बोकारो: चास नगर निगम क्षेत्र में आम लोगों के उपयोग के लिए बना सामुदायिक शौचालय विभागीय उदासीनता का शिकार बन कर रह गया है. इन शौचालयों में हमेशा ताले लटके रहते हैं जिस कारण लोगों को विवश होकर जहां तहां शौच करना पड़ रहा है, लेकिन अधिकारी हैं कि इन शौचालयों में लटके ताले की बात को मानने से ही इंकार कर रहे हैं. चास नगर निगम क्षेत्र में आम लोगों के उपयोग के लिए करोड़ों रुपए की लागत से दर्जनों शौचालय का निर्माण किया गया था.
इन शौचालयों का निर्माण आम लोगों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न चौक चौराहों बस स्टैंड और सरकारी कार्यालयों के पास इसलिए बनवाया गया था ताकि लोग इसका उपयोग कर बाहर में शौच नहीं कर पाए लेकिन ठीक इसके उलट यह शौचालय अब विभागीय उदासीनता का शिकार हो चुके हैं. इन शौचालयों में ताले लटके पड़े हैं. नतीजा यह है कि लोग बाहर ही मल मूत्र त्यागने को विवश हैं.
बंद ताले में शौचालय
ऐसा ही एक नजारा वार्ड संख्या चार स्थित सामुदायिक शौचालय के सामने देखने को मिला कि एक व्यक्ति शौचालय की दीवार के पास जाकर शौच कर रहा हैं जब उनसे इसकी वजह पूछी तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा शौचालय में ताला हमेशा लटका रहता है, मजबूरी ऐसी है कि उन्हें बाहर ही शौच करना पड़ रहा है. अगर यह शौचालय खुला रहता तो जरूर ही स्थानीय लोग इसका उपयोग करते, लेकिन यह हमेशा बंद ही रहता है. जबकि यह शौचालय चास तलगाडिया मोड़ से चिरा चास होते हुए सेक्टर जाने वाले मुख्य सड़क गंधाजोर गांव के पास है.
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वहीं, जब चास आईटीआई मोड़ स्थित बस स्टैंड के पास बने सामुदायिक शौचालय में भी ताला लटका पड़ा है. वहां की स्थिति ऐसी है कि इस मोड़ में हमेशा बड़ी गाड़ियां खड़ी रहती है लेकिन शौचालय बंद रहने के कारण गाड़ियों के चालक बोतलों में पानी लेकर जहां-तहां शौच करने को विवश हैं. वहीं, नगर निगम के बगल में बने शौचालय की स्थिति भी ऐसी ही नजर आई.
एसडीओ को नहीं दिखता बंद शौचालय
चास अनुमंडल कार्यालय के पास बने शौचालय की भी स्थिति कुछ ऐसी ही नजर आई. वहां, तो मानो कभी ताला खुला ही ना हो जबकि चास के एसडीओ प्रतिदिन अपने कार्यालय आते हैं लेकिन उन्हें भी यह बंद शौचालय दिखाई नहीं पड़ता है. इस मामले में स्थानीय निवासी मनोज सिंह ने कहा कि चास नगर निगम की ओर से शौचालय के नाम पर करोड़ों रुपए की राशि की बर्बादी कर दी गई है. यहां शौचालय जिनको भी राशि लेकर दी गई है वे लोग सिर्फ शौचालय के ऊपर में बने कमरे को अपने कार्यालय के रूप में इस्तेमाल करते हैं और शौचालय को बंद रखते हैं. उन्होंने कहा कि नगर निगम ने इस ओर कभी ध्यान नहीं दिया जिस कारण आज स्थिति बद से बदतर हो चुकी है और लोग जहां-तहां स्वच्छ करने को विवश हैं.
ठोस कदम नहीं उठा रहा प्रशासन
वहीं, इस मामले को लेकर आईटीआई मोड़ निवासी राजेश चौबे ने बताया कि इन शौचालयों के बंद रहने के मुद्दे पर कई बार निगम से लेकर जिला तक के अधिकारियों तक फरियाद की गई लेकिन इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. वहीं, उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व मेयर ने इन शौचालयों को बनवा कर सिर्फ अपनी मनमानी की है और इसके लिए पूर्व के जनप्रतिनिधि सहित अधिकारी जिम्मेदार है.
इस मामले को लेकर जब चास नगर निगम के अपर नगर आयुक्त शशि प्रकाश झा से सवाल किया गया तो उन्होंने सभी शौचालयों के हमेशा खुले रहने का सफेद झूठ बोल डाला. उन्होंने कहा कि एक महीने पूर्व ही इन शौचालयों को चलाने के लिए एक ही संस्था को जिम्मेदारी दी गई है और ये खुल भी रहे हैं. लेकिन उन्होंने ऑफ द कैमरा कबूला की चास में सभी सामुदायिक शौचालयों की स्थिति वैसी ही है. लेकिन जिस प्रकार से अपर नगर आयुक्त झूठ पर पर्दा डाल रहे हैं ऐसे में हम कह सकते हैं की राशि का दुरुपयोग तो हुआ ही है. वहीं, लोगों के सम्मान के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है क्योंकि शौचालय को इज्जत घर भी कहा जाता है.