बोकारो: कहा जाता है बच्चे ईश्वर का वरदान होते हैं, लेकिन जब इन बच्चों से इनका बचपन छीन कर इनके हाथ में किताब, कॉपी और स्लेट की जगह भीख का कटोरा थमा दिया जाता है, तो यह शर्मनाक हो जाता है. देश के लिए समाज के लिए और उन मां-बाप के लिए जो बच्चे को जन्म तो देते हैं लेकिन उन्हें उनका बचपन नहीं दे पाते हैं. कुछ ऐसे ही बच्चे जिन्हें जन्म के बाद से ही भीख का कटोरा हाथ में थमा दिया गया था. लेकिन अब इनकी जिंदगी में जो बदलाव हुआ है वह इनके लिए सपने से कम नहीं है.
वहीं, डीसी कृपानंद झा का कहना है कि जो दूसरे बच्चे डीएवी और दूसरे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ना चाहते हैं उन्हें भी राइट टू एजुकेशन के तहत ऐडमिशन दिलाया जाएगा.