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झारखंड में होगी एजुकेशनल ग्रिड की स्थापना, रांची विवि-टेक्निकल यूनिवर्सिटी को जिम्मेदारी

कोरोना काल में विद्यार्थियों तक पठन-पाठन की तमाम सामग्री उपलब्ध हो सके. इसे देखते हुए उच्च शिक्षा विभाग की निगरानी में राज्य सरकार ने एजुकेशनल ग्रिड स्थापना को लेकर सहमति दे दी है. रांची विश्वविद्यालय और झारखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी को इसके लिए नोडल सेंटर बनाया गया है. इसके माध्यम से उच्च स्तर की पढ़ाई छात्रों तक पहुंचाने की योजना है. जिसमें पूरी तरह ऑनलाइन फॉर्मेट का उपयोग किया जाएगा और सूचना प्रौद्योगिकी की सहायता भी ली जाएगी.

Establishment of educational grid in jharkhand
झारखंड में होगी एजुकेशनल ग्रिड की स्थापना
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Published : Jul 28, 2020, 1:55 PM IST

Updated : Jul 28, 2020, 2:20 PM IST

रांचीः कोरोना काल में विद्यार्थियों तक पठन-पाठन के तमाम सामग्री उपलब्ध हो सके. इसे देखते हुए उच्च शिक्षा विभाग की निगरानी में राज्य सरकार ने एजुकेशनल ग्रिड स्थापना को लेकर सहमति दे दी है. रांची विश्वविद्यालय और झारखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी को इसके लिए नोडल सेंटर बनाया गया है.

देखें पूरी खबर
बता दें कि 2 महीना पहले एजुकेशनल ग्रिड बनाने को लेकर उच्च शिक्षा विभाग ने राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के साथ विचार विमर्श किया था. ग्रिड के तहत राज्य के तमाम विश्वविद्यालयों के विषय विशेषज्ञ प्रोफेसरों ने विद्यार्थियों तक सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग कर स्टडी मेटेरियल पहुंचाना उद्देश्य है और इस ग्रिड के संचालन में राज्य के तमाम विश्वविद्यालय सहयोग करेंगे. जिससे विद्यार्थी को इस ग्रिड का लाभ मिलेगा. इसमें अहम भूमिका रांची विश्वविद्यालय और झारखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी की होगी. इन दोनों विश्वविद्यालयों को मिलाकर एक नोडल सेंटर बनाया गया है. इसके माध्यम से उच्च स्तर की पढ़ाई छात्रों तक पहुंचाने की योजना है. जिसमें पूरी तरह ऑनलाइन फॉर्मेट का उपयोग किया जाएगा और सूचना प्रौद्योगिकी की सहायता भी ली जाएगी.
हर विद्यार्थी तक स्टडी मेटेरियल पहुंचाना उद्देश्य

रांची विश्वविद्यालय के कुलपति रमेश कुमार पांडेय ने जानकारी देते हुए कहा है कि इस ग्रिड का उद्देश्य होगा कि हर विद्यार्थी तक स्टडी मेटेरियल पहुंचाना. जिसमें सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थी भी शामिल है. टेक्निकल यूनिवर्सिटी के सहयोग से रांची विश्वविद्यालय उन तमाम विश्वविद्यालयों को एक मंच पर जोड़ने की कोशिश करेगी. अपने विश्वविद्यालय कैंपस से ही तमाम गतिविधियों को संचालित करने को लेकर विशेषज्ञ टेक्नीशियन की सहायता भी ली जाएगी. राज्य सरकार की ओर से इस दिशा में विश्वविद्यालय को हरी झंडी दे दी गई है. शिक्षा विभाग के सुझाव और टेक्निकल यूनिवर्सिटी, आरयू के मंतव्य के बाद ग्रिड को शुरू कर दिया जाएगा.

ये भी पढे़ं- चतरा: श्रम मंत्री बने किसान, खेतों में उतरकर की धानरोपनी, हल-बैल के साथ की जुताई

ग्रिड के जरिए मिलेगी तमाम जानकारी

पहली बार विद्यार्थियों को हर वह जानकारी दी जाएगी जो वह जानना चाहते हैं. विश्वविद्यालय के नोडल सेंटर ग्रिड चालू हो जाने के बाद यह बताने की स्थिति में होंगे की उनके विद्यार्थियों को क्या पढ़ाया जा रहा है. वह क्या पढ़ रहे हैं, कैसे पढ़ रहे हैं, कितनी देर तक पढ़ रहे हैं और इसका लक्ष्य क्या है. इसके अलावा विद्यार्थियों को इसका कितना फायदा हो रहा है. इसकी भी जानकारी विश्वविद्यालय के नोडल सेंटर से दी जाएगी.

ग्रिड को लेकर राज्य सरकार के उच्च शिक्षा विभाग पहले ही एक प्लान तैयार किया था. लेकिन वह प्लान धरातल पर अब तक नहीं उतारा जा सका है. एक बार फिर इसे लेकर विभाग की ओर से तत्परता दिखाई जा रही है. अब रांची विश्वविद्यालय और टेक्निकल विश्वविद्यालय की ओर से तमाम गतिविधियों को संचालित करने को लेकर राज्य सरकार का सहयोग करना होगा. इससे विद्यार्थियों को हर तरह से फायदा होगा.

रांचीः कोरोना काल में विद्यार्थियों तक पठन-पाठन के तमाम सामग्री उपलब्ध हो सके. इसे देखते हुए उच्च शिक्षा विभाग की निगरानी में राज्य सरकार ने एजुकेशनल ग्रिड स्थापना को लेकर सहमति दे दी है. रांची विश्वविद्यालय और झारखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी को इसके लिए नोडल सेंटर बनाया गया है.

देखें पूरी खबर
बता दें कि 2 महीना पहले एजुकेशनल ग्रिड बनाने को लेकर उच्च शिक्षा विभाग ने राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के साथ विचार विमर्श किया था. ग्रिड के तहत राज्य के तमाम विश्वविद्यालयों के विषय विशेषज्ञ प्रोफेसरों ने विद्यार्थियों तक सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग कर स्टडी मेटेरियल पहुंचाना उद्देश्य है और इस ग्रिड के संचालन में राज्य के तमाम विश्वविद्यालय सहयोग करेंगे. जिससे विद्यार्थी को इस ग्रिड का लाभ मिलेगा. इसमें अहम भूमिका रांची विश्वविद्यालय और झारखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी की होगी. इन दोनों विश्वविद्यालयों को मिलाकर एक नोडल सेंटर बनाया गया है. इसके माध्यम से उच्च स्तर की पढ़ाई छात्रों तक पहुंचाने की योजना है. जिसमें पूरी तरह ऑनलाइन फॉर्मेट का उपयोग किया जाएगा और सूचना प्रौद्योगिकी की सहायता भी ली जाएगी.हर विद्यार्थी तक स्टडी मेटेरियल पहुंचाना उद्देश्य

रांची विश्वविद्यालय के कुलपति रमेश कुमार पांडेय ने जानकारी देते हुए कहा है कि इस ग्रिड का उद्देश्य होगा कि हर विद्यार्थी तक स्टडी मेटेरियल पहुंचाना. जिसमें सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थी भी शामिल है. टेक्निकल यूनिवर्सिटी के सहयोग से रांची विश्वविद्यालय उन तमाम विश्वविद्यालयों को एक मंच पर जोड़ने की कोशिश करेगी. अपने विश्वविद्यालय कैंपस से ही तमाम गतिविधियों को संचालित करने को लेकर विशेषज्ञ टेक्नीशियन की सहायता भी ली जाएगी. राज्य सरकार की ओर से इस दिशा में विश्वविद्यालय को हरी झंडी दे दी गई है. शिक्षा विभाग के सुझाव और टेक्निकल यूनिवर्सिटी, आरयू के मंतव्य के बाद ग्रिड को शुरू कर दिया जाएगा.

ये भी पढे़ं- चतरा: श्रम मंत्री बने किसान, खेतों में उतरकर की धानरोपनी, हल-बैल के साथ की जुताई

ग्रिड के जरिए मिलेगी तमाम जानकारी

पहली बार विद्यार्थियों को हर वह जानकारी दी जाएगी जो वह जानना चाहते हैं. विश्वविद्यालय के नोडल सेंटर ग्रिड चालू हो जाने के बाद यह बताने की स्थिति में होंगे की उनके विद्यार्थियों को क्या पढ़ाया जा रहा है. वह क्या पढ़ रहे हैं, कैसे पढ़ रहे हैं, कितनी देर तक पढ़ रहे हैं और इसका लक्ष्य क्या है. इसके अलावा विद्यार्थियों को इसका कितना फायदा हो रहा है. इसकी भी जानकारी विश्वविद्यालय के नोडल सेंटर से दी जाएगी.

ग्रिड को लेकर राज्य सरकार के उच्च शिक्षा विभाग पहले ही एक प्लान तैयार किया था. लेकिन वह प्लान धरातल पर अब तक नहीं उतारा जा सका है. एक बार फिर इसे लेकर विभाग की ओर से तत्परता दिखाई जा रही है. अब रांची विश्वविद्यालय और टेक्निकल विश्वविद्यालय की ओर से तमाम गतिविधियों को संचालित करने को लेकर राज्य सरकार का सहयोग करना होगा. इससे विद्यार्थियों को हर तरह से फायदा होगा.

Last Updated : Jul 28, 2020, 2:20 PM IST
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