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ETV BHARAT IMPACT: अब मैं हो रहा हूं 'आजाद', फिर से बुझा सकूंगा लोगों की प्यास

बोकारो के खुदीबेड़ा गांव में कुछ महीने पहले बीच सड़क पर गाड़े गए चापानल को ईटीवी भारत में खबर प्रमुखता के साथ दिखाए जाने के बाद निकाला गया है. उपायुक्त कृपानंद झा के निर्देश पर हैंडपंप को उसके सही स्थान पर शिफ्ट कर दिया गया है. पीसीसी सड़क निर्माण के दौरान जनप्रतिनिधियों और विभाग की लापरवाही के कारण ऐसा हुआ था.

सड़क पर गड़ा हैंडपंप
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Published : Aug 15, 2019, 9:07 PM IST

Updated : Aug 15, 2019, 11:15 PM IST

बोकारो: खुदीबेड़ा गांव का यह हैंडपंप कुछ दिनों पहले तक कई लोगों की प्यास बुझाता था. लेकिन सिस्टम ने इस प्यास बुझाने वाले पंप को ही गले तक गाड़ दिया था. लेकिन ईटीवी भारत ने पहल करते हुए इस खबर को प्रमुखता से दिखाया और अब खबर का असर हुआ है.

देखें पूरी खबर

50 परिवार की बुझाता था प्यास
बता दें कि कुछ महीने पहले मीठा पानी देने वाले और 50 परिवार के गले को तर कर देने वाले हैंडपंप को गले तक गाड़ दिया गया था. जिसके बाद यह रोड पर आ गया और ऐसा बर्बाद हुआ कि अपनी टोटी में एक-एक बूंद पानी को तरस गया. पास के स्कूल के बच्चे भी इससे पानी पीते थे. उनके स्कूल का मिड डे मील भी इसी चापानल से बनता था.

ये भी पढ़ें- अब मैं किसी की प्यास नहीं बुझाता, मुझे गले तक गाड़ दिया गया है!

सड़क के बीचों-बीच गले तक गाड़ दिया गया
वहीं, विकास की धुन में जनप्रतिनिधि ऐसे रमे की हैंडपंप को सड़क पर ला छोड़ा. उनकी इस हैंडपंप पर ऐसी बुरी नजर लगी कि पीसीसी सड़क बनाने के नाम पर इसे सड़क के बीचों-बीच गले तक गाड़ दिया गया.

आए दिन लोग दुर्घटना का शिकार होने लगे
इस सड़क का लोकार्पण विधायक बबीता देवी और सांसद रविंद्र पांडेय दोनों ने बड़े ही धूमधाम से किया. शिलापट्टा भी लगे, लेकिन किसी ने यह नहीं देखा कि बीच सड़क पर एक हैंडपंप कैसे. चापानल जहां जमींदोज हो गया तो वहीं यह दुर्घटना का भी कारण बनने लगा. सड़क के बीचों- बीच होने की वजह से आए दिन यहां पर लोग दुर्घटना के शिकार होने लगे.

ये भी पढ़ें- झारखंड के महानायकों के बिना भारतीय स्वतंत्रता संग्राम अधूरी, जानिए सेनानियों की पूरी गाथा

ग्रामीणों ने ईटीवी भारत को दिया धन्यवाद
सिस्टम की बेहद ही लापरवाह कारस्तानी को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाया. उपायुक्त कृपानंद झा के संज्ञान में भी मामले को लाया गया. जिसके बाद सिस्टम हरकत में आई है, अब फिर से उस हैंडपंप को अपनी सही जगह मिल रही है. जिससे यहां के 50 परिवार में खुशी की लहर है. ग्रामीण ईटीवी भारत की पहल का स्वागत कर रहे हैं और उन्हें बार-बार धन्यवाद भी दे रहे.

बोकारो: खुदीबेड़ा गांव का यह हैंडपंप कुछ दिनों पहले तक कई लोगों की प्यास बुझाता था. लेकिन सिस्टम ने इस प्यास बुझाने वाले पंप को ही गले तक गाड़ दिया था. लेकिन ईटीवी भारत ने पहल करते हुए इस खबर को प्रमुखता से दिखाया और अब खबर का असर हुआ है.

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50 परिवार की बुझाता था प्यास
बता दें कि कुछ महीने पहले मीठा पानी देने वाले और 50 परिवार के गले को तर कर देने वाले हैंडपंप को गले तक गाड़ दिया गया था. जिसके बाद यह रोड पर आ गया और ऐसा बर्बाद हुआ कि अपनी टोटी में एक-एक बूंद पानी को तरस गया. पास के स्कूल के बच्चे भी इससे पानी पीते थे. उनके स्कूल का मिड डे मील भी इसी चापानल से बनता था.

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सड़क के बीचों-बीच गले तक गाड़ दिया गया
वहीं, विकास की धुन में जनप्रतिनिधि ऐसे रमे की हैंडपंप को सड़क पर ला छोड़ा. उनकी इस हैंडपंप पर ऐसी बुरी नजर लगी कि पीसीसी सड़क बनाने के नाम पर इसे सड़क के बीचों-बीच गले तक गाड़ दिया गया.

आए दिन लोग दुर्घटना का शिकार होने लगे
इस सड़क का लोकार्पण विधायक बबीता देवी और सांसद रविंद्र पांडेय दोनों ने बड़े ही धूमधाम से किया. शिलापट्टा भी लगे, लेकिन किसी ने यह नहीं देखा कि बीच सड़क पर एक हैंडपंप कैसे. चापानल जहां जमींदोज हो गया तो वहीं यह दुर्घटना का भी कारण बनने लगा. सड़क के बीचों- बीच होने की वजह से आए दिन यहां पर लोग दुर्घटना के शिकार होने लगे.

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ग्रामीणों ने ईटीवी भारत को दिया धन्यवाद
सिस्टम की बेहद ही लापरवाह कारस्तानी को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाया. उपायुक्त कृपानंद झा के संज्ञान में भी मामले को लाया गया. जिसके बाद सिस्टम हरकत में आई है, अब फिर से उस हैंडपंप को अपनी सही जगह मिल रही है. जिससे यहां के 50 परिवार में खुशी की लहर है. ग्रामीण ईटीवी भारत की पहल का स्वागत कर रहे हैं और उन्हें बार-बार धन्यवाद भी दे रहे.

Intro:एक मुहावरा है रोड पर ला देना। यानि कहीं का नहीं छोड़ना। यह मुहावरा किसी इंसान के बारे में कहा जाता है। अगर कोई नाराज हुआ तो खींच कर किसी को कह देता है कि वह उसे रोड पर ला देगा। मगर यह मुहावरा अगर किसी निर्जीव के लिए कहा जाए तो आपको आश्चर्य जरूर होगा। बोकारो में एक चापाकल के साथ ऐसा ही हुआ था। यहां मीठी पानी देने वाले और पचासों परिवार के गले को तर कर देने वाले हैंडपंप को गले तक गाड़ दिया गया था। जिसके बाद यह रोड पर आ गया और ऐसा बर्बाद हुआ कि खुद गले तक गड़ गया। और अपने टोटी में एक एक बूंद पानी को तरस गया। सिस्टम की ये शर्मनाक कहानी बोकारो के कसमार प्रखंड के खुदी बेड़ा गांव की है। कसमार से खैरा चातर जाने के रास्ते में पड़ता है खुदीबड़ा गांव। यहां सड़क पर एक चापाकल था जो अपनी प्यास के साथ-साथ लोगों की प्यास बुझाता था। पास के स्कूल के बच्चे भी इससे पानी पीते थे। उनके स्कूल का मध्यान भोजन भी इसी चापाकल से बनता था। पर एक दिन विकास की धुन में जनप्रतिनिधि ऐसा रमे की चापाकल को सड़क पर ला छोड़ा। इस चापाकल पर जनप्रतिनिधियों की ऐसी बुरी नजर लगी की चापाकल को सड़क के बीचो-बीच गले तक गाड़ दिया गया विकास के नाम पीसीसी सड़क बनाने के नाम पर।


Body:खुदी बेड़ा प्राथमिक स्कूल के पास इस हैंडपंप को जिस सड़क के बीचोबीच गाड़ा गया। उसी जगह गोमिया के विधायक बबीता देवी और तत्कालीन सांसद रविंद्र पांडे ने के उद्घाटन का शिलापट्ट लगा। बड़े धूमधाम से सड़क का उद्घाटन हुआ। लेकिन सड़क के बीचो बीच खड़ी हैंडपंप पर किसी की नजर नहीं गई। और यह हैंडपंप अकाल मौत के लिए विवश हो गया।
कभी तेज धारा के साथ जल उगलने वाला या चापाकल जहां जमीन में जमीनदोज हो गया तो वही यह दुर्घटना का भी कारण बनने लगा सड़क के बीचो बीच होने की वजह से आए दिन यहां पर लोग दुर्घटना के शिकार होने लगे।


Conclusion:सड़क के बीचो-बीच गले तक हैंडपंप को गाड़ देने वाली सिस्टम की इस शर्मनाक तस्वीर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाया था और इस बाबत जिले के उपायुक्त कृपानंद झा के संज्ञान में भी मामले को लाया था। जिसके बाद सिस्टम हरकत में आई है और अब बीच सड़क से हैंड पंप को उखाड़कर सड़क के किनारे गाड़ा जा रहा है। सड़क के किनारे अब 200 डीप बोरिंग कराई जा रही है। जिससे यहां के पचासों परिवार में खुशी की लहर है। स्कूल में भी पढ़ने वाले बच्चे भी खुश हैं। कि उन्हें अब पानी पीने के लिए स्कूल से ज्यादा दूर नहीं जाना पड़ेगा।
ग्रामीण ईटीवी भारत की सरकारी पहल का स्वागत कर रहे हैं और उन्हें बार-बार धन्यवाद कर रहे हैं तुम ही बोकारो के उपायुक्त कृपानंद झा भी प्रशंसा करते नहीं थक रहे है

bite
ग्रामीण
कृपानंद झा, उपायुक्त बोकारो
पीटीसी
note special पैकेज है इसलिए वॉइस ओवर नहीं किये हैं।
नोट इस खबर को चेयरमैन सर के सामने प्रजेंटेशन और खबर का असर के तौर पर मंगाया गया है।
Last Updated : Aug 15, 2019, 11:15 PM IST
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