चंदनकियारी, बोकारोः पर्यटक, कला संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग और झारखंड सरकार की ओर से चंदनकियारी के पोलकिरी भोजूडीह स्थित भैरवस्थान में आयोजित दो दिवसीय भैरव महोत्सव का समापन हुआ. इस दो दिवसीय महोत्सव में बॉलीवुड के गायक और गायिका के साथ-साथ स्थानीय और बाहर से आमंत्रित कलाकारों ने अपनी सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और रंगारंग प्रस्तुतियों से समा बांधा. समापन के मौके पर प्रख्यात गायक दलेर मेहंदी के अलावा स्थानीय कलाकारों ने भी अपना जलवा जमकर बिखेरा. वहीं, छऊ नृत्य कलाकारों ने नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी.
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भजन सुन भाव विभोर हुए श्रोता
इसके पहले ऑल इंडिया रेडियो वाराणसी से लोक गीत गायिका रंजना राय ने अपनी सुरीले स्वरों से संगीत के महफिल को बांधे रखा. उन्होंने भजन 'सांसों की माला पे सुमिरु मैं पी का नाम' गाना जैसे ही शुरू किया श्रोता भाव विभोर हो गए. इसके साथ ही सैया मिले लड़कइयां मैं क्या करूं...जैसे हिंदी, भोजपुरी, मगही भाषा में गीत प्रस्तुत कर श्रोताओं की वाहवाही लूटी.
वहीं, चंदनकियारी के बुढ़ीविनोर निवासी सह मुंबई आर्टिस्ट ऋतुराज की एक से बढ़कर एक गीतों ने युवाओं को थिरकने पर विवश कर दिया. इस दौरान मंच के माध्यम से बच्चे कलाकारों ने स्वच्छता का संकल्प नाटक प्रस्तुत कर स्वच्छ भारत अभियान को सफल करने और सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त रखने का संदेश दिया.
भैरव महोत्सव में पहुंचे सांसद पशुपति नाथ सिंह ने कहा कि उन्हें बीते लोकसभा चुनाव में बाबा भैरवनाथ का आशीर्वाद मिल चुका है. उन्होंने कहा कि आनेवाले दिनों में भी बाबा भैरवनाथ का आशीर्वाद मिलता रहेगा, उन्हीं के कारण आज चंदनकियारी में विकास हो रहा है. इस दौरान मंत्री अमर बाउरी भी मौजूद रहे. कार्यक्रम में रवि त्रिपाठी ने भी अपनी प्रस्तुतियों से लोगों का मन मोह लिया. कुल मिलाकर भैरव महोत्सव में अध्यात्म के साथ-साथ कला का अनूठा संगम देखने को मिला.
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मुकेश के गाए गीतों की प्रस्तुति
भैरव महोत्सव में बोकारो के प्रसिद्ध युवा कलाकार अरुण पाठक ने मैथिली, हिन्दी और सदाबहार गीतों की सुरीली पेशकश से खूब समां बांधा. महाकवि विद्यापति रचित 'जय-जय भैरवि असुर भयाउनि' का पाठ कर अपनी प्रस्तुति शुरू की. इसके बाद मैथिली लोकगीत गाकर सबकी प्रशंसा पाई. आगे उन्होंने मुकेश के गाए गीतों की प्रस्तुति दी. इस कार्यक्रम में अरुण के साथ ढोलक और हैंडसोनिक पर राकेश कुमार सिंह, कीबोर्ड पर राजेंद्र कुमार और आक्टोपैड और सैम्पलर पर विधान दत्ता ने कुशल संगत की.
झारखंड से है पुराना लगाव- दलेर मेहंदी
पॉप सिंगर दलेर मेहंदी ने कहा कि पॉप सांग के साथ लोक गायकी को भी बढ़ावा मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि झारखंड से उनका पुराना लगाव रहा है. रांची, हजारीबाग, रामगढ़, धनबाद आदि शहर में उनका बचपन गुजरा है. वह बोकारो 1976 में पहली बार आए थे. दूसरी बार आने पर पुरानी यादें ताजा हो गई. बोकारो आकर बहुत अच्छा लगा. दलेर मेहंदी ने कहा कि उनकी पॉपुलैरिटी आज भी कम नहीं हुई है. कश्मीर से कन्याकुमारी तक लोग पॉप सांग गुनगुनाते ही हैं. साउथ कोरिया, जहां म्यूजिक असंभव है, वहां भी लोग उनके गाने का एड चलाते हैं. इसलिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पॉप सांग आज भी पॉपुलर है. इस मौके पर आरटीआई एक्टिविस्ट प्रशांत मल्लिक आदि मौजूद रहे. सभी कलाकार को भैरव महोत्सव के अंतिम दिन सम्मानित किया गया.