बोकारो: जिला मुख्यालय से सटे विस्थापित क्षेत्र मध्य विद्यालय अगरडीह को भी जबरन उर्दू स्कूल बनाने का मामला सामने आया है. स्कूल रविवार को खुलता है और शुक्रवार को बंद रहता है. जबकि शिक्षा विभाग की सूची में यह विद्यालय उर्दू स्कूल के रूप में नामित नहीं है. यह स्कूल वर्ष 1988 से उर्दू विद्यालय के रूप में संचालित हो रहा है.
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जानकारी के अनुलार, अगरडीह का यह स्कूल प्राथमिक विद्यालय हुआ करता था. वर्ष 2004 में इसे उत्क्रमित करते हुए मध्य विद्यालय बना दिया गया. यह विद्यालय अल्पसंख्यक बाहुल्य गांव में होने की वजह से स्थापना काल से ही यहां शुक्रवार को छुट्टी रहती है. इस विद्यालय में हिंदू छात्रों की संख्या 10 से 12 है, जबकि मुस्लिम छात्रों की संख्या अधिक है. इस स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक मोहम्मद हसीबुल रहमान ने बताया कि उनको जब ये यहां पदस्थापित किया गया था उस वक्त भी यह प्राथमिक विद्यालय अगरडीह उर्दू के नाम से ही जाना जाता था.
मोहम्मद हसीबुल रहमान ने बताया कि विभाग के द्वारा एक पत्र भेजा गया था, जिससे पता चला कि यह विद्यालय उर्दू की सूची में शामिल नहीं है. इसके बाद से विभाग की ओर से उर्दू स्कूल होने का प्रमाण मांगा गया है. जिसके बाद उन्हें कई प्रमाण उपलब्ध कराया गया है. उनका कहना है कि अगर विभाग शुक्रवार को स्कूल खोलने और रविवार को बंद करने का आदेश देता है तो वे उस आदेश का पालन करेंगे.