बोकारो: खुदीबेड़ा गांव का यह हैंडपंप कुछ दिनों पहले तक कई लोगों की प्यास बुझाता था. लेकिन सिस्टम ने इस प्यास बुझाने वाले पंप को ही गले तक गाड़ दिया था. लेकिन ईटीवी भारत ने पहल करते हुए इस खबर को प्रमुखता से दिखाया और अब खबर का असर हुआ है.
50 परिवार की बुझाता था प्यास
बता दें कि कुछ महीने पहले मीठा पानी देने वाले और 50 परिवार के गले को तर कर देने वाले हैंडपंप को गले तक गाड़ दिया गया था. जिसके बाद यह रोड पर आ गया और ऐसा बर्बाद हुआ कि अपनी टोटी में एक-एक बूंद पानी को तरस गया. पास के स्कूल के बच्चे भी इससे पानी पीते थे. उनके स्कूल का मिड डे मील भी इसी चापानल से बनता था.
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सड़क के बीचों-बीच गले तक गाड़ दिया गया
वहीं, विकास की धुन में जनप्रतिनिधि ऐसे रमे की हैंडपंप को सड़क पर ला छोड़ा. उनकी इस हैंडपंप पर ऐसी बुरी नजर लगी कि पीसीसी सड़क बनाने के नाम पर इसे सड़क के बीचों-बीच गले तक गाड़ दिया गया.
आए दिन लोग दुर्घटना का शिकार होने लगे
इस सड़क का लोकार्पण विधायक बबीता देवी और सांसद रविंद्र पांडेय दोनों ने बड़े ही धूमधाम से किया. शिलापट्टा भी लगे, लेकिन किसी ने यह नहीं देखा कि बीच सड़क पर एक हैंडपंप कैसे. चापानल जहां जमींदोज हो गया तो वहीं यह दुर्घटना का भी कारण बनने लगा. सड़क के बीचों- बीच होने की वजह से आए दिन यहां पर लोग दुर्घटना के शिकार होने लगे.
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ग्रामीणों ने ईटीवी भारत को दिया धन्यवाद
सिस्टम की बेहद ही लापरवाह कारस्तानी को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाया. उपायुक्त कृपानंद झा के संज्ञान में भी मामले को लाया गया. जिसके बाद सिस्टम हरकत में आई है, अब फिर से उस हैंडपंप को अपनी सही जगह मिल रही है. जिससे यहां के 50 परिवार में खुशी की लहर है. ग्रामीण ईटीवी भारत की पहल का स्वागत कर रहे हैं और उन्हें बार-बार धन्यवाद भी दे रहे.