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संक्रमित शवों को जलाने में आ रही परेशानियां, जानिए एंबुलेंस ड्राइवर और आम लोगों का दर्द - bokaro news

बोकारो में संक्रमित शवों को जलाने में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अंतिम संस्कार के लिए भी लोगों को मोटी रकम चुकानी पड़ रही है. ऐसे में स्थानीय लोगों का आरोप है कि एंबुलेंस चालक शव ले जाने के लिए मनचाहा किराया वसूलते हैं. वहीं, दूसरी ओर चालक इस बात से इनकार करते हैं.

People facing problem in burning dead bodies of infected in ranchi
संक्रमित शवों को जलाने में आ रही परेशानियां
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Published : May 13, 2021, 1:57 PM IST

Updated : May 13, 2021, 2:26 PM IST

बोकारो: कोरोना संक्रमण के इस दौर में संक्रमितों के शव को जलाने में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. शवों को अस्पताल या घर से श्मशान घाट जलाने के लिए ले जाने में अच्छी खासी रकम एंबुलेंस वालों को देनी पड़ रही है. उसके साथ-साथ शवों को जलाने के लिए भी मोटी रकम चुकानी पड़ रही है. इस दौर में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-कोरोना का खौफः संक्रमित कैदियों के फरार होने का खतरा, सुरक्षा में तैनात पुलिस वाले बरत रहे लापरवाही

सामने आई अलग-अलग बातें

इन सभी मुद्दों पर आम लोग और एंबुलेंस वालों का भी पक्ष जानने की कोशिश की गई. दोनों ही तरफ से अलग-अलग बातें सामने आई. इस मुद्दे पर लोगों का कहना था कि इस संक्रमण काल में शवों को जलाने के लिए घाट ले जाने में मोटी रकम की मांग एंबुलेंस वाले कर रहे हैं. साथ ही अगर शव को जलाने के लिए लोगों से संपर्क करना पड़ रहा है तो वे लोग भी मोटी रकम की मांग कर रहे हैं. एक शव को जलाने में 25 से 30 हजार रुपये का खर्च हो रहे हैं. ऐसे में लोग सरकारी व्यवस्था से काफी नाराज दिख रहे हैं.

घर वाले गाड़ियों में बैठने से करते हैं परहेज

वहीं, दूसरी ओर एंबुलेंस चालकों का अपना दर्द है. उनका कहना है कि जब संक्रमित शवों को ले जाने में घर वाले गाड़ियों में बैठने में परहेज करते हैं, तो ऐसे में अगर वे लोग शवों को ले जाकर पहुंचा रहे हैं. चालकों का कहना है कि पीपीई किट और गाड़ियों को सेनेटाइज करने में काफी खर्च होता है. ऐसे में हम लोग करें तो क्या करें? हालांकि, चालकों ने मोटी रकम वसूलने की बात से साफ इनकार किया है. उन्होंने कहा कि जब किसी की मौत होती है तो घरवाले सामान्य मौत बताते हैं और जब शव को उतार दिया जाता है तो पता चलता है कि जिसकी मृत्यु हुई वह संक्रमित था, तो ऐसे में हम लोगों पर क्या बीतती होगी. यह कोई नहीं समझ सकता है.

बोकारो: कोरोना संक्रमण के इस दौर में संक्रमितों के शव को जलाने में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. शवों को अस्पताल या घर से श्मशान घाट जलाने के लिए ले जाने में अच्छी खासी रकम एंबुलेंस वालों को देनी पड़ रही है. उसके साथ-साथ शवों को जलाने के लिए भी मोटी रकम चुकानी पड़ रही है. इस दौर में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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सामने आई अलग-अलग बातें

इन सभी मुद्दों पर आम लोग और एंबुलेंस वालों का भी पक्ष जानने की कोशिश की गई. दोनों ही तरफ से अलग-अलग बातें सामने आई. इस मुद्दे पर लोगों का कहना था कि इस संक्रमण काल में शवों को जलाने के लिए घाट ले जाने में मोटी रकम की मांग एंबुलेंस वाले कर रहे हैं. साथ ही अगर शव को जलाने के लिए लोगों से संपर्क करना पड़ रहा है तो वे लोग भी मोटी रकम की मांग कर रहे हैं. एक शव को जलाने में 25 से 30 हजार रुपये का खर्च हो रहे हैं. ऐसे में लोग सरकारी व्यवस्था से काफी नाराज दिख रहे हैं.

घर वाले गाड़ियों में बैठने से करते हैं परहेज

वहीं, दूसरी ओर एंबुलेंस चालकों का अपना दर्द है. उनका कहना है कि जब संक्रमित शवों को ले जाने में घर वाले गाड़ियों में बैठने में परहेज करते हैं, तो ऐसे में अगर वे लोग शवों को ले जाकर पहुंचा रहे हैं. चालकों का कहना है कि पीपीई किट और गाड़ियों को सेनेटाइज करने में काफी खर्च होता है. ऐसे में हम लोग करें तो क्या करें? हालांकि, चालकों ने मोटी रकम वसूलने की बात से साफ इनकार किया है. उन्होंने कहा कि जब किसी की मौत होती है तो घरवाले सामान्य मौत बताते हैं और जब शव को उतार दिया जाता है तो पता चलता है कि जिसकी मृत्यु हुई वह संक्रमित था, तो ऐसे में हम लोगों पर क्या बीतती होगी. यह कोई नहीं समझ सकता है.

Last Updated : May 13, 2021, 2:26 PM IST
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