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बेरमो सीट पर भाजपा को योगेश्वर पर ही भरोसा, टिकट के घमासान में मृगांक-रवींद्र को पछाड़ा

बेरमो उपचुनाव में भाजपा में टिकट के लिए घमासान चल रहा था. इसमें पूर्व विधायक योगेश्वर महतो बाटूल ने बाजी मारी है. हालांकि पार्टी की ओर से केंद्रीय नेतृत्व को तीन नाम भेजे गए थे.

Yogeshwar Mahato Batul wins for BJP ticket in Bermo by-election
योगेश्वर महतो बाटुल
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Published : Oct 11, 2020, 7:38 PM IST

बोकारो: बेरमो विधानसभा उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर टिकट के लिए बीते पंद्रह दिनों से चल रही अटकलबाजी पर आखिरकार विराम लग गया है. पूर्व विद्यायक योगेश्वर महतो बाटूल पर पार्टी ने एक बार फिर से विश्वास जताया है. एनडीए की ओर से बाटूल को टिकट देकर बेरमो उपचुनाव में एक बार फिर से अगड़े पिछड़े के समीकरण को साधने का प्रयास भाजपा ने किया है.

दो बार बाटूल रहे विधायक
बाटूल 2004 और 2014 में चुनाव जीत चुके हैं. बीते आम चुनाव 2019 में करीब 25 हजार मतों से वे कांग्रेस के दिग्गज प्रत्याशी स्वर्गीय राजेंद्र प्रसाद सिंह से हार गए थे. अब इसी कार्यकाल के चार सालों के लिए हो रहे उपचुनाव में पार्टी आलाकमान ने इन्हें टिकट देकर फिर विश्वास जताया है.

ये भी पढ़े- निर्भया ट्रस्ट की अपील, महिलाओं पर अपराध करने वालों को टिकट न दें

प्रदेश के अधिकतर शीर्ष नेता भी महतो के पक्ष में बताए जाते हैं. हालांकि इस सीट के लिए केंद्रीय नेतृत्व को तीन नामों का पैनल भेजा गया था. जिसमें योगेश्वर महतो बाटुल के अलावा मृगांक शेखर और गिरिडीह से पांच बार के सांसद रहे रवींद्र पांडेय का नाम भी शामिल था.

बोकारो: बेरमो विधानसभा उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर टिकट के लिए बीते पंद्रह दिनों से चल रही अटकलबाजी पर आखिरकार विराम लग गया है. पूर्व विद्यायक योगेश्वर महतो बाटूल पर पार्टी ने एक बार फिर से विश्वास जताया है. एनडीए की ओर से बाटूल को टिकट देकर बेरमो उपचुनाव में एक बार फिर से अगड़े पिछड़े के समीकरण को साधने का प्रयास भाजपा ने किया है.

दो बार बाटूल रहे विधायक
बाटूल 2004 और 2014 में चुनाव जीत चुके हैं. बीते आम चुनाव 2019 में करीब 25 हजार मतों से वे कांग्रेस के दिग्गज प्रत्याशी स्वर्गीय राजेंद्र प्रसाद सिंह से हार गए थे. अब इसी कार्यकाल के चार सालों के लिए हो रहे उपचुनाव में पार्टी आलाकमान ने इन्हें टिकट देकर फिर विश्वास जताया है.

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प्रदेश के अधिकतर शीर्ष नेता भी महतो के पक्ष में बताए जाते हैं. हालांकि इस सीट के लिए केंद्रीय नेतृत्व को तीन नामों का पैनल भेजा गया था. जिसमें योगेश्वर महतो बाटुल के अलावा मृगांक शेखर और गिरिडीह से पांच बार के सांसद रहे रवींद्र पांडेय का नाम भी शामिल था.

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