बोकारोः चास नगर निगम लाख दावे करे कि विकास के मामले में चास की तस्वीर बदल रही है. लेकिन स्थिति कब सुधरेगी इसको बता पाना इनके लिए भी कठिन चुनौती साबित हो रही है. आज भी कई वार्डों में गंदगी का अंबार लगा हुआ रहता है. नाली और गली से लोग काफी परेशान रहते हैं, लेकिन निगम को कुछ भी नजर नहीं आता.
एक तरफ बरसात होते ही सड़क पर पड़ी गंदगी के कारण उससे आने वाली बदबू से लोगों का सड़कों पर चलना दुभर हो जाता है. वहीं, कई वार्डों में सड़क पर पड़ी गंदगी का अंबार बीमारी को आमंत्रण देता नजर आता है. इसके बावजूद निगम आंख बंद कर सोया नजर आ रहा है. आम लोग भी अपने घर की साफ-सफाई तो जरुर करते हैं लेकिन घर के कचरों को सही स्थान पर फेंकने के बजाए सड़क पर ही फेंक देते हैं, जिससे समस्या बढ़ जाती है.
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निगम ने नहीं दिए डस्टबिन
निगम की ओर से कई वार्डो में डस्टबिन नहीं दिए गए हैं. जिससे लोग कचरे को सड़कों पर फेंकने को मजबूर हो रहे हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि निगम ने गंदगी साफ करने का जिम्मा जिस एनजीओ को दिया है उसकी जिम्मेवारी बनती है कि हर वार्ड में सड़क पर फैले कचरे को साफ करे लेकिन निगम के प्रतिनिधियों का कार्यकाल खत्म होते ही अब साफ-सफाई पर ध्यान नहीं हो पा रहा है. बीते दिनों सफाईकर्मियों की हड़ताल ने भी खासा असर दिखाया था.
तत्कालीन डीसी मुकेश कुमार ने भी समीक्षात्मक बैठक में साफ-सफाई पर विशेष जोर दिया था. सबसे बड़ी बात यह है कि चास के कई वार्ड इन दिनों कंटेनमेंट जोन बने हुए हैं. ऐसे में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की जरुरत है. स्थानीय लोगों का कहना है कि कोरोना के साथ-साथ दूसरी बीमारी का भी खतरा काफी बढ़ गया है. वहीं, चास नगर निगम के अपर नगर आयुक्त शशिप्रकाश का कहना है कि साफ-सफाई का काम युद्धस्तर पर चल रहा है अब कहीं भी कचरा जमा नहीं है और जिसको जिम्मेदारी दी गयी है वो कार्य कर रहें है.