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भगवान भरोसे किसान, कब अन्नदाताओं की सुध लेगी सरकार - बोकारो में खेती के लिए सिंचाई की व्यवस्था नहीं

किसान हमारे अन्नदाता हैं. आम से लेकर खास सबके पेट तभी भरते हैं, जब किसान का खून, पसीना बनकर खेतों में निकलता है, लेकिन बोकारो जिले के कसमार प्रखंड के बलरामपुर गांव के किसानों को सरकार की तरफ से कोई सुविधा नहीं मिलती. यहां किसान भगवान भरोसे खेती करते हैं.

irrigation system not avialable for farming in bokaro
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Published : Aug 27, 2020, 11:51 AM IST

बोकारो: जिले के कसमार प्रखंड के बलरामपुर गांव के किसान भगवान भरोसे खेती करने को विवश हैं. किसानों का कहना है कि सरकार अगर मदद करें तो हम लोगों को इससे लाभ मिल सकता है, लेकिन सरकार से कुछ भी लाभ नहीं मिलता. इस कारण धान की खेती में सिर्फ मजदूरी ही निकल पाती है.

देखिए पूरी खबर

इस इलाके में सिर्फ धान की ही खेती की जाती है, लेकिन उसमें भी अगर भगवान रुष्ट हो जाए तो खेती नहीं हो सकती है. किसानों का कहना है कि अगर अच्छी बारिश हो तभी धान की रोपाई हो पाती है. यहां धान की खेती करने के लिए पानी की कोई सुविधा नहीं है. किसानों ने कहा कि सरकार के द्वारा बीज और खाद की कोई व्यवस्था नहीं दी जाती है. यही कारण है कि हम लोगों को लागत से अधिक खर्च हो जाता है.

किसानों का कहना है धान की खेती में हम लोगों का सिर्फ मजदूरी ही निकल पाता है. अगर सरकार समय पर बीज और खाद उपलब्ध करा दें तो हम लोग जरूर इसका लाभ उठा सकते हैं. सरकार को पानी की व्यवस्था सिंचाई के लिए जरूर करनी चाहिए ताकि किसानों को भगवान के भरोसे नहीं रहना पड़े. किसानों का कहना है खाद और बीज इतनी महंगी है कि वे लोग सरकारी दर से अधिक रकम चुका कर उसकी खरीदारी करते हैं, लेकिन इसे देखने वाला कोई नहीं है.

ये भी पढे़ं: टाटा स्टील ने 113 साल का सफर पूरा किया, भारत को दिलाई देश दुनिया में पहचान

धान की सिंचाई को लिए कोई व्यवस्था नहीं

वहीं, इस मामले में जिला कृषि पदाधिकारी से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि धान की सिंचाई के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है. सरकार के द्वारा किसी भी प्रकार का फंड भी उपलब्ध नहीं कराया गया है, जिससे कि धान की खेती के लिए सिंचाई की व्यवस्था कराई जा सके. उन्होंने कहा कि खाद बीज की अगर कालाबाजारी हो रही है तो वह देखने वाली बात होगी.

बोकारो: जिले के कसमार प्रखंड के बलरामपुर गांव के किसान भगवान भरोसे खेती करने को विवश हैं. किसानों का कहना है कि सरकार अगर मदद करें तो हम लोगों को इससे लाभ मिल सकता है, लेकिन सरकार से कुछ भी लाभ नहीं मिलता. इस कारण धान की खेती में सिर्फ मजदूरी ही निकल पाती है.

देखिए पूरी खबर

इस इलाके में सिर्फ धान की ही खेती की जाती है, लेकिन उसमें भी अगर भगवान रुष्ट हो जाए तो खेती नहीं हो सकती है. किसानों का कहना है कि अगर अच्छी बारिश हो तभी धान की रोपाई हो पाती है. यहां धान की खेती करने के लिए पानी की कोई सुविधा नहीं है. किसानों ने कहा कि सरकार के द्वारा बीज और खाद की कोई व्यवस्था नहीं दी जाती है. यही कारण है कि हम लोगों को लागत से अधिक खर्च हो जाता है.

किसानों का कहना है धान की खेती में हम लोगों का सिर्फ मजदूरी ही निकल पाता है. अगर सरकार समय पर बीज और खाद उपलब्ध करा दें तो हम लोग जरूर इसका लाभ उठा सकते हैं. सरकार को पानी की व्यवस्था सिंचाई के लिए जरूर करनी चाहिए ताकि किसानों को भगवान के भरोसे नहीं रहना पड़े. किसानों का कहना है खाद और बीज इतनी महंगी है कि वे लोग सरकारी दर से अधिक रकम चुका कर उसकी खरीदारी करते हैं, लेकिन इसे देखने वाला कोई नहीं है.

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धान की सिंचाई को लिए कोई व्यवस्था नहीं

वहीं, इस मामले में जिला कृषि पदाधिकारी से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि धान की सिंचाई के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है. सरकार के द्वारा किसी भी प्रकार का फंड भी उपलब्ध नहीं कराया गया है, जिससे कि धान की खेती के लिए सिंचाई की व्यवस्था कराई जा सके. उन्होंने कहा कि खाद बीज की अगर कालाबाजारी हो रही है तो वह देखने वाली बात होगी.

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