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नक्सल प्रभावित क्षेत्र से मतदान कराकर लौटे मतदानकर्मी, चेहरे पर दिखी खुशी

गोमिया विधानसभा क्षेत्र के लिए गुरुवार को मतदान हुआ. यहां नक्सल प्रभावित क्षेत्र में मतदान कराना चुनाव आयोग और जिला प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती थी. वहीं सुबह सभी मतदानकर्मी चुनाव करा कर सकुशल लौट गए.

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मतदानकर्मी
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Published : Dec 13, 2019, 5:45 PM IST

बोकारो: गोमिया विधानसभा क्षेत्र के लिए गुरुवार को मतदान हुआ. यहां नक्सल प्रभावित क्षेत्र में मतदान कराना चुनाव आयोग और जिला प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती थी. चुनाव आयोग ने इस बड़ी चुनौती को पार करने में कामयाबी हासिल की और घनघोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी शांतिपूर्ण मतदान करा कर सभी मतदानकर्मी सकुशल लौटे. इन नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कोई अप्रिय घटना नहीं घटी. यह जिला प्रशासन के लिए एक बड़ी उपलब्धि रही.

देखें पूरी खबर

सकुशल लौटे मतदानकर्मी
घनघोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मतदान कराने के लिए मतदान की तारीख से एक दिन पहले बुधवार को ही मतदानकर्मियों को बोकारो से हेलीकॉप्टर से रवाना किया गया था. मतदान समाप्त हो जाने के बाद भी इन्हें रात में मतदान केंद्रों पर या उसके आसपास के क्लस्टर पर रुकना पड़ा था. क्योंकि उन सुदूरवर्ती क्षेत्रों से आवागमन के साधन नहीं थे. हेलीकॉप्टर से ही इन्हें वापस बोकारो लौटना था और रात में हेलीकॉप्टर सेवा वहां पर इतनी सुगम नहीं थी. जिसके बाद सुबह हेलीकॉप्टर से मतदानकर्मी वापस लौटे.

ये भी पढ़ें- रांची में यात्री बस में भीषण आग, सड़क पर मची अफरा-तफरी

चेहरे पर दिखी खुशी
झुमरा पहाड़ी और उसके आसपास के क्षेत्रों में सफलतापूर्वक मतदान करा कर लौटने के बाद इन मतदानकर्मियों के चेहरे पर खुशी देखी जा सकती थी. कुछ मतदानकर्मियों के जीवन का यह पहला अनुभव था. यही वजह है कि इन्हें मतदान कराने के बाद एक सफलता हासिल करने का एहसास हो रहा था. वहीं कुछ मतदानकर्मी बता रहे हैं कि थोड़ी बहुत परेशानी हुई, लेकिन वह मतदान शांतिपूर्ण कराने में सफल हुए. इसके साथ ही इनका कहना था कि यहां नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के बावजूद लोगों का उत्साह लोकतंत्र के महापर्व में भागीदारी देने के लिए देखते बन रही थी.

बोकारो: गोमिया विधानसभा क्षेत्र के लिए गुरुवार को मतदान हुआ. यहां नक्सल प्रभावित क्षेत्र में मतदान कराना चुनाव आयोग और जिला प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती थी. चुनाव आयोग ने इस बड़ी चुनौती को पार करने में कामयाबी हासिल की और घनघोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी शांतिपूर्ण मतदान करा कर सभी मतदानकर्मी सकुशल लौटे. इन नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कोई अप्रिय घटना नहीं घटी. यह जिला प्रशासन के लिए एक बड़ी उपलब्धि रही.

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सकुशल लौटे मतदानकर्मी
घनघोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मतदान कराने के लिए मतदान की तारीख से एक दिन पहले बुधवार को ही मतदानकर्मियों को बोकारो से हेलीकॉप्टर से रवाना किया गया था. मतदान समाप्त हो जाने के बाद भी इन्हें रात में मतदान केंद्रों पर या उसके आसपास के क्लस्टर पर रुकना पड़ा था. क्योंकि उन सुदूरवर्ती क्षेत्रों से आवागमन के साधन नहीं थे. हेलीकॉप्टर से ही इन्हें वापस बोकारो लौटना था और रात में हेलीकॉप्टर सेवा वहां पर इतनी सुगम नहीं थी. जिसके बाद सुबह हेलीकॉप्टर से मतदानकर्मी वापस लौटे.

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चेहरे पर दिखी खुशी
झुमरा पहाड़ी और उसके आसपास के क्षेत्रों में सफलतापूर्वक मतदान करा कर लौटने के बाद इन मतदानकर्मियों के चेहरे पर खुशी देखी जा सकती थी. कुछ मतदानकर्मियों के जीवन का यह पहला अनुभव था. यही वजह है कि इन्हें मतदान कराने के बाद एक सफलता हासिल करने का एहसास हो रहा था. वहीं कुछ मतदानकर्मी बता रहे हैं कि थोड़ी बहुत परेशानी हुई, लेकिन वह मतदान शांतिपूर्ण कराने में सफल हुए. इसके साथ ही इनका कहना था कि यहां नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के बावजूद लोगों का उत्साह लोकतंत्र के महापर्व में भागीदारी देने के लिए देखते बन रही थी.

Intro:बोकारो के गोमिया विधानसभा क्षेत्र के लिए गुरुवार को मतदान हुआ। यहां नक्सल प्रभावित क्षेत्र में मतदान कराना चुनाव आयोग और जिला प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती थी। चुनाव आयोग ने इस बड़ी चुनौती पर पर पार पाने में कामयाब हुए। और घनघोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी शांतिपूर्ण मतदान कराने में सफल रहे। इन नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कोई अप्रिय घटना नहीं घटी यह जिला प्रशासन के लिए एक बड़ी उपलब्धि रही।


Body:घणगोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों मैं मतदान कराने के लिए मतदान की तिथि से 1 दिन पहले बुधवार को ही मतदान कर्मियों को बोकारो से हेलीकॉप्टर से रवाना किया गया था। जिसके बाद वह बुधवार सुबह से ही इस कठिन परीक्षा में लग गए थे। उसके बाद मतदान समाप्त हो जाने के बाद भी इन्हें रात में मतदान केंद्रों पर या उसके आसपास के कलस्टर पर रुकना पड़ा था। क्योंकि उन सुदूरवर्ती क्षेत्रों से आवागमन के साधन सुलभ नहीं थे। हेलीकॉप्टर से ही इन्हें वापस बोकारो लौटना था। और रात्रि में हेलीकॉप्टर सेवा वहां पर इतनी सुगम नहीं थी। जिसके बाद आज वायु सेना के हेलीकॉप्टर से यह मतदान कर्मी बोकारो लौटे।


Conclusion:झुमरा पहाड़ी और उसके आसपास के क्षेत्रों में सफलतापूर्वक मतदान करा कर लौटने के बाद इन मतदान कर्मियों के चेहरे पर खुशी देखी जा सकती थी। कुछ मतदान कर्मियों के जीवन का यह पहला अनुभव था। यही वजह है की कि इन्हें मतदान कराने के बाद एक सफलता हासिल करने का एहसास हो रहा था। तो कुछ मतदान कर्मी बता रहे हैं कि थोड़ी बहुत परेशानी हुई लेकिन अंततः वह मतदान शांतिपूर्ण कराने में सफल हुए। इसके साथ ही इनका कहना था कि यहां नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के बावजूद लोगों का उत्साह लोकतंत्र के महापर्व में भागीदारी देने के लिए देखते बन रही थी। ख़ास कर आधी आबादी महिला का। बोकारो से आलोक रंजन सिंह की रिपोर्ट।
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