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बोकारो विधानसभा सीट: कांग्रेस ने संजय कुमार का टिकट काटकर श्वेता सिंह को बनाया उम्मीदवार - assembly elections 2019

बोकारो विधानसभा सीट से कांग्रेस ने संजय कुमार का टिकट काटकर श्वेता सिंह को उम्मीदवार बनाया है. इससे नाराज संजय कुमार ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है.

बोकारो विधानसभा सीट
कांग्रेस उम्मीदवार
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Published : Nov 26, 2019, 10:58 AM IST

बोकारो: झारखंड विधानसभा चुनाव में बोकारो विधानसभा सीट से कांग्रेस ने संजय कुमार का टिकट काट दिया. इसके बाद संजय कुमार ने बगावती तेवर दिखाते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है.

वीडियो में देखें पूरी खबर

दरअसल, एक सप्ताह पहले कांग्रेस ने बोकारो जिला परिषद के सदस्य संजय कुमार को अपना उम्मीदवार घोषित किया था. संजय कुमार ने सिंबल लेकर अपना काम भी शुरू कर दिया था, लेकिन उनका टिकट काटकर श्वेता सिंह को पार्टी ने नया उम्मीदवार बनाने का ऐलान कर दिया. पार्टी के इस फैसले के बाद संजय ने भी निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है.

ये भी पढ़ें- बिशुनपुर सीट पर है JMM का कब्जा, अंजनी पुत्र की जन्मस्थली के रूप में है मशहूर

इधर, उम्मीदवार घोषित होने के बाद श्वेता सिंह जब बोकारो आईं तो कार्यकर्ताओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया. कांग्रेस प्रत्याशी बनकर आईं श्वेता सिंह की राजनीतिक पृष्ठभूमि रही है. बिहार का बांका जिला उनका मायका रहा है और श्वेता सिंह दिवंगत नेता दिग्विजय सिंह की भतीजी हैं. उनकी शादी झारखंड की राजनीति में एक जमाने में अपना अहम रोल निभाने वाले समरेश सिंह के बेटे से हुई. भाजपा को फर्श से अर्श तक ले जानेवाले समरेश सिंह का राजनीतिक कैरियर भी काफी उतार चढ़ाव भरा रहा है. समरेश सिंह पिछले चुनाव में बोकारो से निर्दलीय चुनाव लड़कर हार चुके हैं. अब उनका स्वास्थ्य भी उनको सक्रिय तौर पर राजनीति करने से रोकने लगा है. इन हालातों में कांग्रेस से उनकी बहू श्वेता को उम्मीदवार बनाया जाना उनके लिए काफी मायने रखता है.

श्वेता सिंह मानती हैं कि किसी का टिकट कट जाए तो तकलीफ जरूर होती है, लेकिन आलाकमान ने जरूर कुछ न कुछ उनमें देखा होगा और उनको उम्मीदवार बनाया होगा. उनकी माने, तो रूठे हुए लोगों को वो मनाएंगी और उनका आर्शीवाद लेकर चुनाव में अपनी जीत तय करेंगी.

बोकारो: झारखंड विधानसभा चुनाव में बोकारो विधानसभा सीट से कांग्रेस ने संजय कुमार का टिकट काट दिया. इसके बाद संजय कुमार ने बगावती तेवर दिखाते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है.

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दरअसल, एक सप्ताह पहले कांग्रेस ने बोकारो जिला परिषद के सदस्य संजय कुमार को अपना उम्मीदवार घोषित किया था. संजय कुमार ने सिंबल लेकर अपना काम भी शुरू कर दिया था, लेकिन उनका टिकट काटकर श्वेता सिंह को पार्टी ने नया उम्मीदवार बनाने का ऐलान कर दिया. पार्टी के इस फैसले के बाद संजय ने भी निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है.

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इधर, उम्मीदवार घोषित होने के बाद श्वेता सिंह जब बोकारो आईं तो कार्यकर्ताओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया. कांग्रेस प्रत्याशी बनकर आईं श्वेता सिंह की राजनीतिक पृष्ठभूमि रही है. बिहार का बांका जिला उनका मायका रहा है और श्वेता सिंह दिवंगत नेता दिग्विजय सिंह की भतीजी हैं. उनकी शादी झारखंड की राजनीति में एक जमाने में अपना अहम रोल निभाने वाले समरेश सिंह के बेटे से हुई. भाजपा को फर्श से अर्श तक ले जानेवाले समरेश सिंह का राजनीतिक कैरियर भी काफी उतार चढ़ाव भरा रहा है. समरेश सिंह पिछले चुनाव में बोकारो से निर्दलीय चुनाव लड़कर हार चुके हैं. अब उनका स्वास्थ्य भी उनको सक्रिय तौर पर राजनीति करने से रोकने लगा है. इन हालातों में कांग्रेस से उनकी बहू श्वेता को उम्मीदवार बनाया जाना उनके लिए काफी मायने रखता है.

श्वेता सिंह मानती हैं कि किसी का टिकट कट जाए तो तकलीफ जरूर होती है, लेकिन आलाकमान ने जरूर कुछ न कुछ उनमें देखा होगा और उनको उम्मीदवार बनाया होगा. उनकी माने, तो रूठे हुए लोगों को वो मनाएंगी और उनका आर्शीवाद लेकर चुनाव में अपनी जीत तय करेंगी.

Intro:बोकारो विधान सभा से कांग्रेस की ओर से उम्मीदवार बनाकर बेटिकट कर दिए गए संजय कुमार ने बगावती तेवर अपना कर निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। कांग्रेस टिकट मिल जाने के बाद पहले जिस शक्ति से बोकारो की सीट को कांग्रेस की झोली मे डालने की कवायद की जा रही थी अब उससे ज्यादा शक्ति से कांग्रेस को पछाड़ कर बोकारो विधान सभा से उसकी मिटटी पलीद कर देने की कोशिशें तेज हो गयी हैं। इधर कांग्रेस की प्रत्याशी बनकर नयी दिल्ल से बोकारो आयीं श्वेता सिंह ने सबको मनाकर अपनी नैया पार लगाने की अपील की है।
बोकारो विधान सभा क्षेत्र कई मामलों में झारख्ंाड में अपनी अलग पहचान रखता है। सबसे ज्यादा मतदातावाले विधान सभा की इस सीट से वैसे तो कई उम्मीदवार अपवनी किस्मत आजमाने की तैयारी में हैं। लेकिन यहां कांग्रेस ने अपने फैसले से अपने कार्यकत्र्ताओं को बेहद निराश ही नहीं किया बल्कि कई को बगावत करने पर भी मजबूर कर दिया है। एक सप्ताह पहले कांग्रेस ने बोकारो जिला परिषद के सदस्य को अपना उम्मीदवार बनाकर फील्ड मे भेजा था और घोषित प्रत्याशी संजय कुमार ने ने सिंबल लेकर अपना काम भी शुरू कर दिया था, पर चंद दिनों बाद ही उनका टिकट काटकर उन्हें बेटिकट कर दिया गया और श्वेता सिंह को पार्टी ने नया उम्मीदवार बनाने का ऐलान कर दिया। इस सूचना ने एक तबका को बेहद निराश किया तो एक तबका उत्साह से भर गया है। अपनी उम्मीदवारी की घोषणा के बाद कांग्रेस जिन्दाबाद, सोनियां राहुल जिन्दाबाद कहते नहीं थकनेवाले संजय अब बेटिकट कर दिए जाने से बगावती तेवर में हैंै। Body:उनका बेटिकट किया जाना ब्रहार्षि समाज को भी नहीं सुहा रहा है। अब संजय कुमार निर्दल चुनाव लड़कर कांग्रेस की मिट्टी पलीद कर देने के काम में जुट गए हैं। वैसे उनका दावा है कि वे कांग्रंेस को हराने के लिए नहीं बल्कि अपनी जीत के लिए लड़ेंगे और कांग्रेस उनसे पराजित होगी।
बाईट- संजय कुमार, बेटिकट कांग्रेस प्रत्याशी, बोकारो विधान सभा क्षेत्र।
इधर कांग्रेस ने जिस प्रत्याशी पर भरोसा किया है वह श्वेता सिंह जब बोकारो आयीं तो उनका गर्म जोशी से स्वागत किया गया और उनके स्वागत में जन सैलाब ही उमड़ पड़ा। कांग्रेस प्रत्याशी बनकर आयीं श्वेता सिंह की राजनीतिक पृष्ठभूमि रही है। बिहार की बांका जिला उनका मायका रहा है और श्वेता सिंह दिवंगत नेता दिग्विजय सिंह की भतीजी हैं तथा उनकी शादी भी हुई तो झारख्ंाड की राजनीति में एक जमाने में अपना अहम रोल निभानेवाले समरेश सिंह के पुत्र से। भाजपा को फर्श से अर्श तक ले जानेवाले समरेश सिंह का राजनीतिक कैरियर भी काफी उतार चढ़ाव भरा रहा है। Conclusion:कभी भाजपा, कभी निर्दल, कभी अपनी पार्टी बनाकर चुनाव लडने व जीतने हारने का रिर्काड बनानेवाले समरेश सिंह पिछले चुनाव में बोकारो से निर्दल चुनाव लडकर हार चुके हैं। अब उनका स्वास्थ्य भी उनको सक्रिय तौर पर राजनीति करने से रेाकने लगा हैं इस हालत में कांग्रेस से उनकी बहू श्वेता का उम्मीदवार बनाया जाना उनके लिए काफी मायने रखता है। श्वेता सिंह मानती है कि किसी का टिकट कट जाय तो पीड़ा जरूर होती है, लेकिन आलाकमान ने जरूर कुछ ना कुछ उनमें देखा होगा और उनका प्रत्याशी बनाया होगा। उनकी मानें तो रूठे हुए लोगों को वे मनायेंगी और उनका आर्शीवाद लेकर चुनाव में अपनी जीत करेंगी।
कांग्रेस से बगावत कर अपने अपमान का बदला लेने के लिए चुनाव लड़े रहे संजय कुमार को कई दलों का समर्थन उनके मनोबल को बढ़ाने लगा है। स्वर्गीय एकेराय की पार्टी माक्र्सवादी समन्वय समिति ने उनको अपना समर्थन देने का ऐलान कर कांग्रेस के चरित्र पर अफसोस जाहिर किया है।
कांग्रेस के इस फैसले ने सबको मर्माहत किया है। वैसे बोकारो से 20 लोगों ने कांग्रेस से टिकट की माग की थी। उनमें से एक को ही टिकट मिलना था। पर जिस तरह से टिकट देने के बाद उम्मीदवार को बेटिकट किया गया उसने विरोध की हवा तेज कर दी है। अब देखना है कि ऐसी बयार में कांग्रेस किस तरह से अपनी चुनावी नैया पार लगाती है। एक तरफ कांग्रेस के विरोध की हवा चल रही है और दूसरी ओर अबकी बार 65 पार का नारा लगाकर चुनाव मैदान मे उतरी भाजपा पूरे दम खम से मैदान मे उतर रही है। देखना होगा कि कांग्रेस हवा हवाई होती है या उसका कुनबा किस तरह से भाजपा के 65 पार के दावे की हवा निकाल पाता है।
संजय सिंह कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी
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