बोकारोः चास स्थित आईटीआई मोड़ के समीप फोरलेन सड़क किनारे लाखों रुपये की जीवन रक्षक दवाइयां फेंकी मिली हैं. इनमें से कुछ दवाइयां एक्पायर हैं, जबकि कुछ दवाएं इस्तेमाल लायक हैं. दवा फेंकने वालों ने इसे जलाने की भी कोशिश की है. अब मामले की जांच जिला औषधि विभाग की टीम कर रही है, ताकि दोषियों पर कार्रवाई की जा सके.
यह भी पढ़ेंःबोकारो में बीच सड़क पर नशेड़ी युवक का हाई वोल्टेज ड्रामा, परेशान रही पुलिस
बता दें कि बोकारो जिले में इन दिनों जीवन रक्षक दवाओं के गोलमाल का खेल चल रहा है. इस खेल के सबूत को मिटाने को लेकर करीब 10 लाख रुपये की दवा सड़क किनारे फेंक दी गईं हैं. जीवन रक्षक दवाइयां किसने फेंकी है और किस मंशा से फेंकी गईं हैं. इसकी जांच औषधि निरक्षक की तीन सदस्यीय टीम कर रही है. औषधि निरीक्षक की टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर सैंपल लेने के साथ-साथ बैच और अन्य जानकारी इकट्ठा की है. इसके बाद आगे की कार्रवाई में जुटी है.
औषधि निरीक्षक आलोक कुमार ने बताया कि जिस प्रकार से उत्तर प्रदेश के वाराणसी में नकली वैक्सीन का मामला सामने आया था, उसी तरह यह मामला भी नकली दवाओं का हो सकता है. उन्होंने बताया कि फेंकी गईं दवाओं में किट भी हैं. इनमें एचआईवी जांच किट, मल्टी विटामिन सहित कई दवाएं हैं. इसमें एचआईवी किट की मैन्युफैक्चरिंग चीन में हुई है. इस किट में बैच नंबर और इम्पोर्ट नंबर अंकित नहीं है. इसके साथ ही कुछ दवा अभी एक्सपायर भी नहीं हैं. उन्होंने कहा कि जांच शुरू कर दी गई है और संबंधित कंपनी के बैच नंबर से जानकारी मांगी गई है. बता दें कि दवा फेंकने का मामले का प्रकाश में आते ही देर रात उसे जलाने का प्रयास किया गया है. इससे मामला गंभीर और संदिग्ध लग रहा है.