बोकारोः मलेशिया में फंसे झारखंड के 30 मजदूरों की वतन वापसी का रास्ता साफ हो गया है. इसमें 10 मजदूरों का पहला जत्था 26 अप्रैल को वतन लौट रहा है. हालांकि, 20 मजदूर अभी भी वहां फंसे रहेंगे. बताया जा रहा है कि इन फंसे मजदूरों को अभी टिकट नहीं मिल पाया है. टिकट उपलब्ध होते ही इन सभी मजदूरों को धीरे-धीरे हिन्दुस्तान लाया जाएगा.
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झारखंड के 10 मजदूरों का जत्था मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर से विमान पकड़ चुका है. ये लोग 26 अप्रैल की सुबह चेन्नई पहुंचेंगे. समाजसेवी सिकंदर अली ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि यह कोई पहला मौका नहीं है, जब दलालों के चक्कर में झारखंड के गरीब मजदूर दूसरे देश में फंसे हैं. इससे पहले भी दर्जनों झारखंड के मजदूर विदेशों में जाकर फंसे हैं. उन्होंने कहा कि मलेशिया में फंसे मजदूरों को भी दलालों ने ज्यादा पैसा कमाने का प्रलोभन दिया था. दलाल के झांसे में आकर ये फंस गए थे.
पहले जत्थे में वतन लौटने वाले मजदूरों में गिरिडीह जिले के बगोदर प्रखंड के डुमरी प्रखंड के घुटबाली गांव के विनोद महतो, सेवाटांड के देवानंद महतो, खेतको के विनोद कुमार, बासुदेव महतो, बुधन महतो और रामेश्वर महतो शामिल हैं. इसके साथ ही बोकारो जिले के नावाडीह प्रखंड के महुवाटांड के झरी कुमार, गोमियां प्रखंड के तिसकोपी गांव के प्रेमलाल महतो, दशरथ महतो, हजारीबाग जिले के बिष्णुगढ़ प्रखंड के भुनेश्वर महतो शामिल हैं. इन सभी मजदूरों के परिवार में खुशी की लहर है.