बोकारो: महात्मा गांधी की जयंती पर शुक्रवार को विस्थापित नौजवान संघर्ष बैनर तले विस्थापित महिला और पुरुष नियोजन और खाली पड़ी जमीन वापसी को लेकर बीएसएल के नगर सेवा भवन के सामने आत्मदाह का प्रयास किया. मौके पर उपस्थित पुलिस अधिकारी और जवान आत्मदाह करने वाले विस्थापित नेता और उनके सहयोगियों को गिरफ्तार कर अपने साथ सिटी थाना ले गयी. वहीं जो महिलाएं आंदोलन कर रही थी. वो इस गिरफ्तारी का विरोध नगर प्रशासन भवन के सामने करती रहीं.
इससे पूर्व विस्थापित नौजवान संघर्ष मोर्चा के बैनर तले विस्थापित महिला और पुरुष हाथों में बैनर और तख्ती लिए जुलूस की शक्ल में बीएसएल के नगर सेवा भवन के सामने पहुंचे. इस दौरान जो लिखित आत्मदाह की जानकारी मिली थी, उसके मद्देनजर पहले से ही सुरक्षा के व्यापक इंजताम किए गए थे. सिटी थाना के अलावा बीएसएल में तैनात होमगार्ड के सुरक्षा गार्ड के साथ ही बीएसएल के अधिकारी मौजूद थे. साथ ही कोई अनहोनी न हो इसके लिए पहले से ही दमकल की गाड़ी और एबुंलेंस को तैनात रखा गया था.
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विस्थापित आंदोलन में आयी निशा कुमारी कहती हैं कि क्या करें प्रबंधन ठगने का काम कर रहा है. पढ़ाई करके बैठे हैं, लेकिन नियोजन देने का काम कोई नहीं कर रहा है. ऐसे में आंदोलन ही रास्ता है. वहीं, विस्थापित आंदोलन में आयी महिला का कहना है कि नौकरी के लिए आए. जमीन दिए तो नौकरी के लिए आए हैं. दंडाधिकारी के रुप में तैनात जयंत लकड़ा ने कहा कि अनहोनी की घटना न हो इसके लिए बीएसएल से लेकर जिला प्रशासन के लोग मुस्तैद थे. जो घटना को करने का प्रयास कर करे थे, उसको नहीं होने दिया गया.