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बोकारो से दिल्ली, कोलकाता है अभी दूर, एयरपोर्ट का कछुए की चाल से किया जा रहा निर्माण

उड़ान योजना के तहत मोदी सरकार ने कई शहरों को एयरपोर्ट से जोड़ने का सपना आम लोगों को दिखाया था. इसी के तहत बोकारो एयरपोर्ट को भी डेवलप किया जा रहा था, लेकिन काम की गति बेहद सुस्त है.

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Published : Jul 18, 2019, 5:51 PM IST

बोकारो से अभी दूर है दिल्ली

बोकारो: एक साल पहले जिला वासियों को सपना दिखाया गया था कि वह अब सीधे दिल्ली, पटना और कोलकाता उड़ान भर सकेंगे. इसकी घोषणा खुद मुख्यमंत्री रघुवर दास ने की थी. इस दौरान तब के नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा भी पहुंचे थे. यहां उन्होंने पीएम के हवाई चप्पल वाले भी हवाई यात्रा करेंगे वादे को दोहराया था, लेकिन यह वादा अबतक पूरा नहीं हो पाया.

देखें स्पेशल स्टोरी

मुख्यमंत्री ने लोगों से कहा था कि जनवरी से यहां उड़ान योजना के तहत घरेलू सस्ती विमान सेवा शुरू हो जाएगी. 25 अगस्त 2018 को मुख्यमंत्री ने बोकारो हवाई अड्डा का शिलान्यास किया था और इसका उद्घघाटन 25 दिसंबर को होना था. लेकिन जनवरी से जून और अब जुलाई बीतने को हैं, बोकारोवासियों के लिए अभी भी हवाई सफर एक सपना ही है. अभी एयरपोर्ट निर्माण कार्य गति जिस तरह की है, उसे देख यह कहना गलत नहीं होगा की यहां से विमान सेवा शुरू होने में साल भर से ज्यादा समय लग सकता है.

भवन का निर्माण है अधूरा
एयरपोर्ट निर्माण की बात करें तो यहां रनवे का काम लगभग पूरा हो चुका है. लेकिन अभी भवन निर्माण का काम अधूरा है. एयरपोर्ट निर्माण कार्य में मां अंबे कंस्ट्रक्शन कंपनी समेत 4 से अधिक कंपनियां काम कर रही हैं. जो एयरपोर्ट अथॉरिटी दिल्ली के द्वारा चयनित है. वहीं, एयरपोर्ट पर बनने वाले टावर का काम अभी शुरू ही नहीं हुआ है, तो वहीं चारदिवारी का काम भी अभी पूरा नहीं हो पाया है, क्योंकि एयरपोर्ट के पास अतिक्रमण कर रह रहे लोग अभी तक शिफ्ट नहीं किए गए हैं.

ये भी पढे़ं- चतरा में कथित भूख से एक और मौत, जानें पूरी सच्चाई

बता दें कि एयरपोर्ट निर्माण के लिए करीब 7000 पेड़ों की कटाई होनी थी. इन 7000 में 15 सौ पेड़ों को शिफ्ट किया जाना था. लेकिन वन विभाग का कहना है कि पेड़ शिफ्ट नहीं होंगे. इसके बदले वन विभाग ने 15 हजार नए पेड़ लगाने की बात कही है. बाकी 5000 पेड़ों में से 3100 पेड़ों की ही कटाई हुईं है. इसके अलावा टर्मिनल निर्माण हो या फिर दूसरे काम अभी इसमें 1 साल से ज्यादा समय लग सकता है.

उड़ान भरने में लगेंगे और समय
यहां काम कर रहे ठेकेदार और इंजीनियर इस बारे में कुछ भी कहने से बचते नजर आते हैं, लेकिन बार-बार पूछने पर वह कहते हैं कि सेल की पर्सनल चार्टर प्लेन तो यहां से उड़ सकती है. लेकिन कमर्शियल फ्लाइट को उड़ने में कम से कम 7-8 महीने लग जाएंगे. वहीं, बोकारो के उपायुक्त कृपानंद झा का कहना है कि निर्माण कार्य तय समय में हो रहा है.

बोकारो: एक साल पहले जिला वासियों को सपना दिखाया गया था कि वह अब सीधे दिल्ली, पटना और कोलकाता उड़ान भर सकेंगे. इसकी घोषणा खुद मुख्यमंत्री रघुवर दास ने की थी. इस दौरान तब के नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा भी पहुंचे थे. यहां उन्होंने पीएम के हवाई चप्पल वाले भी हवाई यात्रा करेंगे वादे को दोहराया था, लेकिन यह वादा अबतक पूरा नहीं हो पाया.

देखें स्पेशल स्टोरी

मुख्यमंत्री ने लोगों से कहा था कि जनवरी से यहां उड़ान योजना के तहत घरेलू सस्ती विमान सेवा शुरू हो जाएगी. 25 अगस्त 2018 को मुख्यमंत्री ने बोकारो हवाई अड्डा का शिलान्यास किया था और इसका उद्घघाटन 25 दिसंबर को होना था. लेकिन जनवरी से जून और अब जुलाई बीतने को हैं, बोकारोवासियों के लिए अभी भी हवाई सफर एक सपना ही है. अभी एयरपोर्ट निर्माण कार्य गति जिस तरह की है, उसे देख यह कहना गलत नहीं होगा की यहां से विमान सेवा शुरू होने में साल भर से ज्यादा समय लग सकता है.

भवन का निर्माण है अधूरा
एयरपोर्ट निर्माण की बात करें तो यहां रनवे का काम लगभग पूरा हो चुका है. लेकिन अभी भवन निर्माण का काम अधूरा है. एयरपोर्ट निर्माण कार्य में मां अंबे कंस्ट्रक्शन कंपनी समेत 4 से अधिक कंपनियां काम कर रही हैं. जो एयरपोर्ट अथॉरिटी दिल्ली के द्वारा चयनित है. वहीं, एयरपोर्ट पर बनने वाले टावर का काम अभी शुरू ही नहीं हुआ है, तो वहीं चारदिवारी का काम भी अभी पूरा नहीं हो पाया है, क्योंकि एयरपोर्ट के पास अतिक्रमण कर रह रहे लोग अभी तक शिफ्ट नहीं किए गए हैं.

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बता दें कि एयरपोर्ट निर्माण के लिए करीब 7000 पेड़ों की कटाई होनी थी. इन 7000 में 15 सौ पेड़ों को शिफ्ट किया जाना था. लेकिन वन विभाग का कहना है कि पेड़ शिफ्ट नहीं होंगे. इसके बदले वन विभाग ने 15 हजार नए पेड़ लगाने की बात कही है. बाकी 5000 पेड़ों में से 3100 पेड़ों की ही कटाई हुईं है. इसके अलावा टर्मिनल निर्माण हो या फिर दूसरे काम अभी इसमें 1 साल से ज्यादा समय लग सकता है.

उड़ान भरने में लगेंगे और समय
यहां काम कर रहे ठेकेदार और इंजीनियर इस बारे में कुछ भी कहने से बचते नजर आते हैं, लेकिन बार-बार पूछने पर वह कहते हैं कि सेल की पर्सनल चार्टर प्लेन तो यहां से उड़ सकती है. लेकिन कमर्शियल फ्लाइट को उड़ने में कम से कम 7-8 महीने लग जाएंगे. वहीं, बोकारो के उपायुक्त कृपानंद झा का कहना है कि निर्माण कार्य तय समय में हो रहा है.

Intro:बोकारो वासियों को 1 साल पहले सपना दिखाया गया था की वह अब हवाई जहाज से सीधे यहां से दिल्ली पटना कोलकाता उड़ कर जा सकेंगे खुद मुख्यमंत्री रघुवर दास ने यहां आकर बड़े तामझाम से बोकारो एयरपोर्ट के नवीकरण का उद्घाटन किया था। तब तत्कालीन उद्यान राज्यमंत्री जयंत सिन्हा भी पहुंचे थे हवाई चप्पल वाले भी हवाई यात्रा करेंगे के प्रधानमंत्री के इस वादे को दोहराया था।


Body:तब मुख्यमंत्री ने लोगों से कहा था कि जनवरी से यहां से उड़ान योजना के तहत घरेलू सस्ती विमान सेवा शुरू हो जाएगी। लेकिन जनवरी, जून और अब जुलाई बीतने को हैं बोकारो वासियों के लिए अभी भी हवाई सफर एक सपना ही है। अभी एयरपोर्ट निर्माण की कार्य गति जिस तरह की है। उससे तो यह कहना गलत नहीं होगा की यहां से विमान सेवा शुरू होने में साल भर से ज्यादा लग सकते हैं।


Conclusion:बात एयरपोर्ट निर्माण की करें तो यहां रनवे का काम लगभग पूरा हो चुका है। लेकिन अभी भवन निर्माण का काम अधूरा है। एयरपोर्ट पर बनने वाले टावर का काम अभी शुरू ही नहीं हुआ है। तो वहीं चार दिवारी का काम भी अभी पूरा नहीं हो पाया है। क्योंकि एयरपोर्ट के पास तुम दीवार में जो अतिक्रमण हुआ है वहां से लोगों को अभी तक शिफ्ट नहीं किया जा सका है एयरपोर्ट निर्माण के लिए 10 हजार से ज्यादा पैरों की कटाई की जानी थी, या उन्हें शिफ्ट करना था वह काम भी पूरा नहीं हो पाया है। टर्मिनल निर्माण हो या फिर दूसरे काम अभी इसमें 1 साल से ज्यादा लग सकते हैं। यहां काम कर रहे ठेकेदार के इंजीनियर खुल के तो कुछ नहीं बोलते हैं। लेकिन बार-बार पूछने पर वह कहते हैं की सेल की पर्सनल चार्टर प्लेन तो यहां से उड़ सकती है। लेकिन कमर्शियल लाइट को उड़ने में यकम से कम 7-8महीने लग जाएंगे। वहीं बोकारो के उपायुक्त कृपानंद झा कहते हैं, निर्माण कार्य तय समय में हो रहा है।
यहां काम करने वाले इंजीनियर
कृपानंद झा, डीसी बोकारो

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