्यास संपन्न हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट और उनके हाथों हुए चाईबासा मेडिकल कॉलेज की योजना का ऑनलाइन शिलान्यास के बाद उलीझारी गांव के ग्रामीणों ने इसका जमकर विरोध किया था।

ग्रामीणों के साथ ग्रामसभा कर मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्य की हुई शुरुआत-
जिसके बाद मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्य पर संशय गहरा गया था और साथ ही साथ सत्ताधारी दल और विपक्ष राजनीतिक दलों के बीच शीत युद्ध भी शुरू हो गई थी। उसके बाद जिला प्रशासन के पदाधिकारियों के प्रयास से गांव के ग्रामीणों के साथ ग्रामसभा कर प्रकाश इंडस्ट्रीज को दी गई जमीन पर मेडिकल कॉलेज का निर्माण की शुरुआत की गई ।


झारखंड भवन निर्माण निगम लिमिटेड कार्यपालक अभियंता विश्वनाथ उरांव बताते हैं कि ग्रामीणों से मिलकर के उलीझारी गांव के मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्य की शुरुआत फिलहाल 25 एकड़ जमीन पर बाउंड्री वॉल का कार्य की शुरुआत की गई है। आगामी 10 दिनों में बिल्डिंग वर्क की भी शुरुआत कर दी जाएगी। इसके साथ ही चाईबासा मेडिकल कॉलेज को पूर्ण करने की अवधि 30 माह की है जिसे हमें उम्मीद है कि 30 माह से पूर्व ही मेडिकल कॉलेज भवन निर्माण कार्य पूर्ण हो जाएगा और स्वस्थ्य विभाग के सुपुर्द कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों का आक्रोश था कि हमलोग इसी शर्त पर मेडिकल कॉलेज बनने देंगे कि हमारे गांव का विकास हो और प्रकाश इंडस्ट्रीज को स्टील प्लांट लगाने के लिए दी गई 75 एकड़ जमीन का ही उपयोग मेडिकल कॉलेज के निर्माण में किया जाए।




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