चाईबासा: कोविड-19 संक्रमण से बचाव और शरीर में रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता को बढ़ाने को लेकर जिले के सारंडा वन क्षेत्र में विद्यमान जड़ी बूटियों के प्रयोग से तैयार इम्युनिटी बूस्टर पेय पदार्थ का लोकार्पण जिला उपायुक्त अरवा राजकमल ने पुलिस अधीक्षक, उप विकास आयुक्त, सारंडा और चाईबासा वन प्रमंडल पदाधिकारी की उपस्थिति में किया. इस दौरान उपायुक्त ने कहा कि इस संकट काल में वन विभाग का यह इम्युनिटी बूस्टर हर्बल पेय पदार्थ तैयार किया जाना एक सराहनीय कदम है. यह संजीवनी बनाने का काम सारंडा वन प्रमंडल के डीएफओ रजनीश कुमार की पहल पर किया जा रहा है.
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इम्युनिटी बूस्टर किया जा रहा तैयार
अभी तक कोरोना वायरस के वैक्सीन या अन्य मेडिसिन तैयार नहीं किये जा सके हैं. ऐसे में आयुर्वेद में ऐसी दवाएं उपलब्ध हैं जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ायी जा सकती है. इसी क्रम में सारंडा वन प्रमंडल के वनकर्मी और समितियां इम्युनिटी बूस्टर नामक आयुर्वेदिक पेय पदार्थ बना रही है. इस इम्युनिटी बूस्टर में अर्जुन की छाल, गिलोय, अमरूद के पत्ते, तुलसी, लौंग, इलाइची, काला जीरा और कई जड़ी बूटियों के मिश्रण से आयुष मंत्रालय की ओर से दिए गए गाइडलाइन के अनुसार तैयार किया जा रहा है. इस मिश्रण का इस्तेमाल फ्रंट लाइन में काम करने वाले पुलिसकर्मी, स्वास्थ्यकर्मी और वैसे लोग जो की कोरोना महामारी की जंग में योद्धा के रूप में काम कर रहे हैं, उन्हें संक्रमण से दूर रखने के लिए किया जाएगा.
इम्युनिटी पावर कम होने से संक्रमण का शिकार
वहीं, इस मिश्रण से ऐसे लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी ताकि लोग कोविड-19 जैसी बीमारी से संक्रमित ना हो. इसे लेकर सारंडा वन प्रमंडल के कर्मी दिन-रात लगे हुए हैं ताकि लोगों को इसका फायदा मिल सके और इसका कोई साइड इफेक्ट भी ना हो, क्योंकि डब्ल्यूएचओ ने भी यह माना है कि जिसकी इम्युनिटी पावर कम है वैसे लोग ही कोरोना संक्रमण के शिकार हो रहे हैं.डीएफओ रजनीश कुमार ने बताया कि आयुष मंत्रालय ने गाइडलाइन जारी किया है कि शारीरिक रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा कर करोना से लड़ा जा सकता है जिसका नाम क्वाथ दिया गया है. उसी गाइडलाइन के अनुसार सारंडा वन पाए जाने वाले प्राकृतिक औषधियों के मिश्रण से इसे तैयार किया जा रहा है. इसे तैयार करने में सारंडा वन प्रमंडल के करमपदा वन समितियों का सहयोग लिया जा रहा है.
120 सदस्यों को मिली बूस्टर तैयार करने की ट्रेनिंग
करमपदा औषधि केंद्र के वन समितियों के सदस्यों के सहयोग से वन में पाए जाने वाले प्राकृतिक औषधियों को लाकर इसका मिश्रण तैयार किया जा रहा है जिसका नाम इम्यूनिटी बूस्टर दिया गया है. डीएफओ रजनीश कुमार ने बताया कि यह इम्यूनिटी बूस्टर कोरोना वायरस से जंग लड़ रहे योद्धाओं के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो सकता है. औषधि केंद्र में कार्यरत वन समिति के 120 सदस्यों को वन विभाग की और से वनपाल ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेनिंग दी गयी है. फिलहाल, सारंडा वन प्रमंडल का इम्यूनिटी बूस्टर तैयार करने का कार्य करमपदा से शुरू की गई है. बता दें कि चाईबासा वनपाल ट्रेनिंग सेंटर में भी इम्यूनिटी बूस्टर तैयार किया जा रहा है इसे निबंधन के लिए भेजा जाएगा जिससे वन समितियां इसे बाजार में बेच सकें जिसे बेचकर होने वाले लाभ को अन्य विकास कार्यों में भी लगाया जाएगा.
डॉक्टर और विशेषज्ञों से ली गई सलाह
उन्होंने बताया कि सारंडा में औषधीय पौधे भारी संख्या में पाए जाते हैं. वन ग्रामों के वन समितियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि उन्हें रोजगार के साधन भी उपलब्ध कराए जा सके जो अन्य कारणों से किसी अन्य व्यवसाय पर निर्भर है. वहीं, इनमें से औषधीय पौधे कार्य में वन समितियों के सदस्यों को जोड़ा जा सके इसी उद्देश्य के साथ इसकी शुरुआत की गई है. उन्होंने बताया कि इम्यूनिटी बूस्टर बनाने से पूर्व आयुर्वेद के डॉक्टर और विशेषज्ञों से सलाह मशवरा कर इसे तैयार किया जा रहा है जिससे लोगों को औषधि का लाभ ही मिलेगा.